जबलपुर। जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी विनय सक्सेना ने चुनाव आयोग को एक शिकायत की है. जिसमें उन्होंने ई नॉमिनेशन के सॉफ्टवेयर में कमियों को बताया है. विनय सक्सेना का कहना है कि ''चुनाव आयोग ने जो सॉफ्टवेयर बनाया है. वह एक स्तर पर जाकर रुक जाता है. वहीं दूसरी तरफ शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में भी जब भौतिक रूप से ऑफिस आना ही पड़ेगा. तो फिर इस सॉफ्टवेयर की क्या प्रासंगिकता है.''
निर्वाचन आयोग से शिकायत: चुनाव आयोग ने इस बार नामांकन की प्रक्रिया को डिजिटल करने के लिए ई-नॉमिनेशन की सुविधा दी थी. लेकिन ज्यादातर लोगों ने ई नॉमिनेशन की बजाय परंपरागत तरीके से ऑफिस में जाकर ही नामांकन भरा. जबलपुर के उत्तर मध्य विधानसभा के कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विनय सक्सेना ने ई नॉमिनेशन भरने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. विनय सक्सेना का कहना है कि ''इस सॉफ्टवेयर में कमी है और यह सही तरीके से काम नहीं करता." उन्होंने निर्वाचन आयोग को इस मामले में शिकायत भी की है, ताकि निर्वाचन आयोग इसको सुधार ले और आगे आने वाले चुनाव में इसका इस्तेमाल किया जा सके.
सही तरीके से काम नहीं करता ई-नॉमिनेशन: विनय सक्सेना ने बताया कि ''ई-नॉमिनेशन के सॉफ्टवेयर में एक कालम होता है, जिसमें शासकीय आवास के किराये को लेकर बकाया की जानकारी भरनी होती है उनका शासकीय आवास को लेकर कोई बकाया नहीं था और उन्हें इस कॉलम में शून्य राशि भरनी थी. जिसे सॉफ्टवेयर सपोर्ट नहीं कर रहा था और जैसे ही वे शून्य राशि भरते हैं वह सॉफ्टवेयर काम करना बंद कर देता है.''
सॉफ्टवेयर बनाने वाली एजेंसी ने बरती लापरवाही: विनय सक्सेना का कहना है कि ''यदि आप घर बैठे सॉफ्टवेयर के जरिए नामांकन पत्र दाखिल कर भी रहे हैं तो भी शपथ पत्र के लिए आपको ऑफिस आना ही पड़ेगा और शपथ पत्र भौतिक रूप से ही जमा किए जा सकेंगे.'' ऐसे में विनय सक्सेना ने इस सॉफ्टवेयर की प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े किए हैं. भारत निर्वाचन आयोग समय-समय पर चुनाव सुधार करता रहा है, इन ई नॉमिनेशन भी इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है. इसके पहले भी जो चुनाव सुधार किए गए उनको इस्तेमाल में लाने में आम जनता को समय लगा. इस मामले में भी लोगों को थोड़ा इंतजार करना होगा. हालांकि सॉफ्टवेयर बनाने वाली एजेंसी ने इस गलती पर क्यों ध्यान नहीं दिया यह जरूर गंभीर बात है.