जबलपुर। भारत सरकार द्वारा देशभर में जारी हुई स्वच्छ्ता सर्वेक्षण की रेटिंग में जबलपुर शहर के पिछड़ने का ठीकरा महापौर ने बजट की कमी पर फोड़ा है. हालांकि 10 लाख से ऊपर की आबादी वाले शहर जबलपुर को बेस्ट इनोवेशन के अवॉर्ड से नवाजा गया है, लेकिन स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में जबलपुर बुरी तरह से फिसड्डी साबित हुआ है.
वहीं महापौर स्वाति गोडबोले का कहना है कि जबलपुर की अपेक्षा उज्जैन में काफी बजट आता है, यही वजह है कि वो हमसे आगे निकल गया. उज्जैन में कुंभ का हवाला देते हुए महापौर ने कहा कि उज्जैन में जब सिंहस्थ मेला लगता है, तो पूरे प्रदेश का फंड खर्च किया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर नर्मदा तट ग्वारीघाट में इस तरह के आयोजन हों, तो पूरा फंड यहां आएगा और तब निश्चित रूप से जबलपुर का विकास होगा.
महापौर ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार से प्रयास करेंगे कि नर्मदा तट पर भी उच्जैन जैसा महाकुंभ होना चाहिए, क्योंकि 70% नर्मदा मध्यप्रदेश से बहती है, 20%गुजरात से और 10% महाराष्ट्र से. नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनदायनी नदी है, इसलिए उनके तट पर इस तरह का महाकुंभ होना ही चाहिए.
बता दें कि जबलपुर शहर का स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में देशभर में 25वां स्थान रहा, तो वहीं प्रदेश के शहरों में 8वां स्थान था. खास बात ये है कि सर्वेक्षण में उज्जैन, देवास जैसे छोटे शहर जबलपुर से बहुत आगे निकल गए.