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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी परिसीमन की सूची, 12 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

हाईकोर्ट में परिसीमन के मामले को लेकर सुनवाई हुई है, नगरी निकाय और ग्रामीण निकायों के परिसीमन से जुड़ी 45 याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई हैं.

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Published : Feb 5, 2020, 2:38 AM IST

Updated : Feb 5, 2020, 3:41 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हो रहे परिसीमन की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इंदौर की ग्राम पंचायतों में गलत तरीके से परिसीमन किया गया है.

परिसीमन की हुई सुनवाई


दरअसल, ग्रामीणों को जिस ग्राम पंचायत में लोगों का नाम रखा गया था, उसे बदलकर दूसरी ग्राम पंचायतों में शिफ्ट कर दिया गया है. याचिकाकर्ताओं की तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ग्राम पंचायतों की हुई परिसीमन की कार्रवाई की सूची मांगी है, जिस पर अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को नियत की गई है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों का परिसीमन किया गया है, इस परिसीमन में कई लोगों ने आपत्तियां दर्ज करवाई हैं.


लोगों का कहना है कि उन्हें जिस वार्ड पंचायत या नगर पालिका में जोड़ा गया है, वह सही नहीं है और उनको दूसरी जगह जोड़ा जाना चाहिए. लेकिन, इसमें जहां उन्हें पहली बार अपनी शिकायत दर्ज करवानी थी वहां पर नहीं करवाई और सीधे वह कोर्ट आ गए हैं. इसलिए कोर्ट इन सब चीजों की बारीकी को देख रहा है कि आपको जहां शिकायत करवानी थी, वहां पहले आप गए कि नहीं गए, वहीं इस बात पर भी आपत्ति दर्ज करवाई गई थी कि यह परिसीमन की पूरी प्रक्रिया राज्यपाल के आदेश के बाद की जाती है, लेकिन आरोप लगाया गया है कि कलेक्टरों ने अपनी मर्जी से इस प्रक्रिया को किया है. इसलिए प्रक्रिया को असंवैधानिक माना जाए.


सरकारी वकीलों का कहना है कि ऐसा नहीं है, कलेक्टर भी इसका प्रकाशन कर सकते हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 12 तारीख को की जाएगी. परिसीमन को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में तकरीबन 45 याचिकाएं दायर की गई, हर याचिका में अलग-अलग तर्कों के साथ परिसीमन की कार्रवाई को चुनौती दी गई है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हो रहे परिसीमन की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इंदौर की ग्राम पंचायतों में गलत तरीके से परिसीमन किया गया है.

परिसीमन की हुई सुनवाई


दरअसल, ग्रामीणों को जिस ग्राम पंचायत में लोगों का नाम रखा गया था, उसे बदलकर दूसरी ग्राम पंचायतों में शिफ्ट कर दिया गया है. याचिकाकर्ताओं की तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ग्राम पंचायतों की हुई परिसीमन की कार्रवाई की सूची मांगी है, जिस पर अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को नियत की गई है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों का परिसीमन किया गया है, इस परिसीमन में कई लोगों ने आपत्तियां दर्ज करवाई हैं.


लोगों का कहना है कि उन्हें जिस वार्ड पंचायत या नगर पालिका में जोड़ा गया है, वह सही नहीं है और उनको दूसरी जगह जोड़ा जाना चाहिए. लेकिन, इसमें जहां उन्हें पहली बार अपनी शिकायत दर्ज करवानी थी वहां पर नहीं करवाई और सीधे वह कोर्ट आ गए हैं. इसलिए कोर्ट इन सब चीजों की बारीकी को देख रहा है कि आपको जहां शिकायत करवानी थी, वहां पहले आप गए कि नहीं गए, वहीं इस बात पर भी आपत्ति दर्ज करवाई गई थी कि यह परिसीमन की पूरी प्रक्रिया राज्यपाल के आदेश के बाद की जाती है, लेकिन आरोप लगाया गया है कि कलेक्टरों ने अपनी मर्जी से इस प्रक्रिया को किया है. इसलिए प्रक्रिया को असंवैधानिक माना जाए.


सरकारी वकीलों का कहना है कि ऐसा नहीं है, कलेक्टर भी इसका प्रकाशन कर सकते हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 12 तारीख को की जाएगी. परिसीमन को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में तकरीबन 45 याचिकाएं दायर की गई, हर याचिका में अलग-अलग तर्कों के साथ परिसीमन की कार्रवाई को चुनौती दी गई है.

Intro:हाई कोर्ट में आज परिसीमन के मामले को लेकर सुनवाई हुई नगरी निकाय और ग्रामीण निकायों के परिसीमन से जुड़ी 45 याचिकाएं हाईकोर्ट में।Body: जबलपुर मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हो रहे परिसीमन की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इंदौर की ग्राम पंचायतों में गलत तरीके से परिसीमन किया गया है। दरअसल ग्रामीणों को जिस ग्राम पंचायत में लोगों का नाम रखा गया था उसे बदलकर दूसरी ग्राम पंचायतों में शिफ्ट कर दिया गया है याचिकाकर्ताओं की तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ग्राम पंचायतों की हुई परिसीमन की कार्रवाई की सूची मांगी है जिस पर अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को नियत की गई है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों का परिसीमन किया गया है इस परिसीमन में कई लोगों ने आपत्तियां दर्ज करवाई हैं लोगों का कहना है कि उन्हें जिस वार्ड पंचायत या नगरपालिका में जोड़ा गया है वह सही नहीं है और उनको दूसरी जगह जोड़ा जाना चाहिए। लेकिन इसमें जहां उन्हें पहली बार अपनी शिकायत दर्ज करवानी थी वहां पर नहीं करवाई और सीधे वह कोर्ट आ गए हैं इसलिए कोर्ट इन सब चीजों की बारीकी को देख रहा है कि आपको जहां शिकायत करवाने थे। वहां पहले आप गए कि नहीं गए वहीं इस बात पर भी आपत्ति दर्ज करवाई गई थी कि यह परिसीमन की पूरी प्रक्रिया राज्यपाल के आदेश के बाद की जाती है लेकिन आरोप लगाया गया है कि कलेक्टरों ने अपनी मर्जी से इस प्रक्रिया को किया है। इसलिए प्रक्रिया को असंवैधानिक माना जाए। लेकिन सरकारी वकीलों का कहना है कि ऐसा नहीं है कलेक्टर भी इसका प्रकाशन कर सकते हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 12 तारीख को की जाएगी। परिसीमन को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में तकरीबन 45 याचिकाएं दायर की गई। हर याचिका में अलग-अलग तर्कों के साथ परिसीमन की कार्रवाई को चुनौती दी गई हैConclusion:वाइट शशांक शेखर महाधिवक्ता मध्यप्रदेश सरकार
Last Updated : Feb 5, 2020, 3:41 AM IST
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