जबलपुर। आमतौर पर सरकारी कार्यालयों की बदहाली ही लोगों के जहन में रहती है, लेकिन जबलपुर के रजिस्ट्री कार्यालय में पहुंचते ही नजारा बिल्कुल अलग ही नजर आता है. दरअसल, वित्तीय वर्ष की समाप्ति को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोग प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराने पहुंच रहे हैं, लेकिन लोगों के साथ आने वाले बच्चे माता-पिता और अपने अभिभावकों को परेशान करते हैं, इसी को देखते हुए जबलपुर के जिला रजिस्ट्रार ने एक नवाचार शुरू किया है.
रजिस्ट्री कार्यालय में बच्चों के लिए टॉफी और चॉकलेट: जबलपुर के वरिष्ठ जिला पंजीयक डॉ. पवन कुमार अहिरवाल रजिस्ट्री कार्यालय आने वाले लोगों के साथ रहने वाले बच्चों को टॉफी और चॉकलेट खिलाते हैं. इसके पीछे मंशा यह है की रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों के साथ रहने वाले बच्चे रोते और शरारत करते हैं जिससे रजिस्ट्री के काम में अड़चन पैदा होती है और इससे प्रॉपर्टी के रजिस्ट्री के काम में ज्यादा वक्त लगता है. इसी को देखते हुए जबलपुर के जिला रजिस्ट्रार के द्वारा पक्षकारों के साथ आने वाले बच्चों को टॉफी दी जाती है, ताकि वे रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होने तक शांत रहें और रजिस्ट्री का काम सुगमता से पूरा किया जा सके. (Jabalpur Registry Office News)
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प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की दरों में बढ़ोतरी : फिलहाल 1 अप्रैल से लागू हुई नई गाइडलाइन में जबलपुर जिले के 536 लोकेशन पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की दरों में बढ़ोतरी की गई है. यह बढ़ोतरी 5 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक की गई है. मौजूदा वित्तीय वर्ष के राजस्व के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पंजीयन विभाग ने जबलपुर जिले के लिए 568 करोड़ की वसूली का लक्ष्य रखा है, जिसके मुकाबले अब तक 461 करोड़ की राशि सरकारी खजाने में पहुंच चुकी है. जबलपुर जिले ने रजिस्ट्री के मामले में पिछले साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. पिछले साल जहां 449 करोड़ का राजस्व मिला था, वहीं इस बार अब तक पंजीयन विभाग ने 461 करोड़ का राजस्व हासिल कर लिया है.