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फाइलों में कैद होकर रह गया प्रदेश का तीसरा हाईटेक ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल, जबलपुर में था प्रस्तावित

जबलपुर के बरगी क्षेत्र में प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की योजना बनाई गई थी लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते जबलपुर को यह सौगात नहीं मिल पाई है.

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Published : May 11, 2023, 3:34 PM IST

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जबलपुर हाई टेक ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल
जबलपुर हाई टेक ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल

जबलपुर। छोटे बड़े और हैवी गाड़ियों के लिए प्रशिक्षित और कुशल ड्राइवर बनाने के लिए तैयार की गई योजना फाइलों में उलझ कर रह गई है. जबलपुर जिले के मुकनवारा क्षेत्र में प्रदेश का तीसरा ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोलने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में प्रदेश के इंदौर और छिंदवाड़ा में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल स्थापित हैं. जबलपुर के मुकनवारा में तीसरे स्कूल की स्थापना की कोशिशें की गई थी लेकिन शासन स्तर पर इसकी फाइल अटकी हुई है. कोशिश यह थी कि ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल के जरिए कुशल और अनुभवी ड्राइवरों को तैयार कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए.

कमलनाथ सरकार की योजना: पूर्व की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल के लिए मंजूरी भी दे दी थी लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते जबलपुर को यह सौगात नसीब नहीं हो पाई. इसके लिए पूर्व में बकायदा करीब 17 एकड़ की जगह का आवंटन भी किया जा चुका है लेकिन प्रदेश सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से अनुमति न मिलने के चलते स्कूल की स्थापना की फाइल अभी भी अटकी हुई है.

निजी जनभागीदारी : प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल को निजी जनभागीदारी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर स्थापित किए जाने की योजना बनाई गई थी जिसके जरिए कुशल और अनुभवी ड्राइवरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के साथ ही आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का सपना संजोया गया था लेकिन जबलपुर में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना का सपना, सपना ही बनकर रह गया है.

बरगी क्षेत्र के स्थानीय विधायक और ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना के लिए आवाज उठाने वाले कांग्रेस विधायक संजय यादव अब प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना है कि जबलपुर में प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना होती तो न केवल बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलते बल्कि उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरियां भी हासिल होती.

  1. आवागमन में भी अव्वल इंदौर, जबलपुर में मोबिलिटी खर्च सबसे कम, ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स में खुलासा
  2. इंदौर में रोड सेफ्टी का इंटरनेशनल सेमीनार, भारतीय सड़क कांग्रेस ने स्कूल बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोड तैयार किया

यहां अटकी फाइल: प्रशासनिक अधिकारी भी जबलपुर को मिलने वाली सौगात के लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से अनुमति न मिलने की दलील दे रहे हैं जिले के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और प्रदेश सरकार के स्तर पर फाइल अटकी हुई है. जैसे ही शासन स्तर पर अनुमति मिलेगी जबलपुर में प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना का रास्ता साफ हो जाएगा.

प्रदेश में 2 ट्रेनिंग स्कूल: वर्तमान में प्रदेश के इंदौर और छिंदवाड़ा में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है. ऐसे में जबलपुर में अगर ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना होती है तो इसका सीधा फायदा पूरे जिले के साथ-साथ पूरे संभाग को मिलेगा क्योंकि कुशल ड्राइवरों की कमी न केवल सरकारी विभागों में है बल्कि निजी क्षेत्रों में भी इनकी भारी मांग है.

जबलपुर हाई टेक ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल

जबलपुर। छोटे बड़े और हैवी गाड़ियों के लिए प्रशिक्षित और कुशल ड्राइवर बनाने के लिए तैयार की गई योजना फाइलों में उलझ कर रह गई है. जबलपुर जिले के मुकनवारा क्षेत्र में प्रदेश का तीसरा ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोलने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में प्रदेश के इंदौर और छिंदवाड़ा में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल स्थापित हैं. जबलपुर के मुकनवारा में तीसरे स्कूल की स्थापना की कोशिशें की गई थी लेकिन शासन स्तर पर इसकी फाइल अटकी हुई है. कोशिश यह थी कि ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल के जरिए कुशल और अनुभवी ड्राइवरों को तैयार कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए.

कमलनाथ सरकार की योजना: पूर्व की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल के लिए मंजूरी भी दे दी थी लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते जबलपुर को यह सौगात नसीब नहीं हो पाई. इसके लिए पूर्व में बकायदा करीब 17 एकड़ की जगह का आवंटन भी किया जा चुका है लेकिन प्रदेश सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से अनुमति न मिलने के चलते स्कूल की स्थापना की फाइल अभी भी अटकी हुई है.

निजी जनभागीदारी : प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल को निजी जनभागीदारी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर स्थापित किए जाने की योजना बनाई गई थी जिसके जरिए कुशल और अनुभवी ड्राइवरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के साथ ही आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का सपना संजोया गया था लेकिन जबलपुर में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना का सपना, सपना ही बनकर रह गया है.

बरगी क्षेत्र के स्थानीय विधायक और ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना के लिए आवाज उठाने वाले कांग्रेस विधायक संजय यादव अब प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना है कि जबलपुर में प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना होती तो न केवल बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलते बल्कि उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरियां भी हासिल होती.

  1. आवागमन में भी अव्वल इंदौर, जबलपुर में मोबिलिटी खर्च सबसे कम, ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स में खुलासा
  2. इंदौर में रोड सेफ्टी का इंटरनेशनल सेमीनार, भारतीय सड़क कांग्रेस ने स्कूल बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोड तैयार किया

यहां अटकी फाइल: प्रशासनिक अधिकारी भी जबलपुर को मिलने वाली सौगात के लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से अनुमति न मिलने की दलील दे रहे हैं जिले के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और प्रदेश सरकार के स्तर पर फाइल अटकी हुई है. जैसे ही शासन स्तर पर अनुमति मिलेगी जबलपुर में प्रदेश के तीसरे ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना का रास्ता साफ हो जाएगा.

प्रदेश में 2 ट्रेनिंग स्कूल: वर्तमान में प्रदेश के इंदौर और छिंदवाड़ा में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है. ऐसे में जबलपुर में अगर ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना होती है तो इसका सीधा फायदा पूरे जिले के साथ-साथ पूरे संभाग को मिलेगा क्योंकि कुशल ड्राइवरों की कमी न केवल सरकारी विभागों में है बल्कि निजी क्षेत्रों में भी इनकी भारी मांग है.

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