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विधि विभाग की चिट्ठी को हाईकोर्ट ने किया खारिज, अब अलग नहीं होंगे जबलपुर बेंच से छह जिले

हाईकोर्ट को एक पत्र विधि विभाग से भेजा गया था, जिसमें छह जिलों के इंदौर खंडपीठ में शामिल करने पर हाईकोर्ट की अनुमति मांगी गई थी. इस मामले पर न्यायाधीश ने विधि विभाग की चिट्ठी को खारिज कर दिया है और अब ये जिले जबलपुर से ही जुड़े रहेंगे.

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Published : Sep 14, 2019, 3:20 AM IST

अलग नहीं होंगे जबलपुर बेंच से छह जिले

जबलपुर। एक सप्ताह पहले जबलपुर हाईकोर्ट को एक पत्र विधि विभाग से भेजा गया था, जिसमें हरदा, खंडवा, हरसूद, बुरहानपुर, सिहोर और आष्टा को इंदौर खंडपीठ में शामिल करने पर हाईकोर्ट की अनुमति मांगी गई थी. इस बात का जबलपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया था और एक दिन का प्रतिवाद दिवस भी मनाया गया था.

अलग नहीं होंगे जबलपुर बेंच से छह जिले

इन जिलों के वकीलों ने जबलपुर से दूरी को आधार बनाकर खुद को इंदौर से जोड़ने की मांग की थी. इस पर जबलपुर के वकीलों का तर्क है कि जब सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है और पूरे देश के लोग उसमें सुनवाई के लिए पहुंचते हैं तो फिर हाईकोर्ट की दूरी इतनी अधिक नहीं मानी जा सकती. जहां ज्यादा जज और वकील होते हैं, वहां मुवक्किल को अच्छी सुनवाई का मौका मिलता है. इसलिए जबलपुर हाईकोर्ट को छोटा ना किया जाए.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस झा ने इस मुद्दे पर विधि विभाग की चिट्ठी को खारिज कर दिया है और अब ये जिले जबलपुर से ही जुड़े रहेंगे. हाईकोर्ट के इस फैसले पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने खुशी जताई है.

जबलपुर। एक सप्ताह पहले जबलपुर हाईकोर्ट को एक पत्र विधि विभाग से भेजा गया था, जिसमें हरदा, खंडवा, हरसूद, बुरहानपुर, सिहोर और आष्टा को इंदौर खंडपीठ में शामिल करने पर हाईकोर्ट की अनुमति मांगी गई थी. इस बात का जबलपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया था और एक दिन का प्रतिवाद दिवस भी मनाया गया था.

अलग नहीं होंगे जबलपुर बेंच से छह जिले

इन जिलों के वकीलों ने जबलपुर से दूरी को आधार बनाकर खुद को इंदौर से जोड़ने की मांग की थी. इस पर जबलपुर के वकीलों का तर्क है कि जब सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है और पूरे देश के लोग उसमें सुनवाई के लिए पहुंचते हैं तो फिर हाईकोर्ट की दूरी इतनी अधिक नहीं मानी जा सकती. जहां ज्यादा जज और वकील होते हैं, वहां मुवक्किल को अच्छी सुनवाई का मौका मिलता है. इसलिए जबलपुर हाईकोर्ट को छोटा ना किया जाए.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस झा ने इस मुद्दे पर विधि विभाग की चिट्ठी को खारिज कर दिया है और अब ये जिले जबलपुर से ही जुड़े रहेंगे. हाईकोर्ट के इस फैसले पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने खुशी जताई है.

Intro:बुरहानपुर खंडवा हरदा हरसूद सीहोर और आष्टा नहीं हटेंगे जबलपुर हाईकोर्ट के दायरे से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज की विधि विभाग की अनुशंसा


Body:जबलपुर 1 सप्ताह पहले जबलपुर हाईकोर्ट को एक पत्र विधि विभाग से भेजा गया था जिसमें हरदा खंडवा हरसूद बुरहानपुर सिहोर आष्टा को इंदौर खंडपीठ में शामिल करने पर हाईकोर्ट की अनुमति मांगी गई थी इस बात का जबलपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध जताया था और 1 दिन का प्रतिवाद दिवस भी मनाया गया था दरअसल इन जिलों के वकीलों ने जबलपुर से दूरी को आधार बनाकर खुद को इंदौर से जोड़ने की मांग की थी इस पर जबलपुर के वकीलों का तर्क है कि जब सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है और पूरे देश के लोग उसमें सुनवाई के लिए पहुंचते हैं तो फिर हाईकोर्ट की दूरी इतनी अधिक नहीं मानी जा सकती वही जहां ज्यादा जज और वकील होते हैं वहां मुवक्किल को अच्छी सुनवाई का मौका मिलता है इसलिए जबलपुर हाईकोर्ट को छोटा ना किया जाए हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस झा ने इस मुद्दे पर आज विधि विभाग की चिट्ठी को खारिज कर दिया और अब यह जिले जबलपुर से ही जुड़े रहेंगे


Conclusion:हाईकोर्ट के इस फैसले पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने खुशी जताई है बाइट रमन पटेल अध्यक्ष हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर
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