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जबलपुर के मटर की होगी ग्लोबल ब्रांडिंग

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी पहल एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने चिन्हित कर जिले में मटर उत्पादन के वर्तमान रकवे में वृद्धि, अच्छे किस्म के बीजों की बोनी व मटर के प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया है.

Peas will be global broadcasting
मटर की होगी ग्लोबल ब्रॉडिंग
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Published : Jan 11, 2021, 2:06 AM IST

Updated : Jan 11, 2021, 7:14 AM IST

जबलपुर। जबलपुर का स्वादिष्ट हरा मटर न केवल स्थानीय बल्कि अन्य राज्यों और देश की सीमा के बाहर भी लोगों के भोजन का स्वाद बढ़ा रहा है. इसलिए इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी पहल एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने चिन्हित कर जिले में मटर उत्पादन के वर्तमान रकवे में वृद्धि, अच्छे किस्म के बीजों की बोनी व मटर के प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया है. इसके साथ ही विपणन नेटवर्क को व्यापक स्वरूप देकर जबलपुर के मटर की ग्लोबल ब्रांडिंग भी की जाएगी. इससे जिले के मटर उत्पादक किसानों को पहले से कहीं अधिक मुनाफा होगा.

Green pea
हरा मटर

अपनी गुणवत्ता और मिठास की वजह से जबलपुर का मटर देश की मंडियों में हाथों-हाथ बिकता है. आलम यह है कि बड़े शहरों के बड़े व्यापारी किसानों से सीधे मटर खरीदकर बाहर इसकी सप्लाई कर रहे हैं. अभी जिले में उत्पादन का 80 फीसदी मटर बाहर जाता है. इस मटर की अधिकाधिक मात्रा को जिले में ही प्रसंस्कृत कर बाहर भेजने की योजना तैयार की गई है.

Green pea
हरा मटर
रबी सीजन में जिले के दो विकासखंडों शहपुरा एवं पाटन के किसान मटर की खेती को प्राथमिकता देते हैं. यहां के तकरीबन 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो लाख 30 हजार मीट्रिक टन मटर का उत्पादन किया जाता है. जबलपुर जिले के सिहोरा, मझौली और जबलपुर विकासखंडों के आंशिक क्षेत्रों में भी मटर की खेती होती है. हैदराबाद से लेकर जापान तक के लोग लेते हैं जायका

वर्तमान में जबलपुर का मटर देश की नामचीन मंडियों जैसे मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, नागपुर और रायपुर के अलावा सात समंदर पार जापान और सिंगापुर के लोगों के व्यंजनों का जायका बढ़ा रहा है. जिले में अभी निजी क्षेत्र की दो मटर प्रसंस्करण यूनिट कार्यरत है. इनमें से भानु फार्मस शहपुरा से प्रतिवर्ष 5 से 8 हजार मीट्रिक टन मटर प्रोसेसिंग की जाती है, यहीं से प्रोसस्ड मटर सिंगापुर और जापान भेजा जाता है. दूसरी यूनिट फ्रोजन एग्रो इंडस्ट्री औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में स्थापित है.

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मटर उत्पादक किसानों, उद्यमियों और मटर प्रसंस्करण इकाईयों के संचालकों के साथ हाल ही में कार्यशाला कर एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले में मटर की फसल के चयन की जानकारी दी और इसके व्यापक उत्पादन और मार्केट लिंकेज पर चर्चा की. कलेक्टर ने जिले के मटर उत्पादक किसानों, प्रोसेसिंग यूनिट, थोक व फुटकर व्यापार से संबद्ध लोगों, निर्यातक, कोल्ड स्टोरेज यूनिट लगाने के इच्छुक उद्यमियों का एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर एक प्लेटफार्म पर लाने का अभिनव कार्य किया है.

जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि मटर से लोगों को खेत से मंडी तक काम मिलता है, स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने का अवसर बढ़ेगा. मटर की तुड़ाई, ढुलाई और बाहर परिवहन के साथ-साथ सब्जी ठेला और रेहड़ी व्यापारियों को भी काम मिलता है, साथ ही मटर प्रसंस्करण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने से रोजगार के और अवसर बढ़ेंगे.

CM tweeted
सीएम ने किया ट्वीट

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी अपने एक ट्वीट में एक जिला-एक उत्पाद के तहत कलेक्टर जबलपुर द्वारा मटर के ब्रांड एवं गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्यशाला के आयोजन एवं कोल्ड स्टोरेज अधोसंरचना विकास की पहल को प्रशंसनीय बताया है.

जबलपुर। जबलपुर का स्वादिष्ट हरा मटर न केवल स्थानीय बल्कि अन्य राज्यों और देश की सीमा के बाहर भी लोगों के भोजन का स्वाद बढ़ा रहा है. इसलिए इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी पहल एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने चिन्हित कर जिले में मटर उत्पादन के वर्तमान रकवे में वृद्धि, अच्छे किस्म के बीजों की बोनी व मटर के प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया है. इसके साथ ही विपणन नेटवर्क को व्यापक स्वरूप देकर जबलपुर के मटर की ग्लोबल ब्रांडिंग भी की जाएगी. इससे जिले के मटर उत्पादक किसानों को पहले से कहीं अधिक मुनाफा होगा.

Green pea
हरा मटर

अपनी गुणवत्ता और मिठास की वजह से जबलपुर का मटर देश की मंडियों में हाथों-हाथ बिकता है. आलम यह है कि बड़े शहरों के बड़े व्यापारी किसानों से सीधे मटर खरीदकर बाहर इसकी सप्लाई कर रहे हैं. अभी जिले में उत्पादन का 80 फीसदी मटर बाहर जाता है. इस मटर की अधिकाधिक मात्रा को जिले में ही प्रसंस्कृत कर बाहर भेजने की योजना तैयार की गई है.

Green pea
हरा मटर
रबी सीजन में जिले के दो विकासखंडों शहपुरा एवं पाटन के किसान मटर की खेती को प्राथमिकता देते हैं. यहां के तकरीबन 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो लाख 30 हजार मीट्रिक टन मटर का उत्पादन किया जाता है. जबलपुर जिले के सिहोरा, मझौली और जबलपुर विकासखंडों के आंशिक क्षेत्रों में भी मटर की खेती होती है. हैदराबाद से लेकर जापान तक के लोग लेते हैं जायका

वर्तमान में जबलपुर का मटर देश की नामचीन मंडियों जैसे मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, नागपुर और रायपुर के अलावा सात समंदर पार जापान और सिंगापुर के लोगों के व्यंजनों का जायका बढ़ा रहा है. जिले में अभी निजी क्षेत्र की दो मटर प्रसंस्करण यूनिट कार्यरत है. इनमें से भानु फार्मस शहपुरा से प्रतिवर्ष 5 से 8 हजार मीट्रिक टन मटर प्रोसेसिंग की जाती है, यहीं से प्रोसस्ड मटर सिंगापुर और जापान भेजा जाता है. दूसरी यूनिट फ्रोजन एग्रो इंडस्ट्री औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में स्थापित है.

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मटर उत्पादक किसानों, उद्यमियों और मटर प्रसंस्करण इकाईयों के संचालकों के साथ हाल ही में कार्यशाला कर एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले में मटर की फसल के चयन की जानकारी दी और इसके व्यापक उत्पादन और मार्केट लिंकेज पर चर्चा की. कलेक्टर ने जिले के मटर उत्पादक किसानों, प्रोसेसिंग यूनिट, थोक व फुटकर व्यापार से संबद्ध लोगों, निर्यातक, कोल्ड स्टोरेज यूनिट लगाने के इच्छुक उद्यमियों का एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर एक प्लेटफार्म पर लाने का अभिनव कार्य किया है.

जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि मटर से लोगों को खेत से मंडी तक काम मिलता है, स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने का अवसर बढ़ेगा. मटर की तुड़ाई, ढुलाई और बाहर परिवहन के साथ-साथ सब्जी ठेला और रेहड़ी व्यापारियों को भी काम मिलता है, साथ ही मटर प्रसंस्करण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने से रोजगार के और अवसर बढ़ेंगे.

CM tweeted
सीएम ने किया ट्वीट

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी अपने एक ट्वीट में एक जिला-एक उत्पाद के तहत कलेक्टर जबलपुर द्वारा मटर के ब्रांड एवं गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्यशाला के आयोजन एवं कोल्ड स्टोरेज अधोसंरचना विकास की पहल को प्रशंसनीय बताया है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 7:14 AM IST
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