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Jabalpur Crime News: साइबर ठगों का शिकार बना व्यक्ति, लिंक के जरिए खाते से निकले 2.70 लाख रुपये - साइबर ठगों का शिकार बना व्यक्ति

जबलपुर रांझी के माने गांव के रहने वाले एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया और उनके खाते से 2.70 लाख रुपये निकाल लिए. इस मामले में पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

Jabalpur Crime News
जबलपुर में साइबर ठगों का शिकार बना व्यक्ति
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Published : Jul 27, 2023, 6:26 PM IST

साइबर ठगों का शिकार बना व्यक्ति

जबलपुर। शहर में एक बार फिर एक आम आदमी साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ. साइबर अपराधी ने एक व्यक्ति के रांझी के माने गांव में स्थित बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट से 2 लाख से अधिक रुपये निकाल लिए और पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर कर दिए. इस मामले पर पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

ये है मामलाः जानकारी के अनुसार रांझी के माने गांव के निवासी राजीव पटेल के साथ साइबर ठगी हुई है. इनके अकाउंट से लगभग 2.70 लाख रुपये फर्जी यूपीआई आईडी बनाकर निकाल लिए गए हैं. इस पर राजू पटेल ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत रांझी थाने में की. पुलिस को जांच के दौरान पता लगा कि राजू पटेल के पास एक लिंक भेजा गया था. इस लिंक को जैसे ही उन्होंने क्लिक किया उसके कुछ देर बाद उनके अकाउंट से धीरे-धीरे पैसे निकलना शुरू हो गए. पीड़ित के खाते से ये पैसा पश्चिम बंगाल में नादिया ब्लॉक में ट्रांसफर हुआ है. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

मोबाइल चार्जर से क्लोनः वहीं, पुलिस अधिकारी का दावा है कि मोबाइल चार्जर से भी क्लोन बनाया जा सकता है. इसलिए यदि आपका मोबाइल डिस्चार्ज हो रहा है तो भले ही आप इसको बंद कर ले. लेकिन अनजान आदमी से मोबाइल चार्जर लेकर मोबाइल चार्ज ना करें, क्योंकि मोबाइल चार्जर के जरिए भी क्लोन तैयार किया जा सकता है. इससे आपके मोबाइल की निजी जानकारी निकालकर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो सकता है.

पीआईबी की रिपोर्ट के अनुसारः भारत में जनवरी 2020 से सितंबर 2022 तक लगभग 16 लाख साइबर फ्रॉड हुए थे. इनमें से मात्र 35 हजार लोग ही शिकायत करने थाने तक पहुंचे, जिनकी शिकायत के बाद लगभग 180 करोड़ों रुपये पुलिस ने आम लोगों को वापस किया है. केवल 2021 में भारत भर में 52,200 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए. इनमें से मध्य प्रदेश में 589 केस ही सामने आए. सबसे ज्यादा मामले तेलंगाना और दक्षिण भारत के कई राज्यों में सामने आ रहे हैं.

यदि साइबर अपराध हो तो क्या करेंः यदि आपके साथ कोई साइबर अपराध हुआ है तो आप भारत सरकार की 1930 हेल्पलाइन पर मदद ले सकते हैं. इसके साथ ही अपने साथ घटी घटना की जानकारी National Cyber Crime Reporting Portal’ (www.cybercrime.gov.in) पर अपलोड कर सकते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म के ऊपर भी अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी जा सकती है. इसमें I4C social media account i.e. Twitter handle (@Cyberdost), Facebook(CyberDostI4C), Instagram(cyberdosti4c), Telegram(cyberdosti4c), शामिल है.

ये भी पढ़ें :-

लालच से शुरू होता है साइबर अपराधः सामान्य तौर पर साइबर अपराध लालच से शुरू होते हैं. इसमें फ्री गिफ्ट का लालच दिया जाता है. एक बार जैसे ही इस लिंक को आपने क्लिक किया और आप साइबर अपराधी के जाल में फंस जाते हैं. इसलिए जहां तक हो सके किसी भी गिफ्ट या फ्री के लालच में ना फंसें तो आप साइबर क्राइम से बच सकते हैं. मानेगांव के राजीव पटेल भी इसी तरीके से साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे.

मामला दर्ज कर जांच की शुरूः इस मामले में सीएसपी रवि चौहान ने कहा, ''माने गांव के निवासी राजीव पटेल के अकाउंट से साइबर ठगों ने 2.70 लाख रुपये पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर किए हैं. मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.''

साइबर ठगों का शिकार बना व्यक्ति

जबलपुर। शहर में एक बार फिर एक आम आदमी साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ. साइबर अपराधी ने एक व्यक्ति के रांझी के माने गांव में स्थित बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट से 2 लाख से अधिक रुपये निकाल लिए और पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर कर दिए. इस मामले पर पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

ये है मामलाः जानकारी के अनुसार रांझी के माने गांव के निवासी राजीव पटेल के साथ साइबर ठगी हुई है. इनके अकाउंट से लगभग 2.70 लाख रुपये फर्जी यूपीआई आईडी बनाकर निकाल लिए गए हैं. इस पर राजू पटेल ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत रांझी थाने में की. पुलिस को जांच के दौरान पता लगा कि राजू पटेल के पास एक लिंक भेजा गया था. इस लिंक को जैसे ही उन्होंने क्लिक किया उसके कुछ देर बाद उनके अकाउंट से धीरे-धीरे पैसे निकलना शुरू हो गए. पीड़ित के खाते से ये पैसा पश्चिम बंगाल में नादिया ब्लॉक में ट्रांसफर हुआ है. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

मोबाइल चार्जर से क्लोनः वहीं, पुलिस अधिकारी का दावा है कि मोबाइल चार्जर से भी क्लोन बनाया जा सकता है. इसलिए यदि आपका मोबाइल डिस्चार्ज हो रहा है तो भले ही आप इसको बंद कर ले. लेकिन अनजान आदमी से मोबाइल चार्जर लेकर मोबाइल चार्ज ना करें, क्योंकि मोबाइल चार्जर के जरिए भी क्लोन तैयार किया जा सकता है. इससे आपके मोबाइल की निजी जानकारी निकालकर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो सकता है.

पीआईबी की रिपोर्ट के अनुसारः भारत में जनवरी 2020 से सितंबर 2022 तक लगभग 16 लाख साइबर फ्रॉड हुए थे. इनमें से मात्र 35 हजार लोग ही शिकायत करने थाने तक पहुंचे, जिनकी शिकायत के बाद लगभग 180 करोड़ों रुपये पुलिस ने आम लोगों को वापस किया है. केवल 2021 में भारत भर में 52,200 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए. इनमें से मध्य प्रदेश में 589 केस ही सामने आए. सबसे ज्यादा मामले तेलंगाना और दक्षिण भारत के कई राज्यों में सामने आ रहे हैं.

यदि साइबर अपराध हो तो क्या करेंः यदि आपके साथ कोई साइबर अपराध हुआ है तो आप भारत सरकार की 1930 हेल्पलाइन पर मदद ले सकते हैं. इसके साथ ही अपने साथ घटी घटना की जानकारी National Cyber Crime Reporting Portal’ (www.cybercrime.gov.in) पर अपलोड कर सकते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म के ऊपर भी अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी जा सकती है. इसमें I4C social media account i.e. Twitter handle (@Cyberdost), Facebook(CyberDostI4C), Instagram(cyberdosti4c), Telegram(cyberdosti4c), शामिल है.

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लालच से शुरू होता है साइबर अपराधः सामान्य तौर पर साइबर अपराध लालच से शुरू होते हैं. इसमें फ्री गिफ्ट का लालच दिया जाता है. एक बार जैसे ही इस लिंक को आपने क्लिक किया और आप साइबर अपराधी के जाल में फंस जाते हैं. इसलिए जहां तक हो सके किसी भी गिफ्ट या फ्री के लालच में ना फंसें तो आप साइबर क्राइम से बच सकते हैं. मानेगांव के राजीव पटेल भी इसी तरीके से साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे.

मामला दर्ज कर जांच की शुरूः इस मामले में सीएसपी रवि चौहान ने कहा, ''माने गांव के निवासी राजीव पटेल के अकाउंट से साइबर ठगों ने 2.70 लाख रुपये पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर किए हैं. मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.''

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