जबलपुर। बिल भुगतान नहीं करने पर वृद्ध मरीज को बंधक बनाए जाने के मामले में सरकार ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश की है. सरकार की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि, अस्पताल को सीज करते हुए लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है और मानवाधिकार आयोग को भी स्थिति से अवगत करवा दिया गया है. केन्द्र सरकार ने जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया, जिसके बाद युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को निर्धारित की है.
गौरतलब है कि, प्रदेश के शाजापुर जिले के एक निजी अस्पताल प्रबंधन ने बिल का भुगतान नहीं होने पर वृद्ध मरीज को बेड से बांधकर रखा हुआ था. इस संबंध में अखबारों में फोटो सहित समाचार प्रकाशित हुए थे. मामले में सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल ने 11 जून को मप्र हाईकोर्ट को पत्र लिखा, जिसमें उक्त घटना को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था. पत्र की सुनवाई युगलपीठ द्वारा जनहित याचिका के रूप में करते हुए प्रदेश सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किया गया था. याचिका की सुनवाई के दौरान सोमवार को युगलपीठ के समक्ष सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए उक्त जानकारी पेश की. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा तथा केन्द्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जेके जैन उपस्थित हुए.