जबलपुर। हाईकोर्ट ने चीन से आयातित हो रही अमानक जिलेटिन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार को मामले पर नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में जवाब मांगा है. बता दें, भारत सरकार द्वारा चीन से आयात किए जाने वाले जिलेटिन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कि गई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
याचिकाकर्ता 'नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच' के द्वारा साल 2017 से लेकर 2019 के बीच आयात की गई कई टन जिलेटिन अमानक होने की जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की गई. याचिका में घटिया क्वालिटी के जिलेटिन से आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की बात भी कही गई है.
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अमूमन चीन से आयात की जाने वाली जिलेटिन का उपयोग दवाइयों में होता है. याचिका में चीन से जिलेटिन आयात पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई थी. यचिकाकर्ता ने एफएसएसएआई से मिले जवाब का हवाला देते हुए बताया है कि, भारत सरकार ने साल 2017 से 2019 तक चीन से कुल 442 मीट्रिक टन जिलेटिन आयात किया था, लेकिन इसमें से 329 मीट्रिक टन जिलेटिन अमानक पाया गया. याचिका में कहा गया है कि, जब चीन भारत को घटिया किस्म का जिलेटिन भेज रहा है, तो उसके आयात पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. याचिकाकर्ता के मुताबिक बॉयकॉट चाइना के तहत भी चीन से अमानक जिलेटिन आयात करने की बजाय देश को जिलेटिन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना जरुरी है.
क्या होती है जिलेटिन ?
जिलेटिन एक पारदर्शी, रंगहीन, स्वाद रहित भोजन घटक होता है, जो मुख्य रूप से ग्लाइसिन और प्रोलिन नामक एमिनो एसिड से बना है. जिलेटिन को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है. इसे पाउडर, कैप्सूल, जैली और अन्य खाद्य उत्पादों के रूप में भी ग्रहण किया जा सकता है. यह सामान्यतः हड्डियों, रेशेदार ऊतकों और जानवरों के अंगों से प्राप्त किया जाता है. यह एमिनो एसिड त्वचा, बाल और नाखून के उचित विकास के साथ-साथ प्रतिरक्षा कार्य और वजन के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जिलेटिन, प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत होने के साथ-साथ तांबा, सेलेनियम (selenium) और फॉस्फोरस सहित कई विटामिन, खनिजों (minerals) और कार्बनिक यौगिकों का अच्छा स्रोत है.