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लॉकडाउन 4.0ः मजदूरों को मनरेगा में मिलने लगा काम - laborers to get work

लॉकडाउन 4.0 के साथ अब सरकार तेजी से मनरेगा के तहत काम बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को रोजगार मिल सके.

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मजदूरों को राहत
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Published : May 19, 2020, 4:26 PM IST

जबलपुर। लॉकडाउन के बीच सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरों को काम देना शुरू कर दिया है, जबलपुर संभाग में ही करीब साढ़े तीन लाख लोगों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है. मनरेगा के तहत मेढ़ बंधान, रोड बनाने का काम मजदूरों को मिलने लगा है, जिससे उनके चेहरे खिल उठे हैं.

मजदूरों को राहत

कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी ने बताया कि मनरेगा को लेकर संभाग के सभी कलेक्टरों से चर्चा की है, फिलहाल मनरेगा में पर्याप्त फंड है. उन्होंने मनरेगा में मजदूरों को पर्याप्त रोजगार मिले, इसको लेकर जिला प्रशासन को इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. मंडला, डिंडौरी और अन्य आदिवासी जिलों को ध्यान में रखते हुए कहा कि यहां के मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा मनरेगा के तहत काम दिया जाए.

डिंडौरी जिले में ही मनरेगा में करीब 70,000 मजदूर हैं, जोकि प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं. संभाग कमिश्नर ने बताया कि मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों के खाते में रुपए भेजे जा रहे हैं, लॉकडाउन के कारण मजदूरी नहीं मिल पाने से मजदूर परेशान थे. ऐसे में मनरेगा में मिली मजदूरी से श्रमिकों ने राहत की सांस ली है.

मनरेगा का काम भले ही मजदूरों को मिलने लगा है, पर प्रशासन के निर्देशों का पालन कहीं भी नहीं हो रहा है. काम करने वाले मजदूर न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं.

जबलपुर। लॉकडाउन के बीच सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरों को काम देना शुरू कर दिया है, जबलपुर संभाग में ही करीब साढ़े तीन लाख लोगों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है. मनरेगा के तहत मेढ़ बंधान, रोड बनाने का काम मजदूरों को मिलने लगा है, जिससे उनके चेहरे खिल उठे हैं.

मजदूरों को राहत

कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी ने बताया कि मनरेगा को लेकर संभाग के सभी कलेक्टरों से चर्चा की है, फिलहाल मनरेगा में पर्याप्त फंड है. उन्होंने मनरेगा में मजदूरों को पर्याप्त रोजगार मिले, इसको लेकर जिला प्रशासन को इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. मंडला, डिंडौरी और अन्य आदिवासी जिलों को ध्यान में रखते हुए कहा कि यहां के मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा मनरेगा के तहत काम दिया जाए.

डिंडौरी जिले में ही मनरेगा में करीब 70,000 मजदूर हैं, जोकि प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं. संभाग कमिश्नर ने बताया कि मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों के खाते में रुपए भेजे जा रहे हैं, लॉकडाउन के कारण मजदूरी नहीं मिल पाने से मजदूर परेशान थे. ऐसे में मनरेगा में मिली मजदूरी से श्रमिकों ने राहत की सांस ली है.

मनरेगा का काम भले ही मजदूरों को मिलने लगा है, पर प्रशासन के निर्देशों का पालन कहीं भी नहीं हो रहा है. काम करने वाले मजदूर न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं.

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