जबलपुर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महंगी रसोई गैस को मुद्दा बना रही है. इस पर कांग्रेस का आरोप है कि महंगी रसोई गैस आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ रही है. इसके जवाब में जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेता और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक अखिलेश जैन कहा है कि अगले 2 सालों में जबलपुर के आसपास के जिलों में हम कम दामों में घरेलू और कमर्शियल गैस उपलब्ध करवाएंगे. इसके गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पाइप लाइन बिछाने का अपना काम 50 प्रतिशत पूरा कर दिया है.
गैस पाइप लाइन का नेटवर्क: गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसमें मध्य प्रदेश के हिस्से में 1100 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. इसके तहत नागपुर से एक पाइप लाइन जबलपुर तक बिछाई जा रही है. इसके जरिए घरेलू और कमर्शियल गैस को जबलपुर तक पहुंचाया जाएगा. इस पाइप लाइन को बिछाने का काम 50 प्रतिशत तक पूरा हो गया है. गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि 2024 के अंत तक जबलपुर के कोसमघाट में डिस्ट्रीब्यूशन प्लांट तक गैस पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो जाएगा.
ऐसे मिलेगी सस्ती गैस: निजी कंपनियां डिस्ट्रीब्यूशन प्लांट से आम उपभोक्ता तक गैस पहुंचाने की व्यवस्था के लिए पाइप लाइन डालेंगे. इसी पाइपलाइन के जरिए घरेलू उपभोक्ता को गैस मिलेगी और गैस के मीटर लगाए जाएंगे, जिस तरीके से लोगों के घरों में नलों से पानी आता है. उसी तरीके से गैस भी आएगी. हालांकि यह काम निजी कंपनियां करेंगे. घरेलू उपभोक्ताओं को गैस की सप्लाई किस दर पर होगी यह निर्धारण करने का काम निजी कंपनियों का होगा. लेकिन देश के दूसरे हिस्सों के अनुभव के आधार पर गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक अखिलेश जैन का कहना है कि अनुपातिक नजरिए से देखें तो गैस के दामों में लगभग 25 प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी और आम आदमी को 25 प्रतिशत सस्ती गैस मिलेगी.
महाकौशल को सुविधाः यह योजना जबलपुर सहित 14 जिलों के लिए गैस पाइपलाइन बिछा रही है और 14 जिलों के 85 लाख लोगों को गैस पाइपलाइन के जरिए घरेलू और व्यापारिक गैस मिलेगी. गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों का दावा है कि इसका फायदा केवल घरेलू उपभोक्ता को ही नहीं मिलेगा, बल्कि इसके कनेक्शन व्यापारिक उपभोक्ताओं को भी दिए जाएंगे. सस्ता और असीमित इंधन मिलने से कई नए कारखाने शुरू हो सकेंगे. इसके साथ ही सीएनजी से चलने वाले वाहनों की संख्या भी बढ़ेगी. लेकिन इसमें भी अभी कई सवाल ऐसे हैं जिनका सही जवाब नहीं मिल पा रहा है कि क्या गैस सिलेंडर पूरी तरह से बंद हो जाएंगे. गैस सिलेंडर के सिस्टम में काम करने वाले हजारों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जाएगा.
ये भी पढ़ें :- |
निजी कंपनियों की मनमानी का डरः गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने यहां दो बड़ी निजी कंपनियों के बारे में जानकारी भी दी, जिसमें अदानी और मेघा इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनियां शामिल हैं, जो घर-घर गैस का डिस्ट्रीब्यूशन करेंगी. इसमें सवाल यह भी खड़ा होता है कि दामों को कम और ज्यादा करने का फैसला भी इन कंपनियों के पास है. ऐसी स्थिति में यदि इन कंपनियों ने ज्यादा महंगे दामों पर गैस बेचना शुरू किया तो इन को नियंत्रित करने के लिए शासन के पास कोई अधिकार नहीं है.