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निर्माण कार्य के नाम पर हो रहा रेत का अवैध कारोबार, जिम्मेदार खामोश

जबलपुर में रेत के मामले में बवाल उठता दिख रहा है. एक ठेकेदार निर्माण कार्य के नाम पर अवैध रेत का भंडार कर रेत बाजार में बेच रहा है, जिसका बीजेपी नेता नीरज सिंह ने विरोध किया है. ठेकेदार पर प्रशासनिक कार्रवाई की मांग उठ रही है.

Mineral Department
खनिज विभाग
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Published : Jun 13, 2020, 5:00 AM IST

जबलपुर। जिले में अवैध रेत के कारोबार का मामला सामने आया है. शहर में एक बेगड़ नामक कंपनी ओवर ब्रिज का निर्माण कर रही है. ब्रिज निर्माण के नाम पर रेत खनन की परमिशन तो मिल गई, लेकिन जरुरत से ज्यादा रेत निकाली जा रही है. बरगी विधानसभा की पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह और उनके बेटे नीरज सिंह ने रेत के अवैध धंधे का विरोध किया है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बीजेपी नेता नीरज सिंह अपने समर्थकों के साथ बेगड़ कंपनी के ऑफिस में पहुंचे जहां लाखों रुपए की अवैध रेत मिली है.

जबलपुर में रेत का अवैध कारोबार

दरअसल, जबलपुर में रेत का ठेका हो चुका है, लेकिन ठेकेदार को अब तक काम करने की परमिशन नहीं मिल पाई है. रेत खनन के लिए खनिज विभाग के अलावा पर्यावरण विभाग की अनुमति लेनी होती है, जिसमें समय लगता है. अनुमति नहीं मिलने से ठेकेदार निर्माण कार्यों के लिए रेत नहीं पहुंचा पा रहे हैं. शहर में बड़े निर्माण कार्य जारी हैं, जिसमें बड़ी मात्रा में रेत की जरुरत पड़ रही है. सरकार ने ठेकेदारों को रेत खनन की अनुमति दे दी है, लेकिन ठेकेदार जरूरत से ज्यादा रेत निकालकर बाजार में बेच रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक कंपनी के पास इस रेत का कोई हिसाब नहीं है. जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. नई रेत नीति में केवल राजस्व को महत्व दिया गया है, ठेकेदार जहां से चाहे वहां से रेत निकाल सकता है और मनमुताबिक दाम तय कर सकता है. रेत के दाम तय करने में सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, जिसका नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ रहा है. 15 हजार में मिलने वाली रेत मुनाफाखोरी की वजह से 25 हजार में मिल रही है.

जबलपुर। जिले में अवैध रेत के कारोबार का मामला सामने आया है. शहर में एक बेगड़ नामक कंपनी ओवर ब्रिज का निर्माण कर रही है. ब्रिज निर्माण के नाम पर रेत खनन की परमिशन तो मिल गई, लेकिन जरुरत से ज्यादा रेत निकाली जा रही है. बरगी विधानसभा की पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह और उनके बेटे नीरज सिंह ने रेत के अवैध धंधे का विरोध किया है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बीजेपी नेता नीरज सिंह अपने समर्थकों के साथ बेगड़ कंपनी के ऑफिस में पहुंचे जहां लाखों रुपए की अवैध रेत मिली है.

जबलपुर में रेत का अवैध कारोबार

दरअसल, जबलपुर में रेत का ठेका हो चुका है, लेकिन ठेकेदार को अब तक काम करने की परमिशन नहीं मिल पाई है. रेत खनन के लिए खनिज विभाग के अलावा पर्यावरण विभाग की अनुमति लेनी होती है, जिसमें समय लगता है. अनुमति नहीं मिलने से ठेकेदार निर्माण कार्यों के लिए रेत नहीं पहुंचा पा रहे हैं. शहर में बड़े निर्माण कार्य जारी हैं, जिसमें बड़ी मात्रा में रेत की जरुरत पड़ रही है. सरकार ने ठेकेदारों को रेत खनन की अनुमति दे दी है, लेकिन ठेकेदार जरूरत से ज्यादा रेत निकालकर बाजार में बेच रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक कंपनी के पास इस रेत का कोई हिसाब नहीं है. जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. नई रेत नीति में केवल राजस्व को महत्व दिया गया है, ठेकेदार जहां से चाहे वहां से रेत निकाल सकता है और मनमुताबिक दाम तय कर सकता है. रेत के दाम तय करने में सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, जिसका नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ रहा है. 15 हजार में मिलने वाली रेत मुनाफाखोरी की वजह से 25 हजार में मिल रही है.

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