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स्वच्छता सर्वेक्षण  2021 लिस्ट में जबलपुर फिसड्डी, एक साल में सड़क की सफाई के लिए खर्चे तीन करोड़ रुपये, हालात जस के तस

जबलपुर नगर निगम शहर को स्वच्छ बनाने के लिए हर माह लाखो रुपये खर्च कर देता है. इसके बावजूद जबलपुर का स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 लिस्ट में 20वें पायदान पर रहा है. जबकि 2020 में जबलपुर 20वें स्थान पर था.

jabalpur municipal corporation
जबलपुर नगर निगम
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Published : Dec 6, 2021, 2:23 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 1:22 PM IST

जबलपुर। स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में भले ही जबलपुर शहर लगातार पिछड़ रहा है, पर सफाई के लिए पैसा खर्च करने में नगर निगम (jabalpur municipal corporation) कहीं से भी पीछे नहीं है. तीन वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण की बात करें तो 2019 में 25वें तो 2020 में 17वें और 2021 में तीन स्थान और फिसलकर 20वे नंबर पर आ गया है. सफाई के नाम पर नगर निगम हर माह लाखो रुपये फूंक रहा है. जबलपुर नगर निगम ने बीते एक साल में ही सड़क सफाई के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च कर दिए है. इसके बाद भी शहर फिसड्डी (Jabalpur place in cleanliness survey 2021) ही रहा है.

जबलपुर नगर निगम

सड़कों की धूल साफ करने करोड़ों की मशीन-लाखो का डीजल
जबलपुर नगर निगम में शहर की सड़कों की सफाई के लिए 2018 में 84 लाख रुपये खर्च कर दो रोड स्वीपर मशीन खरीदीं थीं. इसके बाद एक गाड़ी और नगर निगम के पास आई. दावा था कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद सड़कों की बारीकी से साफाई की जाएगी. असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ. नगर निगम ने 2019 में इंदौर की कंपनी ने सड़क साफ करने के लिए प्रति माह 30 लाख रुपये खर्च किए है. यानी एक साल में तीन करोड़ 60 लाख रुपये फूंक दिए.

धूल की सफाई में खर्च हुए 28 लाख रुपये
नगर निगम ने सड़क की धूल साफ करने के लिए किराए पर ली गाड़ियों के लिए 28 लाख रुपये का डीजल फूंक दिया. प्रति माह चार गाड़ियों के लिए 40 हजार लीटर डीजल हर माह दिया जाता है. इसके बाद भी शहर के हालात जस का तस हैं.

एक दिन में 4 घण्टे चलती है स्वीपर मशीन
नगर निगम में लगीं 4 में से 3 रोड स्वीपर मशीन वर्तमान में चल रही हैं. एक गाड़ी दिन भर में 4 घण्टे में 35 से 40 किलोमीटर चलती है. एक गाड़ी में 14 से 15 लीटर डीजल एक घण्टे में एक मशीन पर खर्च होता है. जबलपुर नगर निगम 70 रुपये के हिसाब प्रति गाड़ी को डीजल देता है.

हमारा फोकस सिर्फ स्वछता पर
स्वछता सर्वेक्षण में बीते तीन सालों से लगातार पिछड़ रहे जबलपुर की रैंकिंग को ऊपर लाने के लिए अभी से ही नगर निगम जबलपुर कमिश्नर संदीप जीआर जुट गए हैं. उनका कहना है कि स्वछता सर्वेक्षण में जबलपुर की अच्छी रैंकिंग लाने के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.

khajuraho film festival 5 दिसंबर से होगी शुरूआत, देशभक्ति थीम पर 75 फिल्मों का होगा प्रदर्शन

सड़क की धूल के नाम पर इस तरह से उड़े रुपये

  • 2018 में 84 लाख रुपये खर्च कर दो रोड स्वीपर मशीनें खरीदीं.
  • 2019 में 30 लाख रुपये खर्च कर एक साल के लिए चार मशीनें किराये पर ली गईं.
  • हाल ही में जबलपुर नगर निगम ने दो स्वीपर मशीनें और खरीदीं हैं.
  • 28 लाख रुपये हर माह धूल की सफाई में किए जाते हैं खर्च.
  • 40 हजार लीटर डीजल हर माह गाड़ियों में खर्च होता है.
  • 14 से 15 लीटर डीजल एक घण्टे में एक मशीन पर खर्च होता है .

जबलपुर। स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में भले ही जबलपुर शहर लगातार पिछड़ रहा है, पर सफाई के लिए पैसा खर्च करने में नगर निगम (jabalpur municipal corporation) कहीं से भी पीछे नहीं है. तीन वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण की बात करें तो 2019 में 25वें तो 2020 में 17वें और 2021 में तीन स्थान और फिसलकर 20वे नंबर पर आ गया है. सफाई के नाम पर नगर निगम हर माह लाखो रुपये फूंक रहा है. जबलपुर नगर निगम ने बीते एक साल में ही सड़क सफाई के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च कर दिए है. इसके बाद भी शहर फिसड्डी (Jabalpur place in cleanliness survey 2021) ही रहा है.

जबलपुर नगर निगम

सड़कों की धूल साफ करने करोड़ों की मशीन-लाखो का डीजल
जबलपुर नगर निगम में शहर की सड़कों की सफाई के लिए 2018 में 84 लाख रुपये खर्च कर दो रोड स्वीपर मशीन खरीदीं थीं. इसके बाद एक गाड़ी और नगर निगम के पास आई. दावा था कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद सड़कों की बारीकी से साफाई की जाएगी. असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ. नगर निगम ने 2019 में इंदौर की कंपनी ने सड़क साफ करने के लिए प्रति माह 30 लाख रुपये खर्च किए है. यानी एक साल में तीन करोड़ 60 लाख रुपये फूंक दिए.

धूल की सफाई में खर्च हुए 28 लाख रुपये
नगर निगम ने सड़क की धूल साफ करने के लिए किराए पर ली गाड़ियों के लिए 28 लाख रुपये का डीजल फूंक दिया. प्रति माह चार गाड़ियों के लिए 40 हजार लीटर डीजल हर माह दिया जाता है. इसके बाद भी शहर के हालात जस का तस हैं.

एक दिन में 4 घण्टे चलती है स्वीपर मशीन
नगर निगम में लगीं 4 में से 3 रोड स्वीपर मशीन वर्तमान में चल रही हैं. एक गाड़ी दिन भर में 4 घण्टे में 35 से 40 किलोमीटर चलती है. एक गाड़ी में 14 से 15 लीटर डीजल एक घण्टे में एक मशीन पर खर्च होता है. जबलपुर नगर निगम 70 रुपये के हिसाब प्रति गाड़ी को डीजल देता है.

हमारा फोकस सिर्फ स्वछता पर
स्वछता सर्वेक्षण में बीते तीन सालों से लगातार पिछड़ रहे जबलपुर की रैंकिंग को ऊपर लाने के लिए अभी से ही नगर निगम जबलपुर कमिश्नर संदीप जीआर जुट गए हैं. उनका कहना है कि स्वछता सर्वेक्षण में जबलपुर की अच्छी रैंकिंग लाने के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.

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सड़क की धूल के नाम पर इस तरह से उड़े रुपये

  • 2018 में 84 लाख रुपये खर्च कर दो रोड स्वीपर मशीनें खरीदीं.
  • 2019 में 30 लाख रुपये खर्च कर एक साल के लिए चार मशीनें किराये पर ली गईं.
  • हाल ही में जबलपुर नगर निगम ने दो स्वीपर मशीनें और खरीदीं हैं.
  • 28 लाख रुपये हर माह धूल की सफाई में किए जाते हैं खर्च.
  • 40 हजार लीटर डीजल हर माह गाड़ियों में खर्च होता है.
  • 14 से 15 लीटर डीजल एक घण्टे में एक मशीन पर खर्च होता है .
Last Updated : Jan 10, 2022, 1:22 PM IST
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