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ट्रैफिक नियमों का ठीक से पालन नहीं होने पर कोर्ट की सख्ती, परिवहन आयुक्त व एडीजीपी को अवमानना नोटिस

Highcourt News Jabalpur :प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का सुनिश्चित तौर पर परिपालन नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रभारी परिवहन आयुक्त व पुलिस मुख्यालय के एडीजीपी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए.

Highcourt News Jabalpur traffic rules mp
परिवहन आयुक्त व एडीजीपी को अवमानना नोटिस
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 10:46 AM IST

जबलपुर. प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट (motor vehicle act) का सही तौर पर परिपालन नहीं होने पर हाईकोर्ट (Highcourt Jabalpur) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की. मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रभारी परिवहन आयुक्त व पुलिस मुख्यालय के एडीजीपी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। इस दौरान उन्हें कोर्ट द्वारा शो-कॉज नोटिस जारी किए गए.

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, पिछले दिनों विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की ओर से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गई थी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है। याचिका में कहा गया था कि सर्वाेच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किए हैं, लेकिन प्रदेश में इसका पालन नहीं हो रहा.

तो कम होंगी सड़क दुर्घटनाओं में मौत

याचिका में आगे कहा गया कि मोटर व्हीकल एक्ट में हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना और हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है, लेकिन प्रदेश में किसी भी नियम का पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी.

परिवहन आयुक्त व एडीजीपी को नोटिस

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की और से चालानी कार्रवाई का डाटा पेश किया गया था. जिसपर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सड़कों पर हेलमेट लगाकर वाहन चलाते लोग नजर नहीं आते हैं इसलिए कागजी कार्रवाई नहीं बल्कि मैदानी कार्रवाई करनी चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश तोमर ने बताया कि युगलपीठ ने वर्तमान कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक्ट में दिए गए प्रावधानों का परिपालन करने के लिए काफी समय दिया गया था, पर ऐसा हुआ नहीं. जिसके बाद युगलपीठ ने अवमानना के संबंध में दोनों अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किए.

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जबलपुर. प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट (motor vehicle act) का सही तौर पर परिपालन नहीं होने पर हाईकोर्ट (Highcourt Jabalpur) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की. मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रभारी परिवहन आयुक्त व पुलिस मुख्यालय के एडीजीपी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। इस दौरान उन्हें कोर्ट द्वारा शो-कॉज नोटिस जारी किए गए.

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, पिछले दिनों विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की ओर से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गई थी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है। याचिका में कहा गया था कि सर्वाेच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किए हैं, लेकिन प्रदेश में इसका पालन नहीं हो रहा.

तो कम होंगी सड़क दुर्घटनाओं में मौत

याचिका में आगे कहा गया कि मोटर व्हीकल एक्ट में हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना और हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है, लेकिन प्रदेश में किसी भी नियम का पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी.

परिवहन आयुक्त व एडीजीपी को नोटिस

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की और से चालानी कार्रवाई का डाटा पेश किया गया था. जिसपर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सड़कों पर हेलमेट लगाकर वाहन चलाते लोग नजर नहीं आते हैं इसलिए कागजी कार्रवाई नहीं बल्कि मैदानी कार्रवाई करनी चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश तोमर ने बताया कि युगलपीठ ने वर्तमान कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक्ट में दिए गए प्रावधानों का परिपालन करने के लिए काफी समय दिया गया था, पर ऐसा हुआ नहीं. जिसके बाद युगलपीठ ने अवमानना के संबंध में दोनों अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किए.

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