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Jabalpur High Court News: जेलों में बंदियों की मौत पर प्रदेश सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में बंदियों की आसमयिक मौत पर राज्य सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. वहीं सात साल पुराने लूट और हत्या के एक केस में अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने उनपर 8-8 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है.

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जेलों में बंदियों की मौत पर प्रदेश सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
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Published : Feb 21, 2023, 3:40 PM IST

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में बंदियों की आसमयिक मौत के मामले पर राज्य सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने बंदियों के स्वास्थ व उपचार के संबंध में भी फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को दिया था निर्देशः गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर 2017 को बंदियों की जेलों में हुई मौतों को चुनौती देने वाले एक मामले पर फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को कहा था कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच जेलों में बंदियों की हुई मौत के मामले पर संज्ञान लेकर सुनवाई करे. यदि पीड़ित परिवारों को कम मुआवजा मिला है, तो उन्हें उपयुक्त मुआवजा दिलाया जाए. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने यह निर्देश भी दिए थे कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर देश के सभी हाईकोर्ट उचित आदेश पारित कर सकते हैं.

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हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने दायर की थी याचिकाः सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए मामले पर हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज की. साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, जेल विभाग के प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और डीजीपी जेल को मामले में पक्षकार बनाया था. इस मामले पर हाईकोर्ट ने 22 सितंबर 2017 को सरकार से वर्ष 2012 से वर्ष 2015 के बीच हुईं बंदियों की मौत का आंकड़ा पेश करने कहा था. याचिकाकर्ता विजेंद्र सिंह ने केंद्रीय जेल में निरुद्ध कैदियों को उपचार नहीं मिलने के संबंध में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कई कैदियों के आंख में दिक्कत है. जिनका उपचार नहीं करवाया जा रहा है. जेल में निर्धारित संख्या में डाॅक्टर भी पदस्थ नहीं हैं. युगलपीठ ने याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दोनों मामलों में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.

हत्यारों को अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजाः एक अन्य खबर के अनुसार खितौला थाना क्षेत्र में लूट कर गोली मारकर हत्या करने वाले पांचों आरोपियों को सिहोरा की अदालत ने दोषी करार दिया है. एडीजे सैफी दाऊदी की अदालत ने आरोपी गोपी सिंह, शिवदास, राजेश, गुलाब सिंह, हेमलता को आजीवन कारावास व 8-8 हजार रुपये के आर्थिक जुर्माने से दंडित किया है.

फरवरी 2016 को हुई थी वारदातः अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि फरियादी जयकुमार शुक्ला द्वारा थाना खितौला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके गांव में लोढ़ा सिद्ध महाराज का मंदिर है. जहां 4 फरवरी 2016 को शाम 6 बजे फरियादी अपने गांव के संतोष पटेल के साथ मंदिर पहुंचा था. वहां पर भागचंद एवं हीरालाल मंदिर की साफ-सफाई कर रहे थे. उसी समय एक सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी मंदिर की साीढ़ियों के पास आकर खड़ी हुई थी, जिसमें चार लोग बैठे थे. उनमें से 2 व्यक्ति उतरकर आए और फरियादी और हीरालाल से उनका नाम पता पूछने लगे.

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गोलीबारी में हो गई थी एक मौतः इसी दौरान उनमें से 1 व्यक्ति बोलेरो गाड़ी की तरफ चला गया और कुछ समय बाद 2 व्यक्तियों को लेकर आया. दोनो के हाथ में बंदूक थी. उनमें से 1 व्यक्ति ने भागचंद से मंदिर की चॉबी मांगी, भागचंद द्वारा चॉबी नहीं देने पर उस व्यक्ति ने उसके उसपर गोली चला दी. जिससे भागचंद के गले के नीचे गोली लगी और वह गिर गया. फिर 1 व्यक्ति बंदूक लेकर दौड़कर गया और हीरालाल के मुंह में बंदूक के बट से मारा. उसी समय एक आरोपी भागचंद के पास गया और भागचंद को उठाकर मंदिर के पीछे पहाड़ी तरफ ले गये तथा दूसरा आरोपी भागचंद के गले से निकले खून को साफ करने लगा. इसके बाद सभी आरोपी बोलेरो लेकर भाग गए. संपूर्ण विवेचना उपरांत पुलिस ने अदालत के समक्ष चालान पेश किया है.सुनवाई के दौरान पेश किये गये गवाह व साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए अदालत पांचों आरोपियों को उक्त सजा से दंडित किया गया. मामले में विशेष लोक अभियोजक दिलावर धुर्वे ने पक्ष रखा.

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में बंदियों की आसमयिक मौत के मामले पर राज्य सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने बंदियों के स्वास्थ व उपचार के संबंध में भी फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को दिया था निर्देशः गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर 2017 को बंदियों की जेलों में हुई मौतों को चुनौती देने वाले एक मामले पर फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को कहा था कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच जेलों में बंदियों की हुई मौत के मामले पर संज्ञान लेकर सुनवाई करे. यदि पीड़ित परिवारों को कम मुआवजा मिला है, तो उन्हें उपयुक्त मुआवजा दिलाया जाए. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने यह निर्देश भी दिए थे कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर देश के सभी हाईकोर्ट उचित आदेश पारित कर सकते हैं.

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हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने दायर की थी याचिकाः सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए मामले पर हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज की. साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, जेल विभाग के प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और डीजीपी जेल को मामले में पक्षकार बनाया था. इस मामले पर हाईकोर्ट ने 22 सितंबर 2017 को सरकार से वर्ष 2012 से वर्ष 2015 के बीच हुईं बंदियों की मौत का आंकड़ा पेश करने कहा था. याचिकाकर्ता विजेंद्र सिंह ने केंद्रीय जेल में निरुद्ध कैदियों को उपचार नहीं मिलने के संबंध में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कई कैदियों के आंख में दिक्कत है. जिनका उपचार नहीं करवाया जा रहा है. जेल में निर्धारित संख्या में डाॅक्टर भी पदस्थ नहीं हैं. युगलपीठ ने याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दोनों मामलों में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.

हत्यारों को अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजाः एक अन्य खबर के अनुसार खितौला थाना क्षेत्र में लूट कर गोली मारकर हत्या करने वाले पांचों आरोपियों को सिहोरा की अदालत ने दोषी करार दिया है. एडीजे सैफी दाऊदी की अदालत ने आरोपी गोपी सिंह, शिवदास, राजेश, गुलाब सिंह, हेमलता को आजीवन कारावास व 8-8 हजार रुपये के आर्थिक जुर्माने से दंडित किया है.

फरवरी 2016 को हुई थी वारदातः अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि फरियादी जयकुमार शुक्ला द्वारा थाना खितौला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके गांव में लोढ़ा सिद्ध महाराज का मंदिर है. जहां 4 फरवरी 2016 को शाम 6 बजे फरियादी अपने गांव के संतोष पटेल के साथ मंदिर पहुंचा था. वहां पर भागचंद एवं हीरालाल मंदिर की साफ-सफाई कर रहे थे. उसी समय एक सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी मंदिर की साीढ़ियों के पास आकर खड़ी हुई थी, जिसमें चार लोग बैठे थे. उनमें से 2 व्यक्ति उतरकर आए और फरियादी और हीरालाल से उनका नाम पता पूछने लगे.

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गोलीबारी में हो गई थी एक मौतः इसी दौरान उनमें से 1 व्यक्ति बोलेरो गाड़ी की तरफ चला गया और कुछ समय बाद 2 व्यक्तियों को लेकर आया. दोनो के हाथ में बंदूक थी. उनमें से 1 व्यक्ति ने भागचंद से मंदिर की चॉबी मांगी, भागचंद द्वारा चॉबी नहीं देने पर उस व्यक्ति ने उसके उसपर गोली चला दी. जिससे भागचंद के गले के नीचे गोली लगी और वह गिर गया. फिर 1 व्यक्ति बंदूक लेकर दौड़कर गया और हीरालाल के मुंह में बंदूक के बट से मारा. उसी समय एक आरोपी भागचंद के पास गया और भागचंद को उठाकर मंदिर के पीछे पहाड़ी तरफ ले गये तथा दूसरा आरोपी भागचंद के गले से निकले खून को साफ करने लगा. इसके बाद सभी आरोपी बोलेरो लेकर भाग गए. संपूर्ण विवेचना उपरांत पुलिस ने अदालत के समक्ष चालान पेश किया है.सुनवाई के दौरान पेश किये गये गवाह व साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए अदालत पांचों आरोपियों को उक्त सजा से दंडित किया गया. मामले में विशेष लोक अभियोजक दिलावर धुर्वे ने पक्ष रखा.

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