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भारत-चीन सीमा विवाद: भाई की शहादत की खबर मिलते ही जबलपुर से कोलकाता के लिए रवाना हुए देवाशीष

लद्दाख स्थित चीन सीमा पर चीनी सैनिकों के हमले में पश्चिम बंगाल के एक जवान राजेश ओरांग भी शहीद हो गए हैं. उनके भाई देवाशीष ओरांग जबलपुर स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री में कार्यरत हैं. भाई के निधन के बाद वे जबलपुर से कोलकाता के लिए जाने के लिए रवाना हो गए. पढ़िए पूरी खबर....

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Published : Jun 17, 2020, 2:02 AM IST

Updated : Jun 17, 2020, 2:34 PM IST

Rajesh martyred in West Bengal jawan in Chinese army attack
चीनी सेना के हमले में पश्चिम बंगाल के जवान राजेश शहीद

जबलपुर। सोमवार रात को लद्दाख में चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए. इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. उसके 43 सैनिक हताहत हुए हैं. भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई मुठभेड़ में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले जवान राजेश ओरांग भी शहीद हो गए हैं. जैसे ही उनके भाई देवाशीष ओरांग को सूचना मिली कि उनके भाई का निधन हो गया है, वे शोक में डूब गए. अपने भाई के अंतिम संस्कार में उन्हें तुरंत ही पहुंचना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते साधनों का अभाव बड़ी समयस्या बन गई है.

देश के लिए शहादत

देवाशीष के साथियों को इसकी खबर लगी तो सभी देवाशीष को पश्चिम बंगाल पहुंचाने में जुट गए. राजेश के भाई देवाशीष ओरांग ने बताया कि उनके भाई ने 2016 में बिहार रेजिमेंट ज्वाइन किया था. बचपन से ही राजेश की इच्छा थी कि वे सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करें. हाल ही में जब अपनी बहन के शादी में राजेश घर आए थे तो वे फोटो भी हमें देखने को मिली. इस फोटो में वे अपनी बहन के साथ बैठे हुए हैं, जिसमें देवाशीष भी हैं. इस दौरान तीनों भाई-बहन काफी खुश नजर आ रहे थे. शहीद राजेश के भाई देवाशीष ने बताया कि बचपन से ही राजेश की जो हरकतें थी, वह सैनिकों जैसी थीं. यही वजह है कि इन्होंने राजेश को सलाह दी थी कि वे सेना में भर्ती हो जाएं.

शहीद राजेश के भाई देवाशीष जबलपुर में पदस्थ

शहीद राजेश ओरांग के भाई देवाशीष ओरांग केंद्रीय सुरक्षा संस्थान ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में पदस्थ हैं. कर्मचारियों को जैसे ही पता चला कि देवाशीष के भाई राजेश मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं, वैसे ही सभी कर्मचारी एकजुट हो गए. किसी तरह से देवाशीष को उनके घर तक पहुंचाना था. लिहाजा कर्मचारियों ने देवाशीष को कोलकाता तक पहुंचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. कर्मचारियों की मदद से देवाशीष जबलपुर से रायपुर तक कार से जाएंगे. उसके बाद रायपुर से फ्लाइट के जरिए वे कोलकाता पहुंचेंगे.

जबलपुर। सोमवार रात को लद्दाख में चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए. इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. उसके 43 सैनिक हताहत हुए हैं. भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई मुठभेड़ में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले जवान राजेश ओरांग भी शहीद हो गए हैं. जैसे ही उनके भाई देवाशीष ओरांग को सूचना मिली कि उनके भाई का निधन हो गया है, वे शोक में डूब गए. अपने भाई के अंतिम संस्कार में उन्हें तुरंत ही पहुंचना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते साधनों का अभाव बड़ी समयस्या बन गई है.

देश के लिए शहादत

देवाशीष के साथियों को इसकी खबर लगी तो सभी देवाशीष को पश्चिम बंगाल पहुंचाने में जुट गए. राजेश के भाई देवाशीष ओरांग ने बताया कि उनके भाई ने 2016 में बिहार रेजिमेंट ज्वाइन किया था. बचपन से ही राजेश की इच्छा थी कि वे सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करें. हाल ही में जब अपनी बहन के शादी में राजेश घर आए थे तो वे फोटो भी हमें देखने को मिली. इस फोटो में वे अपनी बहन के साथ बैठे हुए हैं, जिसमें देवाशीष भी हैं. इस दौरान तीनों भाई-बहन काफी खुश नजर आ रहे थे. शहीद राजेश के भाई देवाशीष ने बताया कि बचपन से ही राजेश की जो हरकतें थी, वह सैनिकों जैसी थीं. यही वजह है कि इन्होंने राजेश को सलाह दी थी कि वे सेना में भर्ती हो जाएं.

शहीद राजेश के भाई देवाशीष जबलपुर में पदस्थ

शहीद राजेश ओरांग के भाई देवाशीष ओरांग केंद्रीय सुरक्षा संस्थान ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में पदस्थ हैं. कर्मचारियों को जैसे ही पता चला कि देवाशीष के भाई राजेश मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं, वैसे ही सभी कर्मचारी एकजुट हो गए. किसी तरह से देवाशीष को उनके घर तक पहुंचाना था. लिहाजा कर्मचारियों ने देवाशीष को कोलकाता तक पहुंचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. कर्मचारियों की मदद से देवाशीष जबलपुर से रायपुर तक कार से जाएंगे. उसके बाद रायपुर से फ्लाइट के जरिए वे कोलकाता पहुंचेंगे.

Last Updated : Jun 17, 2020, 2:34 PM IST
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