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Congress Protest: जबलपुर में कांग्रेस ने बिजली कंपनियों के खिलाफ खोला मोर्चा, स्मार्ट मीटर लगाने पर गरमाई सियासत, जानें क्या है पूरा मामला - एमपी चुनाव

जबलपुर में कांग्रेस लगातार बिजली कंपनियों को विरोध कर रही है. इसके पीछे वजह बिजली कंपनियों की तरफ से लगाए जा रहे डिजिटल मीटर हैं. इधर, कांग्रेस का आरोप है कि स्मार्ट मीटरों की खरीदी में भ्रष्टाचार की संभावना है.

Jabalpur Congress Protest
जबलपुर में बिजली कंपनियों के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 9:49 PM IST

जबलपुर. शहर में कांग्रेस ने बिजली कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिजली कंपनियां डिजिटल की जगह अब स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस नेताओं का आरोप है- डिजिटल मीटर में बिजली कंपनी छेड़खानी करके उपभोक्ताओं को लूटेंगे. ये आरोप राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने लगाया है.

तन्खा ने कहा- बड़े पैमाने पर जबलपुर में लगने वाले बिजली के स्मार्ट मीटरों की खरीदी में भ्रष्टाचार की संभावना है. कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोकने के लिए एक रथ भी शहरभर में रवाना किया है.

'स्मार्ट मीटर दे रहा है फर्जी रीडिंग': जबलपुर में बीते लंबे समय से कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा बिजली विभाग की समस्याओं पर बिजली कंपनियों का विरोध करते रहे हैं. पिछले दिनों ही उन्होंने दिल्ली की बिजली कंपनी का रामेश्वरम इलाके में विरोध किया था. इलाके के लोगों कहना है कि मीटर फर्जी रीडिंग दे रहा है.

स्मार्ट मीटर के विरोध में जागरूकता रथ: अब इस पूरे मामले को देखते हुए, सौरभ शर्मा ने तय किया कि जबलपुर में स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे. कांग्रेस ने एक रथ बनवाया है, जो जबलपुर के अलग-अलग इलाकों में घूमेगा. इसमें एक वीडियो फिल्म लोगों को दिखाई जाएगी, जिसमें स्मार्ट मीटर की वजह से होने वाले नुकसान को जनता को समझाया जाएगा.

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राज्यसभा सांसद ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने पूरे मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि जो जो बिजली कंपनी एक रुपए का तार किसी को फ्री में नहीं देती, वह बिजली कंपनी ₹7000 का स्मार्ट मीटर मुफ्त में क्यों लगा कर दे रही है.

उन्होंने कहा कि चुनाव के ठीक पहले बड़े पैमाने पर मीटर खरीदी भ्रष्टाचार भी हो सकता है. इसलिए स्मार्ट मीटर को लगाने की योजना शासन को तुरंत रोक देनी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'किसानों को बिजली नहीं मिल रही है. किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. गांव में 24 घंटे बिजली का वादा किया गया था लेकिन कई गांव में बिजली मात्र 10 घंटे ही दी जा रही है. मध्यप्रदेश में बिजली का उत्पादन घट गया है. दूसरी ओर आम उपभोक्ता को महंगी बिजली दी जा रही है. राज्य सरकार का ध्यान बिजली को सस्ता करने की बजाय स्मार्ट मीटर लगाने पर है, जबकि आम उपभोक्ता इस मीटर पर भरोसा नहीं कर रहा है.'

बिजली कंपनी के अधिकारी क्या बोले?: बिजली कंपनी के अधिकारी संजय अरोड़ा का कहना है- कांग्रेस का यह विरोध गलत है. मीटर पूरी तरह से सही है.इन मीटर के लगने के बाद आम आदमी को फायदा होगा. वो खुद अपनी बिजली की खपत ऑनलाइन चेक कर सकेगा.

जबलपुर. शहर में कांग्रेस ने बिजली कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिजली कंपनियां डिजिटल की जगह अब स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस नेताओं का आरोप है- डिजिटल मीटर में बिजली कंपनी छेड़खानी करके उपभोक्ताओं को लूटेंगे. ये आरोप राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने लगाया है.

तन्खा ने कहा- बड़े पैमाने पर जबलपुर में लगने वाले बिजली के स्मार्ट मीटरों की खरीदी में भ्रष्टाचार की संभावना है. कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोकने के लिए एक रथ भी शहरभर में रवाना किया है.

'स्मार्ट मीटर दे रहा है फर्जी रीडिंग': जबलपुर में बीते लंबे समय से कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा बिजली विभाग की समस्याओं पर बिजली कंपनियों का विरोध करते रहे हैं. पिछले दिनों ही उन्होंने दिल्ली की बिजली कंपनी का रामेश्वरम इलाके में विरोध किया था. इलाके के लोगों कहना है कि मीटर फर्जी रीडिंग दे रहा है.

स्मार्ट मीटर के विरोध में जागरूकता रथ: अब इस पूरे मामले को देखते हुए, सौरभ शर्मा ने तय किया कि जबलपुर में स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे. कांग्रेस ने एक रथ बनवाया है, जो जबलपुर के अलग-अलग इलाकों में घूमेगा. इसमें एक वीडियो फिल्म लोगों को दिखाई जाएगी, जिसमें स्मार्ट मीटर की वजह से होने वाले नुकसान को जनता को समझाया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि चुनाव के ठीक पहले बड़े पैमाने पर मीटर खरीदी भ्रष्टाचार भी हो सकता है. इसलिए स्मार्ट मीटर को लगाने की योजना शासन को तुरंत रोक देनी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'किसानों को बिजली नहीं मिल रही है. किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. गांव में 24 घंटे बिजली का वादा किया गया था लेकिन कई गांव में बिजली मात्र 10 घंटे ही दी जा रही है. मध्यप्रदेश में बिजली का उत्पादन घट गया है. दूसरी ओर आम उपभोक्ता को महंगी बिजली दी जा रही है. राज्य सरकार का ध्यान बिजली को सस्ता करने की बजाय स्मार्ट मीटर लगाने पर है, जबकि आम उपभोक्ता इस मीटर पर भरोसा नहीं कर रहा है.'

बिजली कंपनी के अधिकारी क्या बोले?: बिजली कंपनी के अधिकारी संजय अरोड़ा का कहना है- कांग्रेस का यह विरोध गलत है. मीटर पूरी तरह से सही है.इन मीटर के लगने के बाद आम आदमी को फायदा होगा. वो खुद अपनी बिजली की खपत ऑनलाइन चेक कर सकेगा.

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