जबलपुर। शराब माफिया के खिलाफ जबलपुर में ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की. टीम ने शहर की अलग-अलग शराब दुकानों से एक ही ब्रांड की एक सी बोतल खरीदी. शहर की पांच अलग-अलग दुकानों पर पांच प्रकार के दाम मिले और यह सभी दाम मैक्सिमम सेलिंग प्राइस से ज्यादा थे. हंड्रेड पाइपर व्हिस्की सदर की गैरिसन ग्राउंड के सामने नर्मदा एसोसिएट की दुकान पर 2280 रुपए में मिली. वहीं मालवीय चौक की दुकान पर 2275 रुपए में यही शराब की बोतल जब बिलहरी में आकर जयसवाल की दुकान से खरीदी गई तो 2280 में दी गई.
दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई : इस तरीके से शहर की अलग-अलग पांच दुकानों पर शराब की बोतल 2275 में बिक रही थी, जबकि इस शराब को अधिकतम ₹2149 में ही बेचा जा सकता है. यह शराब निर्धारित धाम से लगभग ₹125 ज्यादा में बेची जा रही है. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने पूरी शराब की बोतलों को ऑनलाइन पेमेंट के जरिए खरीदा और साथ के साथ इन सभी दुकानदारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया. जिसमें धारा 120 षड्यंत्र करना और धारा 420 धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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कार्रवाई के बाद भी शराब माफिया बेलगाम : ईओडब्ल्यू के अधिकारी मनजीत सिंह का कहना है कि कार्रवाई में गवाहों को भी साथ में रखा. अभी इस बात का आकलन नहीं किया जा सका है कि अब तक सिंडिकेट जनता से कितने पैसे ज्यादा वसूल चुका है. बता दें कि शराब माफिया के हौसले कितने बुलंद हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जबलपुर के पनागर विधानसभा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशील तिवारी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ सार्वजनिक मंच से शराब माफिया की करतूत सभी के सामने उजागर की थीं. उन्होंने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की थी. प्रशासन ने 10 दुकानों के खिलाफ कार्रवाई भी की लेकिन इसके बाद भी शराब माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.