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CM शिवराज के निलंबन के आदेश पर HC की रोक, मंच से किया था CMHO को सस्पेंड

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ दिनों से जहां भी सभाएं करने जा रहे हैं, वहीं वे किसी ना किसी अधिकारी निलंबित कर रहे हैं. इस तरह सीएम कई अधिकारी और कर्मचारियों को काम में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर चुके हैं. इसी तरह सीएम ने छिंदवाड़ा सीएमएचओ को भी निलंबित किया था. जिस पर कोर्ट ने सीएम के इस फैसले पर रोक लगा दी है

court stay cm order
कोर्ट ने सीएम के आदेश पर लगाई रोक
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Published : Dec 21, 2022, 9:02 PM IST

Updated : Dec 21, 2022, 10:56 PM IST

सीएम के निलंबन के आदेश पर रोक

जबलपुर। मध्यप्रदेश में इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से ही अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन छिंदवाड़ा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिस पर जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद रोक लगा दी है.

सीएम ने छिंदवाड़ा सीएमएचओ को दो बार किया सस्पेंड: बता दें छिंदवाड़ा जिले में सीएमएचओ के पद पर पदस्थ डॉक्टर जीसी चौरसिया को मुख्यमंत्री ने एक बार नहीं बल्कि 2 बार मंच से सस्पेंड किया, लेकिन दोनों बार जीसी चौरसिया ने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया. पहली बार 22 सितंबर को एक जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री को शिकायत मिली कि जिले में आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं. जिससे नाराज होकर सीएम ने 22 सितंबर को सीएमएचओ जीसी चौरसिया को सस्पेंड कर दिया. डॉक्टर चौरसिया ने सीएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी, लेकिन इसके बाद 9 दिसंबर को फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में आयोजित जन सेवा अभियान के दौरान मंच से सीएमएचओ को सस्पेंड कर दिया.

cm suspend chhindwara cmho twice
सीएम ने सीएमएचओ को निलंबन का दिया था आदेश

DEO के निलंबन पर भी रोक: हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सीधी के जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) पवन कुमार सिंह के निलंबन आदेश के क्रियान्वयन पर आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. इसी के साथ राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है. इसके लिए शासन को तीन सप्ताह का समय दिया गया है.

एक्शन मोड में CM शिवराज, छिंदवाड़ा में भी 2 अधिकारियों को मंच से किया निलंबित

कोर्ट ने सरकार को नोटिस कर मांगा जवाब: सीएमएचओ ने मुख्यमंत्री के आदेश को फिर से हाईकोर्ट में चुनौती दी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि विभाग ने उनके निलंबन पर किसी भी तरह का ठोस तर्क नहीं दिया है. मुख्यमंत्री द्वारा भी निलंबन करने की यह प्रक्रिया उचित नहीं है, उन्हें बेवजह निलंबित किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान उठाए गए तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने न केवल मुख्यमंत्री के आदेश को निरस्त कर दिया. बल्कि जिस डॉक्टर को सीएमएचओ बनाया गया था. उस आदेश को भी रद्द कर दिया है. फिर से डॉक्टर जीसी चौरसिया को सीएमएचओ बनाने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.

Court stay CM order
कोर्ट ने सीएम के आदेश पर लगाई रोक

क्या था मामला: दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को छिंदवाड़ा जिले के बिछुआ में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के कार्यक्रम में आए थे. उन्होंने यहां स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री के आने से पहले ही जिले के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति थी, क्योंकि इससे पहले भी कई अफसरों को लगातार सस्पेंड किया जा रहा था, लेकिन 9 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा के सीएमएचओ को सस्पेंड कर दिया था. मुख्यमंत्री ने भरे मंच से कहा कि पिछले दिनों में आया था और मुझे शिकायत मिली थी, इसलिए मैं छिंदवाड़ा सीएमएचओ ड़ॉ. जीसी चौरसिया को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर रहा हूं.

सीएम के निलंबन के आदेश पर रोक

जबलपुर। मध्यप्रदेश में इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से ही अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन छिंदवाड़ा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिस पर जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद रोक लगा दी है.

सीएम ने छिंदवाड़ा सीएमएचओ को दो बार किया सस्पेंड: बता दें छिंदवाड़ा जिले में सीएमएचओ के पद पर पदस्थ डॉक्टर जीसी चौरसिया को मुख्यमंत्री ने एक बार नहीं बल्कि 2 बार मंच से सस्पेंड किया, लेकिन दोनों बार जीसी चौरसिया ने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया. पहली बार 22 सितंबर को एक जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री को शिकायत मिली कि जिले में आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं. जिससे नाराज होकर सीएम ने 22 सितंबर को सीएमएचओ जीसी चौरसिया को सस्पेंड कर दिया. डॉक्टर चौरसिया ने सीएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी, लेकिन इसके बाद 9 दिसंबर को फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में आयोजित जन सेवा अभियान के दौरान मंच से सीएमएचओ को सस्पेंड कर दिया.

cm suspend chhindwara cmho twice
सीएम ने सीएमएचओ को निलंबन का दिया था आदेश

DEO के निलंबन पर भी रोक: हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सीधी के जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) पवन कुमार सिंह के निलंबन आदेश के क्रियान्वयन पर आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. इसी के साथ राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है. इसके लिए शासन को तीन सप्ताह का समय दिया गया है.

एक्शन मोड में CM शिवराज, छिंदवाड़ा में भी 2 अधिकारियों को मंच से किया निलंबित

कोर्ट ने सरकार को नोटिस कर मांगा जवाब: सीएमएचओ ने मुख्यमंत्री के आदेश को फिर से हाईकोर्ट में चुनौती दी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि विभाग ने उनके निलंबन पर किसी भी तरह का ठोस तर्क नहीं दिया है. मुख्यमंत्री द्वारा भी निलंबन करने की यह प्रक्रिया उचित नहीं है, उन्हें बेवजह निलंबित किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान उठाए गए तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने न केवल मुख्यमंत्री के आदेश को निरस्त कर दिया. बल्कि जिस डॉक्टर को सीएमएचओ बनाया गया था. उस आदेश को भी रद्द कर दिया है. फिर से डॉक्टर जीसी चौरसिया को सीएमएचओ बनाने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.

Court stay CM order
कोर्ट ने सीएम के आदेश पर लगाई रोक

क्या था मामला: दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को छिंदवाड़ा जिले के बिछुआ में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के कार्यक्रम में आए थे. उन्होंने यहां स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री के आने से पहले ही जिले के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति थी, क्योंकि इससे पहले भी कई अफसरों को लगातार सस्पेंड किया जा रहा था, लेकिन 9 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा के सीएमएचओ को सस्पेंड कर दिया था. मुख्यमंत्री ने भरे मंच से कहा कि पिछले दिनों में आया था और मुझे शिकायत मिली थी, इसलिए मैं छिंदवाड़ा सीएमएचओ ड़ॉ. जीसी चौरसिया को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर रहा हूं.

Last Updated : Dec 21, 2022, 10:56 PM IST
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