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'मम्मी' की ममता: घर में नहीं गूंजी बेटी की किलकारी तो 9 लड़कियों का किया कन्यादान, पढ़िए आदिवासी महिला की कहानी

जबलपुर की एक आदिवासी महिला ने मानवता की मिसाल पेश की है. खुद के घर में बेटी नहीं हुई तो महिला ने बेटी का सुख पाने के लिए 9 कन्याओं की शादी करवा कर उनका घर बसा दिया. इतना ही नहीं सुदूर आदिवासी गांव में रहने वाली इस महिला ने शादियां कराने के अलावा 8 बेटियों का कन्यादान भी किया है. इन्होंने न केवल कई निर्धन कन्याओं के हाथ पीले कराए बल्कि अब भी एक ममतामयी मां का किरदार निभा रही हैं.

jabalpur tribal woman known as mummy
मम्मी के नाम से मशहूर जबलपुर की आदिवासी महिला
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Published : May 16, 2023, 11:05 PM IST

Updated : May 17, 2023, 8:26 AM IST

मम्मी के नाम से मशहूर जबलपुर की आदिवासी महिला

जबलपुर। यहां की एक आदिवासी महिला ने मानवता की मिसाल पेश की है. महिला को खुद बेटी नहीं हुई तो उसने 9 निर्धन बेटियों की शादी कराई और 8 का कन्यादान भी किया. शहपुरा विकासखंड के ढीमर जोझी गांव की रहने वाली अनीता ठाकुर कहने को तो आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. मगर उनके मानवीय काम और ममतामयी हृदय के कारण उनका नाम आज भी पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है. अनीता ठाकुर को उनके गांव और आसपास के लोग 'मम्मी' कहकर बुलाते हैं. अनीता ठाकुर के पास महज डेढ़ एकड़ जमीन है, इसके अलावा सरकार की ओर से ढाई एकड़ जमीन का आवंटन किया गया था. लेकिन यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ कागजों में हुई है और उस जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है.

आदिवासी महिला पूरे गांव की बनी मम्मी: तमाम परेशानियों के बावजूद भी अनीता ठाकुर का हौसला कम नहीं हुआ. अभावों की जिंदगी में गुजारा करने वाली अनीता ने अब तक 9 बेटियों के हाथ पीले करवाए हैं. इसमें से 8 बेटियों का कन्यादान करके मां की भूमिका निभा रही हैं. यूं तो अनीता ठाकुर 3 बेटों की मां हैं, लेकिन उनके घर में बेटी की किलकारी नहीं गूंजी तो उन्होंने गांव और आसपास की कन्याओं को ही बेटियों का दर्जा दे दिया. उनकी मां बनकर अपनी ओर से पैसे और गृहस्थी का सामान जुटा कर उनका घर भी बसा दिया. अनीता ठाकुर के इस काम से गांव के लोग जहां उनके कायल हैं तो उन्हें सभी लोग 'मम्मी' कह कर पुकारते हैं.

jabalpur adiwasi woman become 9 daughters mother
जबलपुर आदिवासी महिला ने कराई 9 लड़कियों की शादी

9 बेटियों का कराया हाथ पीला: 50 साल की आदिवासी महिला अनीता ठाकुर ने गांव की गरीब कन्याओं के विवाह में कभी अपनी आर्थिक संकट को आड़े नहीं आने दिया. यही वजह है कि अपने गांव और आसपास के गांवों में जब भी किसी निर्धन कन्या की शादी की बात चलती है तो अनीता तत्काल उसके हाथ पीले करने के लिए राजी हो जाती है. तमाम व्यवस्थाएं जुटा कर शादी की तैयारियां करा कर उनके सात फेरे संपन्न कराती है. अनीता ने अब तक गांव और अपने आसपास के इलाकों में रहने वाली मुस्कान पटेल, अंजी ठाकुर, लक्ष्मी ठाकुर, पूनम ठाकुर, कीर्ति ठाकुर, नेहा ठाकुर, दर्शना बर्मन, सोमवती ठाकुर, बइयो ठाकुर के साथ ही एक युवक छोटेलाल ठाकुर की भी शादी करवा कर उसका घर बसाने का काम किया है.

  1. भोपाल में साइकिल रैली का आयोजन, बाइसिकल राइडर्स ने कहा- मां तुझे प्रणाम
  2. नि:संतान राम बाई बनी मिसाल, 8 बेटियों का किया धूमधाम से विवाह
  3. अनाथ की नाथ बनी तृप्ति, 80 बेटियों को लिया गोद, बच्चे प्यार से बुलाते हैं 'दीदी मां'
  4. बेटा हो तो ऐसा...बीमार मां की खातिर छोड़ दी इंजिनियरिंग की नौकरी, रात-दिन सेवा कर रहे राजेश

20 साल से करा रही बेटियों की शादी: एक मां बनकर मानवता की मिसाल पेश कर रही अनीता ठाकुर ने अपने माता-पिता को खो चुके निक्की ठाकुर नाम के बच्चे को गोद भी लिया है. इसकी पूरी परवरिश अनीता ठाकुर अपनी ओर से ही करती हैं. अनीता ठाकुर के द्वारा निर्धन कन्याओं की शादियां कराने का सिलसिला पिछले 20 साल से चला रहा है जो अब भी लगातार जारी है. अनीता ठाकुर ने साल 2006 में पहली शादी मुस्कान पटेल की कराई थी. उसके बाद अनीता ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निर्धन कन्याओं की शादियों का सिलसिला तब से अब तक लगातार चल रहा है.

सरकार से नहीं मिल रही मदद: अनीता ठाकुर के द्वारा निर्धन कन्याओं की शादी कराने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल जब विवाह योग्य कन्याओं की शादी के लिए सरकारी स्तर पर मदद मांगी गई तो कई तरह की जानकारियां और दस्तावेज से लेकर अन्य प्रमाण पत्र मांगे गए. लेकिन गरीब और आदिवासी अंचलों में रहने वाली युवतियों के पास यह दस्तावेज नहीं थे, लिहाजा उन्हें सरकारी स्तर पर मदद नहीं मिल पाई. जिसके बाद अनीता ठाकुर ने अपने स्तर पर ही पैसे और संसाधनों की व्यवस्था कर निर्धन कन्याओं के विवाह कराने का सिलसिला शुरू किया गया. इस काम में उनके तीनों बेटे भी बराबर मदद करते आ रहे हैं.

मम्मी के नाम से मशहूर जबलपुर की आदिवासी महिला

जबलपुर। यहां की एक आदिवासी महिला ने मानवता की मिसाल पेश की है. महिला को खुद बेटी नहीं हुई तो उसने 9 निर्धन बेटियों की शादी कराई और 8 का कन्यादान भी किया. शहपुरा विकासखंड के ढीमर जोझी गांव की रहने वाली अनीता ठाकुर कहने को तो आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. मगर उनके मानवीय काम और ममतामयी हृदय के कारण उनका नाम आज भी पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है. अनीता ठाकुर को उनके गांव और आसपास के लोग 'मम्मी' कहकर बुलाते हैं. अनीता ठाकुर के पास महज डेढ़ एकड़ जमीन है, इसके अलावा सरकार की ओर से ढाई एकड़ जमीन का आवंटन किया गया था. लेकिन यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ कागजों में हुई है और उस जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है.

आदिवासी महिला पूरे गांव की बनी मम्मी: तमाम परेशानियों के बावजूद भी अनीता ठाकुर का हौसला कम नहीं हुआ. अभावों की जिंदगी में गुजारा करने वाली अनीता ने अब तक 9 बेटियों के हाथ पीले करवाए हैं. इसमें से 8 बेटियों का कन्यादान करके मां की भूमिका निभा रही हैं. यूं तो अनीता ठाकुर 3 बेटों की मां हैं, लेकिन उनके घर में बेटी की किलकारी नहीं गूंजी तो उन्होंने गांव और आसपास की कन्याओं को ही बेटियों का दर्जा दे दिया. उनकी मां बनकर अपनी ओर से पैसे और गृहस्थी का सामान जुटा कर उनका घर भी बसा दिया. अनीता ठाकुर के इस काम से गांव के लोग जहां उनके कायल हैं तो उन्हें सभी लोग 'मम्मी' कह कर पुकारते हैं.

jabalpur adiwasi woman become 9 daughters mother
जबलपुर आदिवासी महिला ने कराई 9 लड़कियों की शादी

9 बेटियों का कराया हाथ पीला: 50 साल की आदिवासी महिला अनीता ठाकुर ने गांव की गरीब कन्याओं के विवाह में कभी अपनी आर्थिक संकट को आड़े नहीं आने दिया. यही वजह है कि अपने गांव और आसपास के गांवों में जब भी किसी निर्धन कन्या की शादी की बात चलती है तो अनीता तत्काल उसके हाथ पीले करने के लिए राजी हो जाती है. तमाम व्यवस्थाएं जुटा कर शादी की तैयारियां करा कर उनके सात फेरे संपन्न कराती है. अनीता ने अब तक गांव और अपने आसपास के इलाकों में रहने वाली मुस्कान पटेल, अंजी ठाकुर, लक्ष्मी ठाकुर, पूनम ठाकुर, कीर्ति ठाकुर, नेहा ठाकुर, दर्शना बर्मन, सोमवती ठाकुर, बइयो ठाकुर के साथ ही एक युवक छोटेलाल ठाकुर की भी शादी करवा कर उसका घर बसाने का काम किया है.

  1. भोपाल में साइकिल रैली का आयोजन, बाइसिकल राइडर्स ने कहा- मां तुझे प्रणाम
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  4. बेटा हो तो ऐसा...बीमार मां की खातिर छोड़ दी इंजिनियरिंग की नौकरी, रात-दिन सेवा कर रहे राजेश

20 साल से करा रही बेटियों की शादी: एक मां बनकर मानवता की मिसाल पेश कर रही अनीता ठाकुर ने अपने माता-पिता को खो चुके निक्की ठाकुर नाम के बच्चे को गोद भी लिया है. इसकी पूरी परवरिश अनीता ठाकुर अपनी ओर से ही करती हैं. अनीता ठाकुर के द्वारा निर्धन कन्याओं की शादियां कराने का सिलसिला पिछले 20 साल से चला रहा है जो अब भी लगातार जारी है. अनीता ठाकुर ने साल 2006 में पहली शादी मुस्कान पटेल की कराई थी. उसके बाद अनीता ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निर्धन कन्याओं की शादियों का सिलसिला तब से अब तक लगातार चल रहा है.

सरकार से नहीं मिल रही मदद: अनीता ठाकुर के द्वारा निर्धन कन्याओं की शादी कराने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल जब विवाह योग्य कन्याओं की शादी के लिए सरकारी स्तर पर मदद मांगी गई तो कई तरह की जानकारियां और दस्तावेज से लेकर अन्य प्रमाण पत्र मांगे गए. लेकिन गरीब और आदिवासी अंचलों में रहने वाली युवतियों के पास यह दस्तावेज नहीं थे, लिहाजा उन्हें सरकारी स्तर पर मदद नहीं मिल पाई. जिसके बाद अनीता ठाकुर ने अपने स्तर पर ही पैसे और संसाधनों की व्यवस्था कर निर्धन कन्याओं के विवाह कराने का सिलसिला शुरू किया गया. इस काम में उनके तीनों बेटे भी बराबर मदद करते आ रहे हैं.

Last Updated : May 17, 2023, 8:26 AM IST
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