जबलपुर। पनागर तहसीलदार की गाड़ी से एक युवक का अपहरण करने की कोशिश का मामला सामने आया है. हालांकि इस कृत्य में आरोपी सफल नहीं हो पाए. इधर युवक की पत्नी ने इस पूरे मामले से तुरंत आईजी और एसपी को अवगत करवाया, बावजूद इसके विजय नगर थाना पुलिस ने फरियादी की एफआईआर दर्ज करने में 24 घंटे का समय लगा दिया.
तहसीलदार की गाड़ी लेकर पहुंचा ड्राइवर
जानकारी के मुताबिक कचनार सिटी में रहने वाली सीमा पचौरी के यहां जितेंद्र रजक चार माह से गाड़ी चलाने का काम कर रहा था. 17 मई को सीमा पचौरी को डॉक्टर के यहां जाना था. उसने चालक जितेंद्र को फोन कर बुलाया, जब वह नहीं पहुंचा, तो सीमा ने उसे डांट दिया. इसके बाद सीमा पति के साथ डॉक्टर के यहां चली गई. कुछ देर बाद ड्राइवर जितेंद्र तहसीलदार की गाड़ी में तीन साथियों के साथ उनके घर पहुंचता है और हंगामा करता है. यह घटना सीमा पचौरी के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाती है. सीसीटीवी कैमरे में तहसीलदार की गाड़ी भी दिख रही है.
सीमा के पति को किडनैप करने की कोशिश
सीमा पचौरी के यहाँ काम करने वाले जितेंद्र रजक को पता था कि सीमा किस डॉक्टर के यहां इलाज के लिए जाती है. लिहाजा, जितेंद्र अपने साथियों के साथ तहसीलदार की गाड़ी में सवार होकर सीमा पचौरी के पास पहुंचता है, जहाँ वह सीमा के पति को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाने की कोशिश करता है. हालांकि महिला का शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा होने लगते है, जिसके बाद सभी गाड़ी में बैठकर वहां से भाग जाते हैं.
जितेंद्र रजक का साथी है तहसीलदार का ड्राइवर
सीमा पचौरी ने बताया कि जितेंद्र रजक चार माह से उनके यहां काम कर रहा था. उसका साथी जितेंद्र ठाकुर है, जो कि पनागर तहसीलदार नीता कोरी की गाड़ी चलाता है. घटना वाले दिन तहसीलदार नीता कोरी की गाड़ी में आरोपी जितेंद्र रजक अपने साथियों के साथ उनके पास आया था और जबरन उनके पति को अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहा था.
तहसीलदार की गाड़ी लेकर बेफिक्र घूमता है आरोपी
तहसीलदार नीता कोरी की गाड़ी उनका ड्राइवर लेकर बेफिक्र घूमता है. इतना ही नहीं वह अपने साथियों के साथ मिलकर एक प्रशासनिक अधिकारी की गाड़ी का बेजा इस्तेमाल भी कर रहा है. इस संबंध में तहसीलदार से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
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विजय नगर थाना पुलिस की लापरवाही
पीड़ित महिला ने घटना की जानकारी तुंरत विजय नगर थाना पुलिस को दी. पुलिस ने इस प्रकरण में 24 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पुलिस तहसीलदार के रुतबे को देखते हुए मामले को दबाने में जुटी हुई है.