जबलपुर। पुलिस कर्मियों के हालात पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से पुलिस बल की स्थिती के बारे में सवाल किया है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि प्रतिलाख आबादी पर कितने पुलिसकर्मी तैनात हैं. पुलिस कर्मी कितने घंटे काम करते है और उपद्रव के दौरान वाले नुकसान की भरपाई कैसे की जाती है. इन्ही सब मुद्दों पर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से जबाव मांगा है.
मध्यप्रदेश में पुलिस की भारी कमी है, समाज में नशा अपराध और गैरकानूनी कारोबार होने की एक बड़ी वजह पुलिस की कमी है. हाईकोर्ट ने इस बात का जिक्र किया है कि प्रदेश के पुलिस विभाग की तमाम गतिविधियों को हाईकोर्ट की निगरानी में पूरा करना होगा. राज्य सरकार ने इस मामले में 4 सप्ताह का समय मांगा है. 4 सप्ताह बाद राज्य सरकार हाईकोर्ट में अपनी स्थिति साफ करेगी.
हालाकी भले ही सुप्रीम कोर्ट आदेश दे या हाई कोर्ट प्रदेश सरकार से सवाल करे. प्रदेश सरकार के बजट में पैसा नहीं होगा तो पुलिस कर्मियों की भर्ती नहीं की जा सकती. सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करना है, तो पहले राज्य सरकार को अपना खजाना भरना होगा.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है और प्रदेश सरकार से सवाल किये है.
- हाई कोर्ट ने सरकार की दशा के बारे में सवाल किये
- देशभर में पुलिसकर्मी सुरक्षीत महसूस करे यही है सुप्रीम कोर्ट का उद्देश्य
- प्रतिलाख आबादी पर कितने पुलिसकर्मी तैनात हैं हाई कोर्ट का सवाल
- राज्य सरकार ने जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा है
- प्रदेश में पुलिस कर्मियो की भारी कमी