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UP की दीक्षा अग्रवाल और ऋतुराज को हाईकोर्ट ने दी सुरक्षा, लव मैरिज करने पर मिल रही थी धमकी - ऋतुराज पिता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की

प्रयागराज की दीक्षा अग्रवाल ने भोपाल के ऋतुराज सिंह राजपूत से शादी करने के बाद धमकी मिल रही थी. जिसके बाद ऋतुराज के पिता बीके राजपूत ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी. जिसपर हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.

दीक्षा अग्रवाल और ऋतुराज को हाईकोर्ट ने दी सुरक्षा
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Published : Jul 24, 2019, 11:11 AM IST

जबलपुर। प्रयागराज की दीक्षा अग्रवाल ने भोपाल के ऋतुराज सिंह राजपूत से शादी करने के बाद सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी. ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था, जिसके बाद इस पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट का कहना है कि इलाहाबाद की पुलिस और लड़की के परिजन भोपाल पुलिस अधीक्षक की अनुमति के बिना दीक्षा और ऋतुराज से नहीं मिल सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर प्रेमी जोड़ा व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवेदन करता है, तो राज्य सरकार इन्हें पुलिस की सुरक्षा भी मुहैया करवाएगी.

दीक्षा अग्रवाल और ऋतुराज को हाईकोर्ट ने दी सुरक्षा


बता दें कि प्रयागराज की दीक्षा अग्रवाल और भोपाल के ऋतुराज सिंह राजपूत फेसबुक के जरिए संपर्क में आए थे. बाद में दोनों में प्रेम हुआ और उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली. दीक्षा इलाहाबाद के पूर्व उपमहापौर मुरारी लाल अग्रवाल की पोती है और शादी के बाद से ही उसे धमकियां मिल रही थी, इसलिए उसने सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया था. इसके साथ ही ऋतुराज के पिता बीके राजपूत ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी.


वहीं शादी के बाद युवती के परिजन यूपी पुलिस के साथ युवक के घर पहुंचे और जमकर हंगामा किया. इससे युवक की मां की तबीयत बिगड़ थी. परिजन अपनी बेटी से मिलने को लेकर अड़े हैं. घटना के बाद युवक के पिता ने प्रशासन से सुरक्षा देने की मांग की है.

जबलपुर। प्रयागराज की दीक्षा अग्रवाल ने भोपाल के ऋतुराज सिंह राजपूत से शादी करने के बाद सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी. ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था, जिसके बाद इस पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट का कहना है कि इलाहाबाद की पुलिस और लड़की के परिजन भोपाल पुलिस अधीक्षक की अनुमति के बिना दीक्षा और ऋतुराज से नहीं मिल सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर प्रेमी जोड़ा व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवेदन करता है, तो राज्य सरकार इन्हें पुलिस की सुरक्षा भी मुहैया करवाएगी.

दीक्षा अग्रवाल और ऋतुराज को हाईकोर्ट ने दी सुरक्षा


बता दें कि प्रयागराज की दीक्षा अग्रवाल और भोपाल के ऋतुराज सिंह राजपूत फेसबुक के जरिए संपर्क में आए थे. बाद में दोनों में प्रेम हुआ और उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली. दीक्षा इलाहाबाद के पूर्व उपमहापौर मुरारी लाल अग्रवाल की पोती है और शादी के बाद से ही उसे धमकियां मिल रही थी, इसलिए उसने सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया था. इसके साथ ही ऋतुराज के पिता बीके राजपूत ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी.


वहीं शादी के बाद युवती के परिजन यूपी पुलिस के साथ युवक के घर पहुंचे और जमकर हंगामा किया. इससे युवक की मां की तबीयत बिगड़ थी. परिजन अपनी बेटी से मिलने को लेकर अड़े हैं. घटना के बाद युवक के पिता ने प्रशासन से सुरक्षा देने की मांग की है.

Intro:इलाहाबाद के पूर्व उपमहापौर की पोती ने अंतर जाति विवाह के बाद सोशल मीडिया पर सुरक्षा की गुहार लगाई मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने


Body:जबलपुर उत्तर प्रदेश के बरेली की साक्षी के बाद इलाहाबाद की दीक्षा ने भी मांगी सोशल मीडिया के जरिए सुरक्षा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वीकार की प्रेमी जोड़े की गुहार

इलाहाबाद की दीक्षा अग्रवाल और ऋतुराज सिंह राजपूत का फेसबुक के जरिए आपस में संपर्क हुआ और दीक्षा ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ भोपाल के रितुराज राजपूत से शादी कर ली है दीक्षा इलाहाबाद के पूर्व उपमहापौर मुरारी लाल अग्रवाल की पोती है और शादी के बाद से ही दीक्षा को धमकियां मिल रही थी इसलिए दीक्षा ने सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर अपना वीडियो वायरल किया था इसके साथ ही दीक्षा रितुराज राजपूत और ऋतुराज के पिता बीके राजपूत ने हाई कोर्ट मैं आवेदन लगा कर प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान प्रेमी जोड़े के आवेदन को स्वीकार करते हुए आदेश दिया है इलाहाबाद की पुलिस और दीक्षा का परिवार भोपाल पुलिस अधीक्षक की अनुमति के बिना दीक्षा ऋतुराज या उसके परिवार से कोई बातचीत नहीं करेगा इसके साथ ही यदि प्रेमी जोड़ा व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवेदन करता है तो राज्य सरकार इन्हें पुलिस की सुरक्षा भी मुहैया करवाएगी


Conclusion:सोशल मीडिया के जरिए सुरक्षा मांगने का यह तीसरा मामला है बेशक लड़कियों को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार होना चाहिए लेकिन क्या मां बाप को उनसे मिलने तक की छूट नहीं दी जानी चाहिए क्या मां-बाप के लिए लड़कियों के दरवाजे बंद करना मां बाप की अधिकारों का हनन नहीं है
बाइट रामेश्वर सिंह राजपूत एडवोकेट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट
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