जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर अपना फैसला दिया है. जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने सागर संभाग के छतरपुर व खजुराहो में संचालित चिटफंड कंपनियों के खिलाफ दायर मामले का पटाक्षेप करते हुए कंपनी ऑफ रजिस्ट्रार (आरओसी) को तीन माह के भीतर सभी सुनवाई कार्रवाई करने को कहा है.
मामला छतरपुर निवासी नीतेश असाटी की ओर से दायर किया गया था, जिसमें कहा गया है कि सागर संभाग के छतरपुर व खजुराहो में क्रमश: बुंदेलखंड विकास निधि छतरपुर लिमि. व श्रीमाता नागेश्वरी बुंदेलखंड निधि लिमि. नाम से कंपनिया संचालित की जा रहीं है. आवेदक का आरोप है कि उक्त चिटफंड कंपनिया गैरकानूनी रूप से रूप से बैकिंग व लोन का कारोबार कर रहीं है.
मामले की शिकायत जून 2020 में आरओसी से की गई थी. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई. मामले में अनावेदकों की ओर से आपत्ति दर्ज करायी गई. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश के साथ मामले का पटाक्षेप कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष पॉल व अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने पक्ष रखा.