जबलपुर। वैसे तो जबलपुर को मध्यप्रदेश की संस्कारधानी कहा जाता है, लेकिन इन दिनों अपराध की राजधानी के नाम से जानी जा रही है. जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है, आलम ये है कि जबलपुर में लोगों की हत्या करना और हत्या के प्रयास करने जैसे मामले आए दिन देखने को मिल रहे है. अगर इन वारदातों पर नजर डालें तो जबलपुर में महज 75 दिनों के अंदर 22 हत्या की वारदात हुई है, जबकि हत्या के प्रयास के 30 मामले दर्ज किए गए हैं.
बढ़ते अपराधों की 'संस्कारधानी'
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी कही जाने वाली जबलपुर इन दिनों अपराध की राजधानी बन गई है, बात करें अगर इन वारदातों की तो जबलपुर में महज 75 दिनों के अंदर ही 22 हत्या की वारदात हुई, हालांकि कई मामलों पर पुलिस ने खुलासा भी कर दिया है. इधर कांग्रेस का कहना है कि पुलिस कोरोना वायरस में लगे लॉकडाउन के नाम पर अवैध वसूली करने में जुटी हुई है
जिले में नए एसपी की हुई है तैनाती
लॉकडाउन में जिले में नए एसपी की तैनाती हुई है. जबलपुर जिले में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए आईपीएस सिद्धार्थ बहुगुणा 2 अप्रैल को एसपी के पद पर पदस्थ हुए. इसके बावजूद बीते 75 दिनों में हत्या की 22 वारदातों ने कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है, आलम यह है कि इन हत्याओं के दौरान 30 से ज्यादा मामले हत्या के प्रयास के भी जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए है. पुलिस ने कई प्रकरणों में तो धारा 324 लगाकर लीपापोती तक कर डाली है.
एक नजर वारदातों पर...
अब एक नजर डालते हैं बीते दिनों की वारदातों पर... तो 3 जून को कुंडम में दामाद ने ससुर की धारदार हथियार से हत्या कर दी. 5 जून को चरगवां में पेड़ काटने के विवाद में एक युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई. 7 जून को भेड़ाघाट के तेवर में चरित्र संदेह में पत्नी को जिंदा जला दिया गया. 9 जून को सिविल लाइन थाना गेट पर तीन हजार के ईनामी बदमाश शुभम की गोली लगने से मौत हो गई. 22 जून को युवक की हत्या कर दी गई. 29 जून को गोहलपुर में प्रेमी ने महिला को जिंदा जलाकर मार डाला. 20 मई को ग्वारीघाट में चचेरे भाई ने अपने ही भाई की हत्या कर दी. 14 मई को खितौला में पुजारी की हत्या कर शव को जंगल में दफना दिया. इस दौरान तीन दोहरे हत्याकांड भी जबलपुर में हुआ. 10 जून को ग्वारीघाट में दो सगे भाइयों की पत्थर,लाठी डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 30 जून को माढ़ोताल के आगाशोध गांव में पिता पुत्री की गला रेत कर हत्या की गई. 9 मई को शराब विवाद पर दो युवकों की तिलवारा के घंसौर गांव मे हत्या कर दी गई.
महिला अपराध भी बढ़ा
लॉकडाउन के बीच बीते 75 दिनों के दौरान महिला अपराधों में भी लगातार इजाफा हुआ है. बीते ढाई महीने के दौरान दुष्कर्म के 23 और छेड़छाड़ के 36 मामले दर्ज किए गए हैं, ये आंकड़ा तब का है जबकि स्कूल कॉलेज कोरोना संक्रमण के कारण बंद थे, और जिले की आधी जनता घरों के अंदर थी.
चोरी-लूट की भी बढ़ी वारदातें
इतना ही नहीं इन बीते 75 दिनों में जबलपुर में सिर्फ हत्याओं को ही अंजाम दिया गया, बल्कि इस दौरान जिले में चोरी और लूट की घटनाओं में भी बड़ा इजाफा हुआ है. बीते 75 दिनों के दौरान 44 चोरी और लूट के मामले भी पुलिस ने दर्ज किए हैं, हालांकि लूट के सभी प्रकरणों का पुलिस ने खुलासा कर दिया है, लेकिन चोरी के बढ़ते मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जिले में बढ़ते अपराध पर कांग्रेस ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
समय रहते उठाना होगा सख्त कदम
बहरहाल मध्यप्रदेश की संस्कारधानी में ये तमाम आंकड़े जिस तरह से सामने आ रहे हैं, उसे देखकर कहा जा सकता है कि जबलपुर में इन दिनों अपराधों को रोकने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है, लिहाजा अगर समय रहते जिला प्रशासन को कोई कड़ा फैसला नहीं करेगा, तो ये वारदात की तस्वीरें आने वाले समय में और भी भयावह हो सकती है.