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पुलिस अभिरक्षा में बेटे से मिलने गए बाप को बनाया बंधक, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बुरहानपुर में पुलिस अभिरक्षा में बेटे से मिलने गए बाप को बंधक बनाए जाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. वहीं कोर्ट ने मामले में दो दिनों में जबाव पेश करने का निर्देश दिया है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Feb 27, 2021, 12:44 PM IST

जबलपुर। बुरहानपुर के लालबाग क्षेत्र में एक अपराधिक मामले में बेटे से मिलने पुलिस स्टेशन गये उसके पिता को अवैधानिक रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्याक्षीकरण याचिका दायर की गई थी. जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए शासन को दो दिनों में जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 1 मार्च को निर्धारित की है.

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  • पैसे मांगने का आरोप

यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बुरहानपुर निवासी सुनीता सिंह की ओर से दायर की गई है. जिसमें कहा गया कि एक धोखाधड़ी के मामले में लालबाग पुलिस उनके बेटे को ले गई थी. जिससे मुलाकात करने के लिये उनके पति थाने गये, जहां उन्हें अवैध रूप से हिरासत में ले लिया गया. जिसकी शिकायत उन्होने एसपी से लेकर अन्य अधिकारियों से की, लेकिन बावजूद इसके उनके पति को नहीं छोड़ा गया. जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई. मामले में आरोप है कि पुलिस उनके पति को छोड़ने के एवज में रुपयों की मांग कर रही है. मामले में बुरहानपुर एसपी, लालबाग एसएचओ सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 1 मार्च को निर्धारित की है.

जबलपुर। बुरहानपुर के लालबाग क्षेत्र में एक अपराधिक मामले में बेटे से मिलने पुलिस स्टेशन गये उसके पिता को अवैधानिक रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्याक्षीकरण याचिका दायर की गई थी. जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए शासन को दो दिनों में जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 1 मार्च को निर्धारित की है.

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यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बुरहानपुर निवासी सुनीता सिंह की ओर से दायर की गई है. जिसमें कहा गया कि एक धोखाधड़ी के मामले में लालबाग पुलिस उनके बेटे को ले गई थी. जिससे मुलाकात करने के लिये उनके पति थाने गये, जहां उन्हें अवैध रूप से हिरासत में ले लिया गया. जिसकी शिकायत उन्होने एसपी से लेकर अन्य अधिकारियों से की, लेकिन बावजूद इसके उनके पति को नहीं छोड़ा गया. जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई. मामले में आरोप है कि पुलिस उनके पति को छोड़ने के एवज में रुपयों की मांग कर रही है. मामले में बुरहानपुर एसपी, लालबाग एसएचओ सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 1 मार्च को निर्धारित की है.

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