जबलपुर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की जीत पर मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस कार्याकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर जश्न मनाया और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. अब लगातार इस जीत के बाद से कांग्रेस नेताओं के बयान भी सामने आने लगे हैं. जबलपुर से कांग्रेस नेता पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि "कर्नाटक का चुनाव परिणाम धार्मिक मुद्दों को करारा जवाब है. जनता तोड़फोड़ की राजनीति नहीं पसंद कर रही."
कर्नाटक की जनता बीजेपी से नहीं खुश: जबलपुर से कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि "वे कर्नाटक की जनता को पूरे देश की जनता की ओर से धन्यवाद देना चाहते हैं, क्योंकि कर्नाटक की जनता ने बीजेपी के धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने की राजनीति को नकार दिया है. कर्नाटक के परिणामों ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि BJP जिस तरीके से तोड़फोड़ की राजनीति करती है उसका जवाब वहां की जनता ने दिया है. इसके पहले कई प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी ने चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की है, जिसके बाद से जनता इस बात से खुश नहीं है."
बीजेपी को जनता ने दिया मुंहतोड़ जवाब: पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने आगे कहा कि "कर्नाटक की जीत कांग्रेसियों के लिए संजीवनी बनकर आई है क्योंकि इसके ठीक बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव होने हैं. जीत की जो शुरुआत कर्नाटक से हुई है वह अब जारी रहेगी और आने वाले 3 विधानसभा चुनाव में जनता BJP को जवाब देगी. ऐसा लगता है कि देश की जनता अब समझ गई है कि भाजपा भावनात्मक मुद्दों को चुनाव के दौरान खड़ा करके लोगों को भ्रमित करती है. चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी ने भगवान के नाम पर एक विवाद खड़ा करने की कोशिश की थी और इसका जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. जनता अब धार्मिक मुद्दों के आधार पर सरकार नहीं चुनना चाहती."
धार्मिक मुद्दों के आधार पर सरकार नहीं चुनना चाहती जनता: बता दें कि कर्नाटक चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस ने बजरंग दल को बैन करने का वादा किया था. इस पर बीजेपी ने इस मुद्दे को बजरंगबली से जोड़ दिया था. इसके बाद से लगातार कांग्रेस कार्यालयों बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ किया जा रहा था. इसको लेकर पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि "ऐसा लगता है की जनता को भगवान का राजनीति में इस तरीके से दुरुपयोग करना ठीक नहीं लगा. कर्नाटक के परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए चौकानेवाले हैं क्योंकि अभी तक बीजेपी को लग रहा था की एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर सरकार बना लेंगे. मगर लगता है कि जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हो गई है. इसी वजह से जनता केवल धार्मिक मुद्दों के आधार पर सरकार नहीं चुनना चाहती है."