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जबलपुर में दूध के दामों में भारी इजाफा, मध्यमवर्गीय तबके का बिगड़ा बजट - 53-55 रुपये लीटर

जबलपुर में दूध के दामों में इजाफा हुआ है. जिससे लोग परेशान हैं. उनके धर का बजट बिगड़ चुका है. आलम ये है कि 53-55 रुपये लीटर दूध मिल रहा है. हले दूध की कीमत 50 रूपये थी. यानी 3-5 रूपये बढ़ाए गए हैं.

दूध के दामों में इजाफा
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Published : May 20, 2019, 11:49 AM IST

Updated : May 21, 2019, 12:00 AM IST

जबलपुर। जबलपुर दूध की बड़ी मंडी है. यहां लाखों लीटर दूध का उत्पादन होता है. यहां से दूसरे शहरों में भी दूध की सप्लाई भारी मात्रा में होती है. गर्मी आते ही दूध उत्पादक दूध के दाम बढ़ा देते हैं. इस बार भी कीमत में इजाफा हुआ है, जिससे मध्यमवर्गीय तबके का बजट बिगड़ गया है. आलम ये है कि 53-55 रुपये लीटर दूध मिल रहा है. पहले दूध की कीमत 50 रूपये थी. यानी 3-5 रूपये बढ़ाए गए हैं.

जबलपुर में दूध के दामों में भारी इजाफा

दूध के दाम बढ़ने से न सिर्फ आम आदमी बल्कि बीमार मरीज और बच्चे भी परेशान हो जाते हैं. शहर में दूध के दामों को लेकर हमेशा राजनीति भी होती रही है. बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी नेतागिरी दूध के दामों के खिलाफ आंदोलन के साथ शुरू की थी. शहर के कई संगठन दूध के दामों को लेकर हाई कोर्ट भी जा चुके हैं.

हाई कोर्ट ने दूध के दाम कम करने के लिए दखल भी दिया. शहर के एक सामाजिक संगठन की जनहित याचिका कोर्ट में पेंडिंग है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही दूध के दामों को बढ़ाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. इसलिए प्रशासन ने कई डेयरियों पर छापा मारा और गंदगी के खिलाफ जुर्माने किए हैं. लेकिन चुनाव की वजह से प्रशासन के तमाम अधिकारी कर्मचारी इलेक्शन में व्यस्त हो गये.

इसी का फायदा उठाकर डेयरी मालिकों ने दूध के दामों में इजाफा कर दिया है. डेरी मालिकों का तर्क होता है डेयरी उद्योग में लागत में बढ़ रही है. भैंस की कीमत डेढ़ लाख रुपए पहुंच गई है. दाने और दवाई की कीमत भी बढ़ गई है. इस वजह से दाम बढ़ाना मजबूरी है.

जबलपुर। जबलपुर दूध की बड़ी मंडी है. यहां लाखों लीटर दूध का उत्पादन होता है. यहां से दूसरे शहरों में भी दूध की सप्लाई भारी मात्रा में होती है. गर्मी आते ही दूध उत्पादक दूध के दाम बढ़ा देते हैं. इस बार भी कीमत में इजाफा हुआ है, जिससे मध्यमवर्गीय तबके का बजट बिगड़ गया है. आलम ये है कि 53-55 रुपये लीटर दूध मिल रहा है. पहले दूध की कीमत 50 रूपये थी. यानी 3-5 रूपये बढ़ाए गए हैं.

जबलपुर में दूध के दामों में भारी इजाफा

दूध के दाम बढ़ने से न सिर्फ आम आदमी बल्कि बीमार मरीज और बच्चे भी परेशान हो जाते हैं. शहर में दूध के दामों को लेकर हमेशा राजनीति भी होती रही है. बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी नेतागिरी दूध के दामों के खिलाफ आंदोलन के साथ शुरू की थी. शहर के कई संगठन दूध के दामों को लेकर हाई कोर्ट भी जा चुके हैं.

हाई कोर्ट ने दूध के दाम कम करने के लिए दखल भी दिया. शहर के एक सामाजिक संगठन की जनहित याचिका कोर्ट में पेंडिंग है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही दूध के दामों को बढ़ाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. इसलिए प्रशासन ने कई डेयरियों पर छापा मारा और गंदगी के खिलाफ जुर्माने किए हैं. लेकिन चुनाव की वजह से प्रशासन के तमाम अधिकारी कर्मचारी इलेक्शन में व्यस्त हो गये.

इसी का फायदा उठाकर डेयरी मालिकों ने दूध के दामों में इजाफा कर दिया है. डेरी मालिकों का तर्क होता है डेयरी उद्योग में लागत में बढ़ रही है. भैंस की कीमत डेढ़ लाख रुपए पहुंच गई है. दाने और दवाई की कीमत भी बढ़ गई है. इस वजह से दाम बढ़ाना मजबूरी है.

Intro:जबलपुर के लोगों पर महंगाई की दोहरी मार ₹53 लीटर पहुंचा दूध लोकसभा चुनाव की आड में डेरी मालिकों ने बढ़ाए दूध के दाम


Body:जबलपुर दूध की बड़ी मंडी है जबलपुर में लाखों लीटर दूध का उत्पादन होता है जबलपुर से न सिर्फ शहर में बल्कि महाकौशल की दूसरे इलाकों में और नागपुर तक दूध की सप्लाई की जाती है लेकिन गर्मी आते ही जबलपुर के दूध उत्पादक दूध के दाम बढ़ा देते हैं इस बार भी जबलपुर में दूध के दाम बढ़ा दिए गए हैं अब जबलपुर में दूध 53 से ₹55 लीटर तक बिक रहा है आम आदमी के घर के बजट में दूध का बड़ा हिस्सा होता है और दूध के दाम बढ़ने से न सिर्फ आम आदमी बल्कि बीमार और बच्चे भी परेशान हो जाते हैं

जबलपुर में दूध के दामों को लेकर हमेशा राजनीति भी होती रही है भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी नेतागिरी ही दूध के दामों पर आंदोलन करके शुरू की थी यहां तक की शहर के कई संगठन दूध के दामों को लेकर हाई कोर्ट जा चुके हैं हाई कोर्ट ने दूध के दाम कम करने के लिए दखल भी दिया अभी भी शहर के एक सामाजिक संगठन की जनहित याचिका कोर्ट में पेंडिंग है

लोकसभा चुनाव के पहले से ही दूध के दामों को बढ़ाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी इसलिए प्रशासन ने कई डेयरियों पर छापा मारा और गंदगी के खिलाफ जुर्माने की है लेकिन लोकसभा चुनाव की वजह से प्रशासन के तमाम अधिकारी कर्मचारी चुनाव में व्यस्त हो गए और इसी का फायदा उठाकर डेयरी मालिकों ने है दूध के दाम बढ़ा दिए


Conclusion:डेरी मालिकों का रडा रडाया तर्क होता है डेयरी उद्योग में लागत में बढ़ रही हैं भैंस की कीमत डेढ़ लाख रुपए पहुंच गई है दाने और दवाई की कीमत भी बढ़ गई है इस वजह से दूध के दाम बढ़ाना जरूरी है वहीं गर्मियों में जानवर दूध कम देने लगते हैं इसलिए भी दूध के दाम बढ़ाए जाते हैं अब देखना है कि इस मामले में क्या सरकार बदल देगी या फिर लोगों को महंगे दामों पर ही दूध खरीदना होगा
Last Updated : May 21, 2019, 12:00 AM IST
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