जबलपुर। पुलिस का कहना है कि ये युवक पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के रहने वाले हैं. प्रदेश में दूसरे कई शहरों में भी इन लोगों ने चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस अधीक्षक तुषारकांत विद्यार्थी का कहना है कि इनमें से तीन लोग कोलकाता के रहने वाले हैं और दो उड़ीसा के हैं. जबलपुर के बेलबाग इलाके में एक कमरे में बीते 10 सालों से ये रह रहे हैं. इन्होंने जबलपुर के आधार कार्ड भी बनवा रखे हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि ये लोग जबलपुर में फेरी लगाकर सामान बेचा करते थे.
गलियों में घूमकर सूने घर तलाशते थे : ये बदमाश कभी बर्तन और कभी कपड़े बेचने के नाम पर गलियों में घूमा करते थे. इसी दौरान ये खाली घरों की रैकी कर लेते थे. जब यह तय हो जाता था कि घर सूना है तो उसमें चोरी की जाती थी. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इनके फिंगरप्रिंट उन्होंने लिए हैं. इन फिंगरप्रिंट्स को पुलिस के दूसरे स्थान तक भी पहुंचाया गया है. इसमें सिवनी जिला पुलिस ने भी इन फिंगरप्रिंट को मैच करते हुए अपने यहां चोरी की वारदातों के बारे में तफ्तीश की तो पता चला कि इन्हीं लोगों ने सिवनी में भी चोरी को अंजाम दिया है.
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भोपाल में भी की वारदात : जबलपुर पुलिस का दावा है कि भोपाल में भी कुछ चोरी में इनके फिंगर प्रिंट्स मैच हो रहे हैं. उनके पास कुछ डॉलर भी मिले हैं. इसकी पूछताछ की जा रही है कि ये डॉलर इनके पास कहां से आए. संभावना है कि ये डॉलर इन लोगों को किसी घर में चोरी करने के दौरान मिले होंगे. बता दें कि इन अपराधियों को पकड़ने के बाद छोटी-छोटी कई चोरी का खुलासा हो सकेगा, लेकिन अभी भी जबलपुर पुलिस बड़ी चोरी पकड़ने के मामले में फेल साबित हुई है. जबलपुर शहर में कई बड़ी चोरी हुईं, जिसमे लाखों रुपए का सामान चोरी गया.