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नहर की जमीन से नहीं हटा अतिक्रमण, जबलपुर हाईकोर्ट ने बालाघाट कलेक्टर और SDM को जारी किया नोटिस

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Published : Mar 16, 2023, 10:50 AM IST

बालाघाट में नहर की जमीन से नहीं अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रुख इख्तियार कर लिया है. याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर बालाघाट तथा एसडीएम बारासिवनी को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.

jabalpur Encroachment not removed from canal land
हाईकोर्ट ने बालाघाट कलेक्टर को भेजा नोटिस

जबलपुर। बालाघाट जिले में नहर की जमीन पर सालों से अतिक्रमण पसरा हुआ है. हाईकोर्ट के निर्देश पर भी नहर की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस एम एस भटटी की एकलपीठ ने अनावेदकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जानकारी के अनुसार, वारासिवनी निवासी आनंद ताम्रकर ने एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर की प्रमुख नहर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. जिसके कारण नहर का स्वरूप छोटा होता जा रहा है. दूषित पानी के चलते नहर का पानी भी खराब हो रहा है. नहर का पानी अब पीने योग्य नहीं रह गया है. अतिक्रमण व गंदगी के कारण नहर का अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर को आवेदन भी दिया था.

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बालाघाट कलेक्टर से मांगा जबाव: आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद आनंद ताम्रकर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ने कहा था कि सुनिष्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी. हाईकोर्ट ने साल 2016 में याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा था कि 3 माह की निर्धारित सीमा में अभ्यावेदन पर कार्रवाई करें. निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के 6 साल बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद हाईकोर्ट में यह अवमानना याचिका दायर की गयी है. याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर बालाघाट तथा एसडीएम बारासिवनी को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है.

जबलपुर। बालाघाट जिले में नहर की जमीन पर सालों से अतिक्रमण पसरा हुआ है. हाईकोर्ट के निर्देश पर भी नहर की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस एम एस भटटी की एकलपीठ ने अनावेदकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जानकारी के अनुसार, वारासिवनी निवासी आनंद ताम्रकर ने एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर की प्रमुख नहर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. जिसके कारण नहर का स्वरूप छोटा होता जा रहा है. दूषित पानी के चलते नहर का पानी भी खराब हो रहा है. नहर का पानी अब पीने योग्य नहीं रह गया है. अतिक्रमण व गंदगी के कारण नहर का अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर को आवेदन भी दिया था.

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बालाघाट कलेक्टर से मांगा जबाव: आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद आनंद ताम्रकर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ने कहा था कि सुनिष्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी. हाईकोर्ट ने साल 2016 में याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा था कि 3 माह की निर्धारित सीमा में अभ्यावेदन पर कार्रवाई करें. निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के 6 साल बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद हाईकोर्ट में यह अवमानना याचिका दायर की गयी है. याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कलेक्टर बालाघाट तथा एसडीएम बारासिवनी को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है.

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