ETV Bharat / state

Jabalpur बिना बिल्डिंग परमिशन के संचालित केयर हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द

author img

By

Published : Feb 9, 2023, 6:09 PM IST

जबलपुर में स्वास्थ विभाग ने केयर अस्पताल अस्पताल पर बड़ी कार्रवाई की है. मरीजों के भर्ती पर रोक लगाते हुए लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. उधर, दमोह जिले के हटा में सैकड़ों मकान तोड़ने की प्रशासन की योजना को झटका लगा है. हाई कोर्ट ने मकान तोड़ने पर रोक लगा दी है.

license of care hospital
केयर हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द

जबलपुर/दमोह। जबलपुर में बिना भवन अनुज्ञा यानी बिल्डिंग परमिशन के संचालित हो रहे केयर अस्पताल का लाइसेंस जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया है. नियम विरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि 1 अगस्त 2022 को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड के बाद निजी अस्पतालों के संचालन को लेकर सरकार सख्त रवैया अपनाए हुए है.

अब तक 34 अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त : लंबे समय से जांच दल निजी अस्पतालों की जांच कर रहा था. इस बीच केयर अस्पताल द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद भी भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र यानी बिल्डिंग परमिशन के अनुमति पेश नहीं की जा रही थी. जिसके चलते उनका पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. इसके पूर्व 34 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए गए थे, जहां नियम विरुद्ध संचालन की जानकारी मिली थी. प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे अस्पताल में इलाजरत सभी मरीजों का समुचित इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज करें और किसी भी नए मरीज की भर्ती अस्पताल में ना किया जाए.

मकान तोड़ने पर हाईकोर्ट की रोक : दमोह जिले के हटा नगर में अतिक्रमण मानकर तोड़े जाने वाले सैकड़ों मकानों की विखंडन कार्रवाई पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने प्रिंसिपल सेक्रेट्री सहित 4 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. शासकीय एवं गोचर भूमि पर निवासरत हटा नगर के सैकड़ों परिवारों को फिलहाल राहत मिल गई है. गौरतलब है कि हटा नगर के यह रहवासी कई दशकों से वहां पर अपने मकान बनाकर रहे रहे हैं, जिन्हें करीब 25 दिन पहले हटा तहसीलदार ने नोटिस जारी कर मकान तोड़े जाने का आदेश दिया था. लेकिन यह रहवासी अपने मकान बचाने के लिए धरना प्रदर्शन से लेकर मुख्यमंत्री के दरबार तक में गुहार लगा चुके हैं. उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली. जिसके बाद 2 दिन पूर्व ही कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने मकान हर हाल में तोड़े जाने का बयान देकर इन रहवासियों को और भी भयभीत कर दिया.

Jabalpur Hospital Fire : लापरवाही बरतने पर संभागीय यंत्री शैलेंद्र गौरव और उपयंत्री अक्षय सरागवी सस्पेंड

हाईकोर्ट ने रोकी कार्रवाई : भाजपा नेता एवं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने इस विखंडन की कार्रवाई को रोकने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लिहाजा कोर्ट ने मकान तोड़े जाने की प्रक्रिया पर 2 सप्ताह के लिए रोक लगा दी है. कोर्ट ने पिटीशनर शिवचरण पटेल का पक्ष सुनते हुए मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर दमोह, तहसीलदार हटा एवं बिल्डर विजय बजाज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है. दरअसल, हटा स्थित भूमि 22/1, 24, 26/40 43, 45, 62/1, 61/1, 69/1,70 एवं 71/1 भू अभिलेख में गोचर एवं शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है जिस पर 500 से अधिक परिवार कई वर्षों से निवास रखें कई परिवारों को उसी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास सहित कई योजनाओं का लाभ भी दिया गया और अब प्रशासन उसे तोड़ने के एवं खाली करने के आदेश दिए हैं.

जबलपुर/दमोह। जबलपुर में बिना भवन अनुज्ञा यानी बिल्डिंग परमिशन के संचालित हो रहे केयर अस्पताल का लाइसेंस जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया है. नियम विरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि 1 अगस्त 2022 को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड के बाद निजी अस्पतालों के संचालन को लेकर सरकार सख्त रवैया अपनाए हुए है.

अब तक 34 अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त : लंबे समय से जांच दल निजी अस्पतालों की जांच कर रहा था. इस बीच केयर अस्पताल द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद भी भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र यानी बिल्डिंग परमिशन के अनुमति पेश नहीं की जा रही थी. जिसके चलते उनका पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. इसके पूर्व 34 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए गए थे, जहां नियम विरुद्ध संचालन की जानकारी मिली थी. प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे अस्पताल में इलाजरत सभी मरीजों का समुचित इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज करें और किसी भी नए मरीज की भर्ती अस्पताल में ना किया जाए.

मकान तोड़ने पर हाईकोर्ट की रोक : दमोह जिले के हटा नगर में अतिक्रमण मानकर तोड़े जाने वाले सैकड़ों मकानों की विखंडन कार्रवाई पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने प्रिंसिपल सेक्रेट्री सहित 4 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. शासकीय एवं गोचर भूमि पर निवासरत हटा नगर के सैकड़ों परिवारों को फिलहाल राहत मिल गई है. गौरतलब है कि हटा नगर के यह रहवासी कई दशकों से वहां पर अपने मकान बनाकर रहे रहे हैं, जिन्हें करीब 25 दिन पहले हटा तहसीलदार ने नोटिस जारी कर मकान तोड़े जाने का आदेश दिया था. लेकिन यह रहवासी अपने मकान बचाने के लिए धरना प्रदर्शन से लेकर मुख्यमंत्री के दरबार तक में गुहार लगा चुके हैं. उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली. जिसके बाद 2 दिन पूर्व ही कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने मकान हर हाल में तोड़े जाने का बयान देकर इन रहवासियों को और भी भयभीत कर दिया.

Jabalpur Hospital Fire : लापरवाही बरतने पर संभागीय यंत्री शैलेंद्र गौरव और उपयंत्री अक्षय सरागवी सस्पेंड

हाईकोर्ट ने रोकी कार्रवाई : भाजपा नेता एवं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने इस विखंडन की कार्रवाई को रोकने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लिहाजा कोर्ट ने मकान तोड़े जाने की प्रक्रिया पर 2 सप्ताह के लिए रोक लगा दी है. कोर्ट ने पिटीशनर शिवचरण पटेल का पक्ष सुनते हुए मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर दमोह, तहसीलदार हटा एवं बिल्डर विजय बजाज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है. दरअसल, हटा स्थित भूमि 22/1, 24, 26/40 43, 45, 62/1, 61/1, 69/1,70 एवं 71/1 भू अभिलेख में गोचर एवं शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है जिस पर 500 से अधिक परिवार कई वर्षों से निवास रखें कई परिवारों को उसी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास सहित कई योजनाओं का लाभ भी दिया गया और अब प्रशासन उसे तोड़ने के एवं खाली करने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.