जबलपुर. जिले की पाटन विधानसभा में कांग्रेस की पहली जन आक्रोश रैली (Congress Jan Akrosh Rally) में कांग्रेस के नेताओं ने टिकट के लिए जमकर दावेदारी की. फिलहाल, यह विधानसभा भारतीय जनता पार्टी के पास है. यहां से भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अजय बिश्नोई विधायक हैं. इसलिए उन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस को किसी मजबूत दावेदार को यहां से उतरना होगा.
रैली में शामिल हुए पीसीसी चीफ: जबलपुर की पाटन विधानसभा में कांग्रेस ने जन आक्रोश रैली की. इस रैली में कमलनाथ और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हुए. दोनों ही मध्य प्रदेश की वर्तमान बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर बरसे. इस दौरान कांग्रेस में टिकट को लेकर जोर अजामाइश भी देखने को मिली.
कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में कौन शामिल
1. नीलेश अवस्थी
पाटन विधानसभा से अजय बिश्नोई के खिलाफ निलेश अवस्थी ने एक बार जीत हासिल की है. पिछली बार निलेश अवस्थी 27000 वोटो से हार गए थे. निलेश अवस्थी एक बार फिर कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन इस बार पार्टी क्राइटेरिया के तहत उन्हें टिकट मिलना मुश्किल नजर आता है. पार्टी की गाइडलाइन के मुताबिक, 5000 से ज्यादा वोटो से हारने वाले प्रत्याशी को टिकट देने के पहले कई बार विचार किया जाएगा. इसलिए निलेश अवस्थी क्षेत्र में तो दावा मजबूत कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के नियमों के सामने क्या करेंगे.
2. विक्रम सिंह
विक्रम सिंह भी जन आक्रोश रैली में अपने बैनर और पोस्टर्स के साथ नजर आए. विक्रम सिंह पाटन के रहने वाले हैं, लेकिन यह भी 2008 का चुनाव अजय बिश्नोई से हार चुके हैं. विक्रम सिंह इस चुनाव में लगभग 12000 वोटो के अंतर से हारे थे. इसलिए विक्रम सिंह का दावा भी कांग्रेस के टिकट के नियम के अनुसार कमजोर साबित हो रहा है.
जबलपुर की कुडम विधानसभा में 2018 के चुनाव में खिलाड़ी सिंह भी नंदनी मरावी से 5000 से ज्यादा वोटो से हारे थे. खिलाड़ी सिंह को पूरा अंदाजा हो गया था कि उन्हें टिकट नहीं मिलने वाली इसलिए, उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया.
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3. श्याम सुंदर बब्बू यादव
श्यामसुंदर बब्बू यादव भी अपने समर्थकों के साथ जन आक्रोश रैली में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. उनके समर्थकों ने भी श्याम सुंदर बब्बू यादव के समर्थन में जमकर नारेबाजी की. श्याम सुंदर बब्बू से जब हमने पूछा कि यहां बड़े पैमाने पर गुटबाजी नजर आ रही थी. इस पर उनका कहना है कि यह गुटबाजी नहीं है बल्कि जिस जिस को टिकट चाहिए, वह अपनी दावेदारी पेश कर रहा था. यहां कांग्रेस पिछला चुनाव हार गई थी, इसलिए सभी को अपनी दावेदारी पेश करने का पूरा हक है. इसे गुटबाजी के नजरिए से ना देखा जाए. श्याम सुंदर बब्बू का कहना है कि वे लंबे समय से किसानों के लिए आंदोलन करते रहे हैं. इसी के नाते वे टिकट मांग रहे हैं. यह उनका पहला चुनाव है.
4. दुर्गेश पटेल
इन तीन दावेदारों के अलावा, कांग्रेस के में लंबे समय से सक्रिय दुर्गेश पटेल ने भी दावेदारी की. हालांकि, उनका शक्ति प्रदर्शन कमजोर था. मंच पर केवल निलेश अवस्थी को भाषण देने का मौका मिला. उन्हें भी बहुत कम शब्दों में अपनी बात कहने दिया गया.
कमलनाथ या सुरजेवाला की ओर से किसी की तरफ कोई इशारा नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में पाटन से कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा फिलहाल कह पाना मुश्किल है.