जबलपुर। धान की खरीदी कर खुले बाजार में बेचने का मामला सामने आया है. बालाघाट और सिवनी में समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान को कस्टम मिलिंग राईस कर धार पहुंचाए जाने की जगह खुले बाजार में बेचा जा रहा है. जिन वाहनों से सीएमआर चावल की सप्लाई करना बताया गया, उनके मालिकों ने परिवाहन करने से इंकार किया था(Jabalpur paddy sold in open market). यह घोटाला समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने वाली फार्मों और नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों की सांठ-गांठ से किया गया. इसकी शिकायत पर जबलपुर संभागायुक्त ने जांच के निर्देश दिए हैं.
खुले बाजार में बेचा धान: शिकायतकर्ता आनंद ताम्रकार ने बताया कि, श्रीकृष्ण इंडस्ट्रीज और अनुश्री ट्रेडर्स ने सिवनी में नागरिक आपूर्ति निगम और मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ से साल 2021-22 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान का कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध निष्पादित किया गया था. अनुबंध के अनुसार दोनों फर्म को बालाघाट और सिवनी जिले से 167 लॉट धान, जिसका मूल्य 12 करोड़ रुपए है, उसे परिवाहन कर धार पहुंचाना था(Jabalpur paddy sell on illegal way). इसकी जगह दोनों फर्मों ने सीएमआर चावल का विक्रय खुले बाजार में कर दिया. इसके एवज में अमानक स्तर के चावल धार जिले में नागरिक आपूर्ति निगम को सप्लाई कर दिया.
नियमों की अनदेखी: नागरिक आपूर्ति निगम और मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ के आला अफसरों की मिलीभगत से इस हेराफेरी को अंजाम दिया गया है. अनुबंध की कंडिका क्रमांक 44 में स्पष्ट उल्लेखित है की राईस मिलर्स को सप्लाई किये गये धान को किसी भी स्थिति में विक्रय नहीं की जा सकती. सप्लाई किए गए चावल केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं है (Jabalpur officers buy paddy on support price). धान के परिवहन में जिन ट्रकों का उल्लेख किया गया है वे स्थानीय परिवहनकर्ता हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके द्वारा धान धार नहीं ले जाया गया. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर और संभागायुक्त से शिकायत की थी. संभागायुक्त जबलपुर बी चंद्रशेखर ने बताया कि, "उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसके जांच के आदेश जारी किए गए हैं. जांच में जो व्यक्ति दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी".