जबलपुर। पूर्व मंत्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू को हाईकोर्ट से राहत मिली है, शासकीय कार्य में व्यवधान डालने के आरोध में एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय ने उन्हें सजा से दण्डित किया था, जिसे अब हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने दायर अपील की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया है. बता दें कि 23 साल पहले आपराधिक मामले को लेकर 2019 में विधायक को 1 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
2000 में घटी थी घटना: अभियोजन के अनुसार पूर्व मंत्री व भाजपा नेता हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू ने विधायक रहते हुए दिनांक 28 जून 2000 को गोहलपुर थाने में सब इंस्पेक्टर राम स्वस्प पंद्र के साथ गाली-गलौज करते हुए स्टूल से हमला करने का प्रयास किया था. इस घटना के बाद पुलिस ने कृषि उपज मंडी के सामने कार में सवार 6 व्यक्तियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था और आरोपियों के खिलाफ 25 आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. बता दें कि जिस कार में युवक सवार थे, वह विधायक के भाई के नाम पर रजिस्टर्ड थी.
पढ़ें इससे जुड़ी खबरें... |
पूर्व मंत्री बब्बू ने इंस्पेक्टर पर क्यों किया था हमला: विधायक सब इंस्पेक्टर से इस बात पर गुस्सा थे कि 24 जून 2000 को इंदू तिवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण उसे 2 दिन बाद न्यायालय से जमानत मिल गई थी. दरअसल इंदू तिवारी के नाम पर रजिस्टर्ड ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मारी थी, कार में विधायक हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू और उनके भाई परमजीत सिंह सवार थे. पुलिस ने धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया था, जिसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर पंद्रे द्वारा की गई थी.
विधायक के ऊपर लगे सभी आरोप खारिज: विधायक के ऊपर लगे आरोपों को हटाने के लिए अपीलकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया था कि घटना 28 जून 2000 की है और एफआईआर 2 साल बाद मार्च 2002 में दर्ज की गई थी. देर से एफआईआर दर्ज करवाए जाने के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. इसके अलावा शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा था कि घटना के समय वह शासकीय कार्य नहीं कर रहे थे, प्रकरण में गवाह बनाए गए 2 पुलिस कर्मियों ने घटना से इंकार कर दिया था. पूरे मामले की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अपील को स्वीकार करते हुए एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय द्वारा धारा 353 के तहत 1 साल के कारावास और 2 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने के आदेश को खारिज कर दिया गया.