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खाटुआ हत्याकांड नहीं सुलझा पाई पुलिस, धुनष तोप में चीनी कलपुर्जे लगाने में था शामिल - धनुष तोप

चर्चित खाटुआ हत्याकांड को सुलझालने में जबलपुर पुलिस नाकाम साबित हुई है. देश की केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री में दो साल पहले धनुष तोप के निर्माण में चीनी कलपुर्जे लगाने का खुलासा हुआ था, जिसमें जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ संदिग्ध था, लेकिन पूछताछ से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई थी.

Khatua murder case
खाटूआ हत्याकांड
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Published : Jul 7, 2020, 10:48 AM IST

Updated : Jul 7, 2020, 2:56 PM IST

जबलपुर। खाटुआ हत्याकांड में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. जिसके चलते जबलपुर रेंज के आईजी भगवत सिंह चौहान ने एक बार फिर खाटुआ हत्याकांड के आरोपियों पर इनाम की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25000 रूपए कर दिया है. केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष तोप के निर्माण में चीनी कलपुर्जे लगाने का मामला सामने आया था, इस फर्जीवाड़े में फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खाटुआ संदिग्ध पाया गया था. सीबीआई इस फर्जीवाड़े में और जानकारी लेने के लिए खाटूआ को दिल्ली बुलाय था, लेकिन खाटूआ के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई. दो साल बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारों को ढूंढ़ने में नाकाम रही है.

खाटुआ हत्याकांड

पुलिस गिरफ्त से बाहर हत्यारोपी

ये मामला 10 जनवरी 2019 को उजागर हुआ था. इतना समय बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारे को ढूंढ़ने में नाकाम रही है. खाटूआ धनुष तोप में लगने वाले कलपुर्जों की खरीद-विक्री का हिसाब रखता था. धनुष तोप में आखिर कैसे चाइनीज बेयरिंग का इस्तेमाल किया गया और कौन इस मामले में संलिप्त था, इसकी सीबीआई जांच कर रही थी. 10 जनवरी 2019 को सीबीआई इस फर्जीवाड़े की तह तक जाने के लिए जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री भी गई थी. जहां जेडब्ल्यूएम एसी खाटूआ के ऑफिस और घर पर कार्रवाई करते हुए कई अहम दस्तावेज बरामद किया था. साथ ही खाटुआ को पूछताछ के लिए सीबीआई ने दिल्ली भी बुलाया था, लेकिन 15 जनवरी को खाटूआ के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उसकी हत्या हो गई और 17 जनवरी को उनकी लाश पाटबाबा के जंगल में मिली थी.

Central Safety Institute Gun Carriage Factory
केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री

रक्षा मंत्रालय पर गंभीर आरोप

ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लाय फेडरेशन(AIDEF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक का इस घटनाक्रम में सनसनीखेज बयान आया है. पाठक का कहना है कि चाहे इस मामले की सीबीआई जांच करे या फिर जबलपुर पुलिस, लेकिन कोई भी खाटुआ के हत्यारों को नहीं पकड़ सकता है क्योंकि रक्षा मंत्रालय में बहुत बड़े-बड़े लोग हैं जोकि पलक झपकते ही अपने रास्ते में आने वाले लोगों को अलग कर देते हैं. आज खाटुआ के हत्यारों को पकड़ना पुलिस के लिए नामुमकिन है.

एसएम पाठक ने कहा कि जब जस्टिस लोया की हत्या करने वालों को सीबीआई नहीं तलाश पाई तो फिर जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटुआ के हत्यारों को क्या सीबीआई या पुलिस पकड़ेगी, ये तो समझ से परे है. एसएन पाठक ने कहा कि आईजी-डीआईजी और एसपी जबलपुर आएंगे, कुछ साल यहां रहेंगे और चले जाएंगे, पर लगता नहीं है कि खाटुआ हत्याकांड का कभी खुलासा हो सकेगा. बीते दो साल की जांच में सीबीआई भी धनुष तोप मामले को सुलझाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है.

AMRY
धनुष तोप के साथ जवान

एससी खाटुआ के पास थी अहम जानकारी

धनुष तोप से जुड़े कलपुर्जों की खरीदी को लेकर एससी खाटुआ के पास बहुत सारी जानकारी थी. उनको शायद ये भी पता था कि धनुष तोप में आखिर कैसे चाइनीस बेयरिंग लगा दी गई और इसमें कौन शामिल हैं. बाद में जब यही तोप का बालासोर रेंज में परीक्षण किया गया तो वो फेल हो गया था, तब पता चला कि इस तोप में चाइनीज बेयरिंग लगाई गई है.

गन कैरिज फैक्ट्री में बनती है धनुष तोप

जबलपुर की केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री में देश की सबसे शक्तिशाली धनुष तोप का निर्माण किया जाता है. जनवरी 2019 में धनुष तोप में लगाए जाने वाले बेयरिंग को लेकर जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटूआ का नाम सामने आया था. इसकी जांच आगे बढ़ती, इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई.

जबलपुर। खाटुआ हत्याकांड में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. जिसके चलते जबलपुर रेंज के आईजी भगवत सिंह चौहान ने एक बार फिर खाटुआ हत्याकांड के आरोपियों पर इनाम की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25000 रूपए कर दिया है. केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष तोप के निर्माण में चीनी कलपुर्जे लगाने का मामला सामने आया था, इस फर्जीवाड़े में फैक्ट्री में पदस्थ जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खाटुआ संदिग्ध पाया गया था. सीबीआई इस फर्जीवाड़े में और जानकारी लेने के लिए खाटूआ को दिल्ली बुलाय था, लेकिन खाटूआ के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई. दो साल बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारों को ढूंढ़ने में नाकाम रही है.

खाटुआ हत्याकांड

पुलिस गिरफ्त से बाहर हत्यारोपी

ये मामला 10 जनवरी 2019 को उजागर हुआ था. इतना समय बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारे को ढूंढ़ने में नाकाम रही है. खाटूआ धनुष तोप में लगने वाले कलपुर्जों की खरीद-विक्री का हिसाब रखता था. धनुष तोप में आखिर कैसे चाइनीज बेयरिंग का इस्तेमाल किया गया और कौन इस मामले में संलिप्त था, इसकी सीबीआई जांच कर रही थी. 10 जनवरी 2019 को सीबीआई इस फर्जीवाड़े की तह तक जाने के लिए जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री भी गई थी. जहां जेडब्ल्यूएम एसी खाटूआ के ऑफिस और घर पर कार्रवाई करते हुए कई अहम दस्तावेज बरामद किया था. साथ ही खाटुआ को पूछताछ के लिए सीबीआई ने दिल्ली भी बुलाया था, लेकिन 15 जनवरी को खाटूआ के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उसकी हत्या हो गई और 17 जनवरी को उनकी लाश पाटबाबा के जंगल में मिली थी.

Central Safety Institute Gun Carriage Factory
केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री

रक्षा मंत्रालय पर गंभीर आरोप

ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लाय फेडरेशन(AIDEF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक का इस घटनाक्रम में सनसनीखेज बयान आया है. पाठक का कहना है कि चाहे इस मामले की सीबीआई जांच करे या फिर जबलपुर पुलिस, लेकिन कोई भी खाटुआ के हत्यारों को नहीं पकड़ सकता है क्योंकि रक्षा मंत्रालय में बहुत बड़े-बड़े लोग हैं जोकि पलक झपकते ही अपने रास्ते में आने वाले लोगों को अलग कर देते हैं. आज खाटुआ के हत्यारों को पकड़ना पुलिस के लिए नामुमकिन है.

एसएम पाठक ने कहा कि जब जस्टिस लोया की हत्या करने वालों को सीबीआई नहीं तलाश पाई तो फिर जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटुआ के हत्यारों को क्या सीबीआई या पुलिस पकड़ेगी, ये तो समझ से परे है. एसएन पाठक ने कहा कि आईजी-डीआईजी और एसपी जबलपुर आएंगे, कुछ साल यहां रहेंगे और चले जाएंगे, पर लगता नहीं है कि खाटुआ हत्याकांड का कभी खुलासा हो सकेगा. बीते दो साल की जांच में सीबीआई भी धनुष तोप मामले को सुलझाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है.

AMRY
धनुष तोप के साथ जवान

एससी खाटुआ के पास थी अहम जानकारी

धनुष तोप से जुड़े कलपुर्जों की खरीदी को लेकर एससी खाटुआ के पास बहुत सारी जानकारी थी. उनको शायद ये भी पता था कि धनुष तोप में आखिर कैसे चाइनीस बेयरिंग लगा दी गई और इसमें कौन शामिल हैं. बाद में जब यही तोप का बालासोर रेंज में परीक्षण किया गया तो वो फेल हो गया था, तब पता चला कि इस तोप में चाइनीज बेयरिंग लगाई गई है.

गन कैरिज फैक्ट्री में बनती है धनुष तोप

जबलपुर की केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री में देश की सबसे शक्तिशाली धनुष तोप का निर्माण किया जाता है. जनवरी 2019 में धनुष तोप में लगाए जाने वाले बेयरिंग को लेकर जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटूआ का नाम सामने आया था. इसकी जांच आगे बढ़ती, इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई.

Last Updated : Jul 7, 2020, 2:56 PM IST
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