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जबलपुर : रहवासी इलाके में घुसा तेंदुआ, लोगों में दहशत का माहौल

जबलपुर के जीसीएफ सेक्टर 2 की न्यू कॉलोनी में इन दिनों तेंदुए की दहशत से लोगों में भय का माहौल है. वहीं वन विभाग का कहना है कि इस पूरे इलाके में लगभग 5 से 6 तेंदुए हैं. लेकिन हमारे पास इतना संसाधन नहीं है कि हम तेंदुए को पकड़ सके.

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Published : Dec 1, 2019, 12:05 AM IST

Leopard enters in the Resident area
रहवासी इलाके में घुसा तेंदुआ

जबलपुर। शहर की जीसीएफ सेक्टर 2 की न्यू कॉलोनी में इन दिनों तेंदुए की दहशत से लोगों में भय का माहौल है. आलम यह है कि शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों में तेंदुए के डर से दुबक जाते हैं. रहवासियों ने कई बार इसकी शिकायत वन विभाग को की लेकिन वन विभाग अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है.

रहवासी इलाके में घुसा तेंदुआ
जीसीएफ कॉलोनी फैक्ट्री के पीछे जंगल में बनी हुई है और एक किलोमीटर तक आस पास कोई रहवासी इलाका नहीं है. घना जंगल होने की वजह से इस इलाके में आए दिन जंगली जानवर दिखाई दे रहे है. रहवासियों का कहना है कि कॉलोनी में बने पानी के स्त्रोत के पास तेंदुए के फुटप्रिंट मिले हैं.

वन विभाग का कहना है कि उनके पास ना तो इतना अमला है कि दिन-रात इलाके में चौकसी की जा सके और ना ही इतने संसाधन हैं कि यहां कैमरा लगाकर तेंदुए को ट्रैक किया जा सके. वन विभाग का कहना है कि उनके पास जाल भी नहीं है कि लगाकर लोगों को सुरक्षा दी जा सके. वन विभाग रेंजर का कहना है इस पूरे इलाके में लगभग 5 से 6 तेंदुए हैं.

जबलपुर। शहर की जीसीएफ सेक्टर 2 की न्यू कॉलोनी में इन दिनों तेंदुए की दहशत से लोगों में भय का माहौल है. आलम यह है कि शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों में तेंदुए के डर से दुबक जाते हैं. रहवासियों ने कई बार इसकी शिकायत वन विभाग को की लेकिन वन विभाग अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है.

रहवासी इलाके में घुसा तेंदुआ
जीसीएफ कॉलोनी फैक्ट्री के पीछे जंगल में बनी हुई है और एक किलोमीटर तक आस पास कोई रहवासी इलाका नहीं है. घना जंगल होने की वजह से इस इलाके में आए दिन जंगली जानवर दिखाई दे रहे है. रहवासियों का कहना है कि कॉलोनी में बने पानी के स्त्रोत के पास तेंदुए के फुटप्रिंट मिले हैं.

वन विभाग का कहना है कि उनके पास ना तो इतना अमला है कि दिन-रात इलाके में चौकसी की जा सके और ना ही इतने संसाधन हैं कि यहां कैमरा लगाकर तेंदुए को ट्रैक किया जा सके. वन विभाग का कहना है कि उनके पास जाल भी नहीं है कि लगाकर लोगों को सुरक्षा दी जा सके. वन विभाग रेंजर का कहना है इस पूरे इलाके में लगभग 5 से 6 तेंदुए हैं.

Intro:जबलपुर के जीसीएफ सेक्टर 2 कॉलोनी में तेंदुए की दहशत फैक्ट्री के कई कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों को दिख रहा है तेंदुआ वन विभाग संसाधनों के अभाव में नहीं कर रहा कोई कार्यवाही


Body:जबलपुर के जीसीएफ सेक्टर 2 की न्यू कॉलोनी में इन दिनों तेंदुए की दहशत है

17 साल की शालू पांडे शाम 4:00 बजे कॉलेज से घर के लिए लौट रही थी जब भी कॉलोनी के पास ब्रिज पर पहुंचे तो ब्रिज से थोड़ी ही दूरी पर लगभग ढाई फीट ऊंचा और लगभग 3:30 फीट लंबा एक तेंदुआ खड़ा था शालू अपनी स्कूटी पर थी अचानक से इस खतरनाक जंगली जानवर को सामने खड़ा देखकर शालू के रोंगटे खड़े हो गए डर के मारे सालु कंपने लगी और चुपचाप खड़ी रही शालू को देखकर तेंदुआ भी डर गया था इसलिए वह भाग निकला इसके बाद शालू ने तेजी से गाड़ी अपने घर की तरफ बॉडी और घर आकर अपने परिवार को पूरी बात बताई

दूसरा किस्सा शुभम का है शुभम जीसीए फैक्ट्री में ही काम करते हैं वे रात को फैक्ट्री से घर लौट रहे थे तब तेंदुए का एक छोटा सा बच्चा सड़क पर घूम रहा था उनकी गाड़ी की लाइट जब बच्चे पर पड़ी तो वो झाड़ियों में घुस गया शुभम भी दहशत में हैं और उस दिन के बाद से अकेले इस सड़क से नहीं आते जाते

एक और शख्स ने हमें अपनी आपबीती सुनाई कि वह सुबह ड्यूटी से घर लौट रहे थे तब भी सड़क पर तेंदुआ बैठा हुआ था दूसरी तरफ एक दूध वाला था और इस तरह वे थे वह तो अच्छा हुआ कि तेंदुआ झाड़ियों की तरफ चला गया यदि किसी एक की तरफ बढ़ता तो उसकी जान पर बन आती
कॉलोनी में यह किस्से आम हो चले हैं दरअसल जीसीएफ की है कॉलोनी फैक्ट्री के पीछे जंगल में बनी हुई है और 1 किलोमीटर तक आस पास कोई रहवासी इलाका नहीं है बल्कि फैक्ट्री का घना जंगल है और जंगल में छोटे-मोटे जंगली जानवरों की बहुतायत है इसलिए यहां तेंदुए ने अपना घर बना लिया है हमें पास के ही एक पानी के स्रोत के पास तेंदुए के फुटप्रिंट मिले जिसमें कुछ बड़े और कुछ छोटे शामिल हैं जब से कॉलोनी में लोगों ने तेंदुआ देखा है तब से दहशत का आलम है और लोगों को बच्चों की और परिवार की चिंता सताने लगी है

शालू के पिता ने तेंदुए की जानकारी वन विभाग को दी इसके साथ ही जीसीएफ प्रबंधन को दी है वन विभाग का कहना है कि उनके पास ना तो इतना अमला है कि दिन-रात यह चौकसी की जा सके और ना ही इतने संसाधन हैं कि यहां कैमरा लगाकर उसे ट्रैक किया जा सके और ना ही इतने सारे जाल हैं कि पूरे में जाल लगाकर सुरक्षा दी जा सके वन विभाग के रेंजर का कहना है इस पूरे इलाके में लगभग 5 से 6 तेंदुए हैं हालांकि अब तक इन तेंदुए ने किसी आदमी पर हमला नहीं किया है लेकिन इन को पकड़ना बहुत ही कठिन काम है


Conclusion:इस मामले में जब हमने एंटी पोचिंग डिपार्टमेंट के अधिकारी से बात करना चाहा तो वह ऑफिस छोड़ कर चले गए और एक मीटिंग का बहाना बना लिया अब सवाल यह खड़ा होता है या फिर तेंदुए की दहशत से आम शहरी ओको कौन निजात दिलाएगा
byte शालू पांडे
बाइट शुभम चौधरी
byte ए के पांडे
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