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MP High Court : जबलपुर में नगर वन की जमीन पर बने IT पार्क का मामला हाई कोर्ट में, राजस्व विभाग से किया रिकार्ड तलब - स्थाई निर्माण करना गैरकानूनी

जबलपुर में नगर वन की जमीन पर आईटी पार्क बना है. यह जमीन नगर वन में चढ़ी हुई है. इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान याचिका लगाते हुए राजस्व विभाग से रिकॉर्ड तलब किया है. बता दें कि नगर वन की जमीन पर निर्माण नहीं किया जा सकता, लेकिन बिना अनुमति के सरकार ने ही कंक्रीट का जंगल बनवा दिया.

MP High Court news
नगर वन की जमीन पर बने आईटी पार्क का मामले में हाई कोर्ट में
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 7:16 PM IST

Updated : Oct 7, 2023, 7:24 PM IST

नगर वन की जमीन पर बने आईटी पार्क का मामले में हाई कोर्ट में

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. यह याचिका जबलपुर के आईटी पार्क के निर्माण को चुनौती देती है. जबलपुर के बरगी हिल्स में पहाड़ी और जंगल था. राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन नगर वन के नाम से दर्ज है लेकिन 2006 में जबलपुर कलेक्टर ने इस जमीन को आईटी विभाग को सौंप दिया. आईटी विभाग में इस जमीन पर आईटी पार्क बनाया. इस पार्क में कई बड़ी इमारतें हैं और पहाड़ी को पूरी तरह से समतल करके सड़क बनाई गई हैं.

कई एकड़ में फैला निर्माण : यह निर्माण कार्य कई एकड़ में फैला हुआ है. राज्य सरकार ने आईटी पार्क की योजना को करोड़ों रुपये खर्च करके तैयार किया है. अब इस जमीन पर कोई जंगल नहीं बचा है. इस मामले में जबलपुर के एक समाजसेवी ने 2006 में ही निर्माण कार्य को चुनौती दी थी लेकिन इस याचिका पर आगे सुनवाई नहीं हो पाई. एक बार हाई कोर्ट ने फिर इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राजस्व विभाग से वे तमाम दस्तावेज तलब किए हैं, जिनके आधार पर नगर वन की जमीन पर आईटी पार्क बनाया गया है .

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स्थाई निर्माण करना गैरकानूनी : इस मामले में कोर्ट मित्र दिनेश उपाध्याय को नियुक्त किया गया है. वन भूमि पर कंक्रीट का जंगलपूरा मामला वन भूमि पर निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है. नगर वन की जमीन पर स्थाई कंक्रीट का निर्माण नहीं किया जा सकता, जब तक राज्य सरकार की कैबिनेट खुद इस जमीन को नगर वन से हटाकर आईटी पार्क को नहीं देती है. तब तक ऐसा किया जाना गैरकानूनी माना जाएगा. अब इस मामले में राजस्व विभाग को पूरे दस्तावेज हाईकोर्ट के सामने पेश करने होंगे.

नगर वन की जमीन पर बने आईटी पार्क का मामले में हाई कोर्ट में

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. यह याचिका जबलपुर के आईटी पार्क के निर्माण को चुनौती देती है. जबलपुर के बरगी हिल्स में पहाड़ी और जंगल था. राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन नगर वन के नाम से दर्ज है लेकिन 2006 में जबलपुर कलेक्टर ने इस जमीन को आईटी विभाग को सौंप दिया. आईटी विभाग में इस जमीन पर आईटी पार्क बनाया. इस पार्क में कई बड़ी इमारतें हैं और पहाड़ी को पूरी तरह से समतल करके सड़क बनाई गई हैं.

कई एकड़ में फैला निर्माण : यह निर्माण कार्य कई एकड़ में फैला हुआ है. राज्य सरकार ने आईटी पार्क की योजना को करोड़ों रुपये खर्च करके तैयार किया है. अब इस जमीन पर कोई जंगल नहीं बचा है. इस मामले में जबलपुर के एक समाजसेवी ने 2006 में ही निर्माण कार्य को चुनौती दी थी लेकिन इस याचिका पर आगे सुनवाई नहीं हो पाई. एक बार हाई कोर्ट ने फिर इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राजस्व विभाग से वे तमाम दस्तावेज तलब किए हैं, जिनके आधार पर नगर वन की जमीन पर आईटी पार्क बनाया गया है .

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स्थाई निर्माण करना गैरकानूनी : इस मामले में कोर्ट मित्र दिनेश उपाध्याय को नियुक्त किया गया है. वन भूमि पर कंक्रीट का जंगलपूरा मामला वन भूमि पर निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है. नगर वन की जमीन पर स्थाई कंक्रीट का निर्माण नहीं किया जा सकता, जब तक राज्य सरकार की कैबिनेट खुद इस जमीन को नगर वन से हटाकर आईटी पार्क को नहीं देती है. तब तक ऐसा किया जाना गैरकानूनी माना जाएगा. अब इस मामले में राजस्व विभाग को पूरे दस्तावेज हाईकोर्ट के सामने पेश करने होंगे.

Last Updated : Oct 7, 2023, 7:24 PM IST
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