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कथाओं में भीड़ जुटाने 20 कॉलेजों में पहुंचा सरकारी फरमान, कांग्रेस बोली- BJP को हुआ सत्ता का नशा - कथा में भीड़ बढ़ाने के लिए कॉलेजों को पत्र

उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक ने एक राजनीतिक दल के धार्मिक आयोजन में भीड़ बढ़ाने के लिए 20 कालेजों को पत्र लिखा है जो तेजी से वायरल हो रहा है हालांकि इसकी सत्यता पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन इस सरकारी पत्र पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए नगर कांग्रेस के अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू का बयान समाने आया है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं सत्ता का अजीर्ण हो गया है और वे अधिकारियों के माध्यम से ऐसे तुगलकी फरमान जारी करवा रहे हैं.

jabalpur higher education department letter
जबलपुर उच्च शिक्षा विभाग पत्र
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Published : Apr 14, 2023, 5:33 PM IST

Updated : Apr 14, 2023, 6:15 PM IST

जबलपुर। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें संचालक महोदय के हस्ताक्षर हैं. पत्र जबलपुर शहर के 20 कॉलेजों को भेजा गया है. पत्र के अनुसार जबलपुर के गोल बाजार मैदान में 13 अप्रैल को हिंदू संत रामभद्राचार्य के प्रवचन होना है. इस कार्यक्रम में राम का समरस एवं समर्थ भारत विषय पर रामभद्राचार्य अपने विचार रखेंगे. इन्हीं विचारों को सुनने के लिए उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक ने शहर के 20 कॉलेज के प्राचार्यों को लगभग 2 हजार छात्रों को मैदान में भेजने के लिए आदेश दिया है. प्रत्येक कॉलेज को 50 से लेकर 150 तक छात्रों को कार्यक्रम में लाने के बारे में कहा गया है. इसी पत्र पर एक किसी दूसरे वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी भी लिखी हुई है जिसमें कार्यक्रम में छात्रों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. शुक्रवार को अंबेडकर जयंती का अवकाश होने की वजह से इस पत्र पर प्रतिक्रिया देने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं है.

jabalpur higher education department letter
जबलपुर उच्च शिक्षा विभाग पत्र

कांग्रेस की आपत्ति: जबलपुर कांग्रेस के अध्यक्ष और जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने इस पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं को सत्ता का अजीर्ण हो गया है और वह अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके अधिकारियों से तुगलकी फरमान जारी करवा रहे हैं. यह फरमान भी कुछ ऐसा ही है जिसमें कालेज की छात्रों को जबरन एक कार्यक्रम में बुलाया गया. जगत बहादुर सिंह का कहना है कि इस तरीके से ना केवल सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है बल्कि धार्मिक संतों का भी अपमान किया जा रहा है.

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सिविल सेवा नियम का दुरुपयोग: महापौर ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किया था यह कोई सरकारी आयोजन नहीं था और हिंदू संत के प्रवचन सुनने के लिए सरकारी आदेश कई सवाल खड़े करता है क्योंकि सरकारी सेवा में काम करने वाले अधिकारियों इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकते. रामभद्राचार्य बेशक देश के बड़े हिंदू संत हैं लेकिन उनके कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए कॉलेजों के छात्रों को बुलाने का सरकारी आदेश जारी करना सरकारी अधिकारी के सभी धर्मों के प्रति सम्मान देने के नियम की अनदेखी करता हुआ मालूम होता है.

जबलपुर। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें संचालक महोदय के हस्ताक्षर हैं. पत्र जबलपुर शहर के 20 कॉलेजों को भेजा गया है. पत्र के अनुसार जबलपुर के गोल बाजार मैदान में 13 अप्रैल को हिंदू संत रामभद्राचार्य के प्रवचन होना है. इस कार्यक्रम में राम का समरस एवं समर्थ भारत विषय पर रामभद्राचार्य अपने विचार रखेंगे. इन्हीं विचारों को सुनने के लिए उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक ने शहर के 20 कॉलेज के प्राचार्यों को लगभग 2 हजार छात्रों को मैदान में भेजने के लिए आदेश दिया है. प्रत्येक कॉलेज को 50 से लेकर 150 तक छात्रों को कार्यक्रम में लाने के बारे में कहा गया है. इसी पत्र पर एक किसी दूसरे वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी भी लिखी हुई है जिसमें कार्यक्रम में छात्रों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. शुक्रवार को अंबेडकर जयंती का अवकाश होने की वजह से इस पत्र पर प्रतिक्रिया देने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं है.

jabalpur higher education department letter
जबलपुर उच्च शिक्षा विभाग पत्र

कांग्रेस की आपत्ति: जबलपुर कांग्रेस के अध्यक्ष और जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने इस पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं को सत्ता का अजीर्ण हो गया है और वह अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके अधिकारियों से तुगलकी फरमान जारी करवा रहे हैं. यह फरमान भी कुछ ऐसा ही है जिसमें कालेज की छात्रों को जबरन एक कार्यक्रम में बुलाया गया. जगत बहादुर सिंह का कहना है कि इस तरीके से ना केवल सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है बल्कि धार्मिक संतों का भी अपमान किया जा रहा है.

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सिविल सेवा नियम का दुरुपयोग: महापौर ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किया था यह कोई सरकारी आयोजन नहीं था और हिंदू संत के प्रवचन सुनने के लिए सरकारी आदेश कई सवाल खड़े करता है क्योंकि सरकारी सेवा में काम करने वाले अधिकारियों इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकते. रामभद्राचार्य बेशक देश के बड़े हिंदू संत हैं लेकिन उनके कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए कॉलेजों के छात्रों को बुलाने का सरकारी आदेश जारी करना सरकारी अधिकारी के सभी धर्मों के प्रति सम्मान देने के नियम की अनदेखी करता हुआ मालूम होता है.

Last Updated : Apr 14, 2023, 6:15 PM IST
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