जबलपुर। हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ रही सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर के खिलाफ प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. प्रबंधन का कहना कोई भी सरकारी कर्मचारी इस तरह के प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता है. ये नोटिस जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ने जारी किया है
हाथरस इसलिए गई थी ताकि पीड़ित परिवार के साथ समय बीता सके
जबलपुर मेडिकल कॉलेज की फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की लेक्चरर डॉक्टर राजकुमारी बंसल हाथरस गई थी, और वहां पीड़ित परिवार के साथ चार दिनों तक रही थी. इस पर राजकुमारी बंसल का कहना है कि उन्होंने इस दौरान पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति व्यक्त की. उनका मानना है कि किसी के साथ सहानुभूति व्यक्त करना या किसी पीड़ित परिवार से मिलना या किसी की मदद करना सरकारी नियमों के खिलाफ नहीं है. डॉक्टर राजकुमारी बंसल का कहना है कि यदि इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहता है, तो वह कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर नौकरी छोड़ने को कहा जाएगा, तो भी वो तैयार हैं लेकिन वे किसी के साथ ज्यादती होते हुए नहीं देख सकती हैं. इसलिए वह हाथरस गई थी, और उन्होंने पीड़ित परिवार के साथ समय बिताया था.
सरकारी अधिकारी और कर्मचारी नहीं ले सकता प्रदर्शन में हिस्सा- डीन
वहीं इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर पीके कसार का कहना है कि राज कुमारी बंसल ने निजी कारणों से छुट्टी ली थी, ऐसा आवेदन भी उन्होंने दिया है. लेकिन यह निजी कारण नहीं हो सकता, और यूपी के हाथरस जाकर आंदोलन में हिस्सा बनना सरकारी नियमों के खिलाफ है. कोई भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हो सकता है. इसलिए इस पूरे मामले की जांच की जाएगी, और राजकुमारी बंसल से कारण बताओ नोटिस जारी करके यह पूछा जाएगा, कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया, और क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा, कि यदि उनके खिलाफ कार्रवाई होती है, तो वे उसका सामना करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है, तो वो एससी-एसटी से जुड़े संगठन के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगी.
क्या था मामला
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया था, वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज की लेक्चरार निकली. अपने ऊपर लगे आरोप पर डॉक्टर राज कुमारी बंसल सफाई देते हुए कहा कि वे पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थी. उनके ऊपर जो भी आरोप लगे वह गलत और वह हर क किस्म की जांच के लिए तैयार है.
अपने ऊपर लगे आरोपों को किया खारिज
जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर राज कुमारी बंसल का कहना है कि वे हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ 4 दिन रह कर आईं हैं. उत्तर प्रदेश एसआईटी ने डॉक्टर राजकुमारी बंसल को अपनी संदिग्ध सूची में रखा है. जिसमें उन्हें नक्सली बताया जा रहा है, लेकिन राजकुमारी बंसल ने इस आरोप को सिरे से नकारा है. उनका कहना है कि वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर हैं और वे हाथरस केवल इसलिए गई थी, क्योंकि उनकी पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति थी. इसके अलावा उन्होंने वहां न तो किसी को भड़काया है, और न ही कोई गलत बयान दिया.
पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने गई थी- राजकुमारी बंसल
राजकुमारी बंसल का कहना है कि उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. उनकी पीड़ा सिर्फ इतनी थी, कि एक पीड़ित दलित लड़की का जिस तरह से प्रशासन ने रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया और मामले को खत्म करने की कोशिश की. उसमें वह परिवार अकेला पड़ गया था, इसलिए वो उस परिवार के साथ सहानुभूति देने के लिए गई थी. उनकी मानसिकता किसी को उकसाने की नहीं थी. वे इस बात से व्यथित हैं, कि पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह नहीं करना चाहिए था.
हाथरस मामले में नक्सल कनेक्शन की बात आई थी सामने
यूपी के हाथरस मामले में फिलहाल जांच चल रही है. जांच के दौरान मामले में नक्सल कनेक्शन की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी, और 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर नक्सली महिला बड़ी साजिश रच रही थी और परिवार को उकसाने का काम कर रही थी. जिसके बाद से पुलिस, मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी हुई थी.