जबलपुर। खाली खजाने के साथ मोहन मंत्रिमंडल कर्ज लेकर सरकार चल रहा है. लाडली बहना का पैसा तो आ रहा है लेकिन गरीब और होनहार छात्रों को पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति नहीं आ रही है. बीते 6 महीने से किसी भी नए छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. वहीं, कई पुराने छात्रों को जो छात्रवृत्ति मिल रही थी वह भी रुक-रुक कर आ रही है. इसकी वजह से कई छात्रों के सामने पढ़ाई छोड़ने तक का संकट खड़ा हो गया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जबलपुर के सभी कॉलेजों में प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही छात्रों के खातों में छात्रवृत्ति का पैसा नहीं डाला तो सरकार बड़े आंदोलन को झेलने के लिए तैयार हो जाए.
6 महीने से नहीं मिली छात्रवृत्ति: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री माखन शर्मा का कहना है कि ''बीते 6 महीने से मध्य प्रदेश भर में कॉलेज और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे नए छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. केवल जबलपुर में ऐसे छात्रों की संख्या लगभग 5 से 6000 है और पूरे प्रदेश में डेढ़ से 2 लाख छात्र ऐसे हैं जिन्हें इस साल अब तक छात्रवृत्ति नहीं मिली है. जबकि इन लोगों ने पोर्टल के जरिए अपने आवेदन भेज दिए हैं.
पोर्टल में तकनीकी खामी है: जबलपुर में उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त संचालक डॉक्टर सरिता जाटव का कहना है कि ''पोर्टल में कोई तकनीकी कमी आ गई है इसलिए पोर्टल काम नहीं कर रहा है." हालांकि उनका दावा है कि केवल नए छात्रों की छात्रवृत्ति स्वीकृत नहीं हुई है, पुराने छात्रों को छात्रवृत्ति नियमित तरीके से मिल रही है.
पुराने छात्रों को भी नहीं मिल रही छात्रवृत्ति: डॉक्टर सरिता जाटव के जवाब में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के एलएलबी के छात्र सवाल खड़ा कर रहे हैं. एलएलबी के थर्ड ईयर में पढ़ने वाले छात्र ने बताया कि ''उन्हें साल की 27000 रुपए की छात्रवृत्ति मिलती है, लेकिन बीते कुछ महीनो से उन्हें पैसा नहीं मिला है. उन्होंने छात्रवृत्ति की मांग को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र भी लिखा. वहीं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी शिकायत की. जबलपुर कलेक्टरेट में भी उन्होंने कई चक्कर लगाए, लेकिन इसके बाद भी उन्हें अब तक पूरा पैसा नहीं मिला है.
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पढ़ाई छूटने की स्थिति में: मध्य प्रदेश में छात्रों को अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति के अलावा गांव में 60% से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को कॉलेज की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिलती है. शहरों में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती है. इसके अलावा दूसरी कई छात्रवृत्तियां भी हैं जिनकी वजह से छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन यदि यह छात्रवृत्ति उन्हें नहीं मिलेगी तो उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट जाने का खतरा बना रहता है. क्योंकि इनमें कई छात्र से होते हैं जिनका पूरा खर्चा छात्रवृत्ति से ही चलता है.
बड़े आंदोलन के लिए चेताया: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता माखन शर्मा का कहना है कि ''अभी उन्होंने कालेज स्तर पर प्रदर्शन किया है. उन्हें उम्मीद है कि कॉलेज सरकार पर दबाव डालेगा और सरकार जल्द ही छात्रों की छात्रवृत्ति जारी करेगी. लेकिन यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है और वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देगा.