जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जूनियर डॉक्टर हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आए हैं. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस सुजय पॉल की युगलपीठ के सामने ये जानकारी प्रस्तुत की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टर की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कुछ जूनियर डॉक्टरों को राशि जमा करने का नोटिस भी दिया है, जिसपर महाधिवक्ता ने जारी नोटिस को वापस लेने का आश्वासन भी कोर्ट को दिया.
राशि जमा करवाने के नोटिस भी होंगे कैंसिल
जूनियर डॉक्टर की हड़ताल को लेकर लगाई गई याचिका पर सोमवार को फिर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को जानकारी दी गई कि हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर कोर्ट का आदेश मानते हुए काम पर लौट आए हैं. इस दौरान जूनियर डॉक्टर्स ने हाई कोर्ट के सामने कुछ मेडिकल स्टूडेंट को कॉलेज प्रबंधन की तरफ से राशि जमा करवाने के लिए दिए गए नोटिस की भी जानकारी दी गई. इन नोटिस को वापस लेने का आश्वासन महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट को दिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार 9 जून को तय की गई है.
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हड़ताल के खिलाफ लगाई गई थी याचिका
जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने के बाद 3 जून के जबलपुर के अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल को 2018 में दिए गए हाई कोर्ट के निर्णय का अवहेलना बताई थी. याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि 25 जुलाई 2018 को हाई कोर्ट ने चिकित्सा सेवा को अतिआवश्यक सेवा घोषित किया था. और अत्यावश्यक सेवा संधारन तथा विचिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के तहत चिकित्स सेवा के कर्मचारी सामुहिक अवकाष तथा हडताल पर नहीं जा सकते है. इसके बाद 3 जून को हाई कोर्ट ने हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए जूडा को 24 घंटे में काम पर लौटने के निर्देश दिए थे.