जबलपुर। सागर शहर के ऐतिहासिक तालाब पर प्रभावशाली लोगों द्वारा अतिक्रमण किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक तालाब से अतिक्रमण हटाकर स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.
तालाब की जमीन पर राजनेताओं ने किया कब्जा
याचिकाकर्ता जगदेव सिंह ठाकुर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सागर शहर के मध्य स्थित तालाब का निर्माण लाखा बंजारा नामक बंजारे ने लगभग 500 से अधिक वर्ष पूर्व खुद की पूंजी से किया था. इसे लाखा बंजारा झील के नाम से भी जाना जाता है. सागर तालाब का खसरा कमांक 335 तथा 337 मे लगभग 400 एकड़ रकबा है, जिस पर कई प्रभावशाली लोगों एवं राजनेताओं ने कब्जा करके पक्के मकान बना लिए हैं.
2016 में तालाब की हुई थी नपाई
याचिका में कहा गया कि तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करके खेती भी की जा रही है. सागर के तत्कालीन कलेक्टर ने साल 2016 में तालाब का मेजरमेंट कराया था. तब तालाब की लगभग 30.32 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा पाया गया था. शासन-प्रशासन, राजनीतिक एवं प्रभावशाली लोगों के चलते आज तक अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई नहीं की गई है.
सरकारी संपत्ति की नीलामी पर रोक के लिए लगाई याचिका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ द्वारा कलेक्टर, नगर निगम सागर, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मैनेजर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. इसके अलावा अतिक्रमण हटाकर स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं. याकिचा पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की गई है. यचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की है.