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प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, HC ने सरकार से मांगा जवाब - migrant laborers do not get the benefit

लॉकडाउन में घर लौटे मजदूरों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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Published : Jun 17, 2020, 9:35 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रवासी मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के मामले में जवाब मांगा है, वैश्विक महामारी के चलते वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को शासकीय योजना का लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.

बंधुआ मुक्ति मोर्चा की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर प्रदेश में लौट रहे हैं. प्रवासी मजदूरों को खाद्य और आर्थिक मदद करने के लिए कई शासकीय योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि प्रवासी मजदूर अपना जीवन-यापन कर सकें. याचिका में कहा गया है कि दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजूदरों को किसी प्रकार की शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. याचिका के साथ वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के नाम की सूची आधार कार्ड के साथ प्रस्तुत की गयी थी.

याचिका में कहा गया था कि शासकीय योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है. इस मामले में हाईकोर्ट की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सन्नो शगुफ्ता खान ने पैरवी की.

जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रवासी मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के मामले में जवाब मांगा है, वैश्विक महामारी के चलते वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को शासकीय योजना का लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.

बंधुआ मुक्ति मोर्चा की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर प्रदेश में लौट रहे हैं. प्रवासी मजदूरों को खाद्य और आर्थिक मदद करने के लिए कई शासकीय योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि प्रवासी मजदूर अपना जीवन-यापन कर सकें. याचिका में कहा गया है कि दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजूदरों को किसी प्रकार की शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. याचिका के साथ वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के नाम की सूची आधार कार्ड के साथ प्रस्तुत की गयी थी.

याचिका में कहा गया था कि शासकीय योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है. इस मामले में हाईकोर्ट की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सन्नो शगुफ्ता खान ने पैरवी की.

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