जबलपुर। जबलपुर दूध की बड़ी मंडी है. यहां लाखों लीटर दूध का उत्पादन होता है. यहां से दूसरे शहरों में भी दूध की सप्लाई भारी मात्रा में होती है. गर्मी आते ही दूध उत्पादक दूध के दाम बढ़ा देते हैं. इस बार भी कीमत में इजाफा हुआ है, जिससे मध्यमवर्गीय तबके का बजट बिगड़ गया है. आलम ये है कि 53-55 रुपये लीटर दूध मिल रहा है. पहले दूध की कीमत 50 रूपये थी. यानी 3-5 रूपये बढ़ाए गए हैं.
दूध के दाम बढ़ने से न सिर्फ आम आदमी बल्कि बीमार मरीज और बच्चे भी परेशान हो जाते हैं. शहर में दूध के दामों को लेकर हमेशा राजनीति भी होती रही है. बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी नेतागिरी दूध के दामों के खिलाफ आंदोलन के साथ शुरू की थी. शहर के कई संगठन दूध के दामों को लेकर हाई कोर्ट भी जा चुके हैं.
हाई कोर्ट ने दूध के दाम कम करने के लिए दखल भी दिया. शहर के एक सामाजिक संगठन की जनहित याचिका कोर्ट में पेंडिंग है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही दूध के दामों को बढ़ाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. इसलिए प्रशासन ने कई डेयरियों पर छापा मारा और गंदगी के खिलाफ जुर्माने किए हैं. लेकिन चुनाव की वजह से प्रशासन के तमाम अधिकारी कर्मचारी इलेक्शन में व्यस्त हो गये.
इसी का फायदा उठाकर डेयरी मालिकों ने दूध के दामों में इजाफा कर दिया है. डेरी मालिकों का तर्क होता है डेयरी उद्योग में लागत में बढ़ रही है. भैंस की कीमत डेढ़ लाख रुपए पहुंच गई है. दाने और दवाई की कीमत भी बढ़ गई है. इस वजह से दाम बढ़ाना मजबूरी है.