जबलपुर। रक्त दान के प्रति प्रदेश सरकार द्वारा उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा हैं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 19 मई 2021 को निर्धारित की गई हैं.
डॉक्टर योगेश्वर प्रसाद शुक्ला ने याचिका की दायर
भोपाल निवासी डॉक्टर योगेश्वर प्रसाद शुक्ला की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया कि अप्रैल 2028 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी प्रदेशों को निर्देश जारी किए थे कि ई-पोर्टल रक्त कोष में उपलब्ध ब्लड और ब्लड डोनेट कैंप के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाएं. प्रदेश सरकार ने उक्त पोर्टल में ब्लड कैंप और उपलब्धता के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी.
पांच मार्च 2021 को गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसमें वैक्सीकरण करवाने वाला व्यक्ति 28 दिनों तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकता हैं. इसके बाद फिर पांच मई को गाइडलाइन जारी की गई, जिसके अनुसार वैक्सीकरण करवाने वाला व्यक्ति 14 दिन बाद रक्त दान कर सकता हैं. इस संबंध में भी सरकार द्वारा किसी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा हैं. ब्लड डोनेट के लिए कोरोना पास जारी करने के भी दिशा-निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन नहीं किया जा रहा हैं.
कोरोना संक्रमण को लेकर हाई कोर्ट की एमपी सरकार को फटकार
याचिका में यह भी कहा गया कि सरकार ने ब्लड बैंक को 50 से 60 यूनिट ब्लड रिजर्व रखने का निर्देश दिया हैं. सरकार द्वारा रक्त दान के प्रति उदासीनता बरतने के कारण प्रदेश में ब्लड की दिक्कत उत्पन्न हो सकती हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रिषभ दुबे ने पैरवी की.