जबलपुर। अधेड़ उम्र की महिला पर चाकू की नोंक पर अपहरण कर जबरन शादी करने का आरोप लगाते हुए कृषि विभाग के कर्मचारी ने हाईकोर्ट (Jabalpur High court) में याचिका दायर की थी. इस मामले में जस्टिस संजय द्विवेदी (Justice Sanjay diwedi) की एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर (Jabalpur police Superintendent) को निर्देशित किया है कि महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज (FIR Registered in Jabalpur) करने से पहले सच्चाई की जांच करें. एकलपीठ ने आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया है.
शिकायत के बावजूद पुलिस ने नहीं दिया ध्यान
सूजीपुरा निवासी रिंकेश केशरवानी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि वह कृषि विभाग (Agriculture Department Jabalpur) में कार्यरत है. विभाग में आउट सोर्सेस में काम करने वाली पार्वती नामक एक महिला, जिसकी उम्र 50 वर्ष करीब है, उससे एक तरफा प्यार (One side love in Jabalpur) करती थी. वह शादी करने दबाव डाल रही थी. पूर्व में इस महिला के साथियों ने विवाह हेतु दबाव डालने के लिए हमला भी करवाया था. महिला ने गोहलपुर पुलिस से मिलीभगत कर झूठे मामले में फंसाने का दबाव भी बनाया. इसकी शिकायत उसने 15 जून को पुलिस अधीक्षक जबलपुर से की थी, लेकिन शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
नशे में जबरदस्ती करा लिया विवाह
गोहलपुर थाने के सामने से महिला ने साथियों की मदद से चाकू की नोंक पर उसका अपहरण किया और शांति नगर स्थित अपने बड़े पिता की लड़की के घर बंद करके रखा. दूसरे दिन 16 जून को हनुमान ताल स्थित एक मंदिर ले गयी और नशीला पदार्थ (Alcoholic Substance) खिलाकर नशे की स्थिति में जबरदस्ती विवाह कर लिया. दूसरे दिन 17 जून को वह किसी तरह उक्त महिला के चंगुल से भाग कर अपने घर आया. घटना के संबंध में आईजी जबलपुर, एसपी जबलपुर एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को इसकी शिकायत की.
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याचिकाकर्ता ने थाना गोहलपुर के सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) की भी मांग की. शिकायत के बावजूद पुलिस ने न तो सीसीटीवी फुटेज प्रदान की और न ही कोई कार्रवाई की. याचिका में कहा गया था कि महिला उसे तथा परिजनों को प्रकरण में फंसाने की धमकी दे रही है. एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी, प्रशांत अवस्थी, असीम त्रिवेदी, अपूर्व त्रिवेदी, अरविंद सिंह चौहान ने पैरवी की.