जबलपुर। मध्य प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Election 2022) पर रोक लगाने के लिए दायर पांच याचिकाओं पर गुरूवार को एमपी हाईकोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार (High Court Decision on MP Panchayat elections) करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.
चुनाव पर रोक लगाने कि लिए दायर हुई पांच याचिका
भोपाल निवासी मनमोहन नायर, नरसिंहपुर निवासी संदीप पटेल और भिंड से जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया सहित अन्य पांच याचिकाओं में तीन चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को चुनौती (Petition Filed in High Court Agaisnt Panchayat Election) दी थी. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने पूर्व की तरह आरक्षण लागू कर चुनाव करवाने के संबंध में अध्यादेश पारित किया है. सरकार द्वारा यह अध्यादेश कांग्रेस शासनकाल में निर्धारित आरक्षण को निरस्त कर लागू किया गया है. प्रदेश सरकार का यह आध्यादेश पंचायत चुनाव एक्ट का उल्लंधन करता है. इसलिए इस चुनाव पर रोक लगाई जानी चाहिए.
याचिका में कहा गया था कि पंचायत एक्ट में रोटेशन व्यवस्था का प्रावधान है. पूर्व की तरह आरक्षण करना पंचायम एक्ट की रोटेशन व्यवस्था के खिलाफ है. इसके अलावा 2018 में निवाड़ी जिला का गठन किया गया है. बिना सीमांकन किए नए जिले में पंचायत चुनाव नहीं करवाए जा सकते है. जिला पंचायत, जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद भी रोटेशन प्रक्रिया के तहत निर्धारित करने का प्रावधान है.
कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के ऐलान पर उठाए सवाल
कांग्रेस का कहना है कि 2014 के परिसीमन एवं आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव करवाना पूरी तरह अवैधानिक है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी सरकार के दबाव में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जल्दबाजी में कार्यक्रम का एलान कर दिया गया है, जबकि इस मामले में नोटिस जारी किए जा चुके हैं. सरकार को न्यायालय के नोटिस का जवाब देना चाहिए था. कांग्रेस इस मामले को न्यायालय में रखेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा अवैधानिक कार्य किया जा रहा है. कांग्रेस की मांग है कि निर्वाचन नए परिसीमन के आधार पर होना चाहिए.
हाईकोर्ट में 40 मिनट हुई सुनवाई
युगलपीठ ने लगभग 40 मिनट सुनवाई करने के बाद चुनाव प्रक्रिया में रोक लगाने से इनकार कर दिया. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, पूर्व महाधिवक्ता शशंक शेखर और हिमांशु मिश्रा ने पैरवी की.
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लोकतंत्र में सबसे छोटी इकाई पंचायत है। सरकार में रहते हुए भी कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को टालने की कोशिश की और आज भी यही कर रही है।
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सर्वोच्च न्यायालय में दायर करेंगे याचिका
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा (Senior Advocate Vivek Tankha) ने बताया कि एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. युगलपीठ का तर्क था कि पूर्व में ग्वालियर बैंच ने पंचायत चुनाव संबंधित चुनाव की सुनवाई करते हुए पंचायत चुनाव में रोक लगाने की अंतरित राहत देने से इनकार कर दिया था.
ग्वालियर बैंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायिक अनुशासन के कारण दूसरे बैंच इस मामले में अलग व्यू नहीं ले सकती है. तन्खा ने बताया कि इस संबंध में वह सर्वोच्च न्यायालय में याकिचा दायर करेंगे.
मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव का एलान
MP में पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Election 2022) तीन चरणों में संपन्न होगा. पहले चरण का चुनाव 6 जनवरी को होगा, जबकि दूसरे चरण का चुनाव 28 जनवरी को होगा और 16 फरवरी को अंतिम चरण के लिए मतदान होगा. नामांकन प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू होगी.