जबलपुर। सागर जिले की केसली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बघवारा के ग्राम रोजगार सहायक को शासन के निर्देशों का पालन किए बगैर बर्खास्त किए जाने संबंधी मामले में पूर्व आदेश के बावजूद भी कलेक्टर के उपस्थित न होने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. जस्टिस एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने पाया कि न तो कलेक्टर हाजिर हुए और न ही उन्होंने कोई आवेदन पेश किया. इस पर न्याायालय ने नाराजगी व्यक्त की.
रोजगार सहायक की याचिका पर सुनवाई : शासन की ओर से व्यक्तिगत कठिनाइयों का हवाला देते हुए समय की राहत चाही गई, जिस पर न्यायालय ने 25 अप्रैल को कलेक्टर को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के निर्देश दिये है. इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि यदि वह हाजिर नहीं हुए तो न्यायालय उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करेगा. उल्लेखनीय है कि यह मामला ग्राम रोजगार सहायक रामेश्वर प्रसाद सेन की ओर से दायर किया गया है. इसमें कहा गया कि उनकी नियुक्ति जॉब कार्डधारियों को सौ दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने में की गई थी. ग्राम पंचायत बघवारा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लेबर बजट निर्धारित प्रगति कार्य न होने का हवाला देते हुए कहा गया कि प्रगति कार्यों की संख्या के अनुरूप लेबर का नियोजन नहीं किया गया.
सेवा समाप्ति संबंधी निर्देशों का पालन नहीं : याचिका में बताया गया कि निर्धारित समय सीमा में मजदूरी का भुगतान का प्रतिशत भी कम है. जिस पर उन्हें कारण बताओ नोटिस देकर 23 फरवरी 2022 को सेवा समाप्त कर दी गई. आवेदक की ओर से कहा गया कि शासन ने समस्त कलेक्टरों को सेवा समाप्ति के संबंध में यह निर्देश दिया गया कि विधिवत सुनवाई का अवसर प्रदान करें. इतना ही नहीं छोटी-मोटी त्रुटियों में सेवा समाप्ति न करें, लेकिन कलेक्टर ने उक्त आदेश का पालन किए बगैर आवेदक को कोई सुनवाई का अवसर दिए बिना ही उक्त आदेश जारी कर दिया, जोकि अवैधानिक है. इस मामले में विगत 7 अप्रैल को हुई सुनवाई पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता की सेवा समाप्ति पर रोक लगाते हुए कलेक्टर को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गोपाल सिंह बघेल ने पक्ष रखा. (High Court warning to Sagar Collector) (Failure to termination instructions)