जबलपुर। मुख्यमंत्री कोविड योजना के तहत न्यायाधीशों सहित न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी, याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की तरफ से पेश किये गये जवाब में कहा गया है कि कोरोना काल में जोखिम लेकर न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों ने कार्य किया है, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्वत और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.
400 न्यायाधीश हुए संक्रमित
एमपी जर्जेस एसोसिएशन की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कोरोना काल में जिला न्यायालय सहित अधिनिस्थ कोर्ट में न्यायाधीशों ने अपने कर्तव्य का निर्वाहन करते हुए जनता को न्याय दिये, याचिका में मांग की गयी थी कि कोरोना काल में अपनी सेवाएं देने वाले अन्य फ्रंट लाइन वर्कस की तरफ उन्हें भी मुख्यमंत्री कोविड योजना का लाभ दिया जाए, कोरोना वायरस के संक्रमण में आने के कारण प्रदेश में 14 न्यायाधीशों की मृत्यु हुई है, साथ ही लगभग 400 न्यायाधीश संक्रमित हुए हैं, याचिका में संक्रमित न्यायाधीशों को सम्पूर्ण उपचार और मृतक न्यायाधिशों को पचास लाख रूपये का मुआवजा देये जाने की मांग की गई है.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस AK मित्तल पहुंचे भोपाल, जिला कोर्ट का किया निरीक्षण
याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की तरफ से बताया गया कि कोरोना काल में जोखिम लेकर न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों ने कार्य किया है, उन्हें भी अन्य सरकारी कर्मचारियों के तहत योजना का लाभ दिया जाना चाहिए, प्रदेश सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने अगली सुनवाई 10 अगस्त को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सुयश ठाकुर ने पैरवी की.