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OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट में सुनवाई, 5 फरवरी तक दोनों पक्ष रख सकते हैं पक्ष - अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए विभिन्न पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण के मुद्दे पर आज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को 5 फरवरी तक अपना तर्क रखने का मौका दिया है.

Hearing in High Court on reservation of Other Backward Classes
OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Jan 31, 2020, 3:21 PM IST

जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए विभिन्न पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई में राज्य सरकार और पिछड़ा वर्ग की ओर से वकीलों ने तर्क रखा कि इस मुद्दे पर अभी फैसला ना दिया जाए, क्योंकि इसी तरह की कई और याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं.

OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट में सुनवाई

5 फरवती को पक्ष रखने का मौका
राज्य सरकार का एक और तर्क है कि आरक्षण अधिनियम के जरिए दिया जा रहा है. इसलिए इसे कोर्ट रद्द नहीं कर सकती. फिलहाल हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से 5 फरवरी तक अपना पक्ष रखने का मौका दिया है और ये आदेश दिया है कि प्रक्रिया को ना रोका जाए. केवल अंतिम परिणाम कोर्ट की अंतिम सुनवाई के बाद ही जारी किए जाए.

बीते दिनों कोर्ट ने दिया था ये आदेश
इस मुद्दे पर राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल आने वाले थे, लेकिन वे आज जबलपुर नहीं पहुंचे. बीते दिनों हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने 27 फीसदी आरक्षण की बजाए 14 फीसदी आरक्षण देने का आदेश दिया था, लेकिन इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने दूसरे दिन कोर्ट में अपील लगाई और फिर से सुनवाई करने की इजाजत मांगी थी, जिसके बाद इस मामले पर आज सुनवाई हुई.

इसलिए कोर्ट पहुंचा मामला
राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया है और इसी के आधार पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी कर, चयन प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन 27 प्रतिशत आरक्षण की वजह से इन पदों पर आरक्षण का प्रतिशत 50 फीसदी से ज्यादा हो गया था, इसलिए इसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए विभिन्न पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई में राज्य सरकार और पिछड़ा वर्ग की ओर से वकीलों ने तर्क रखा कि इस मुद्दे पर अभी फैसला ना दिया जाए, क्योंकि इसी तरह की कई और याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं.

OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट में सुनवाई

5 फरवती को पक्ष रखने का मौका
राज्य सरकार का एक और तर्क है कि आरक्षण अधिनियम के जरिए दिया जा रहा है. इसलिए इसे कोर्ट रद्द नहीं कर सकती. फिलहाल हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से 5 फरवरी तक अपना पक्ष रखने का मौका दिया है और ये आदेश दिया है कि प्रक्रिया को ना रोका जाए. केवल अंतिम परिणाम कोर्ट की अंतिम सुनवाई के बाद ही जारी किए जाए.

बीते दिनों कोर्ट ने दिया था ये आदेश
इस मुद्दे पर राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल आने वाले थे, लेकिन वे आज जबलपुर नहीं पहुंचे. बीते दिनों हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने 27 फीसदी आरक्षण की बजाए 14 फीसदी आरक्षण देने का आदेश दिया था, लेकिन इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने दूसरे दिन कोर्ट में अपील लगाई और फिर से सुनवाई करने की इजाजत मांगी थी, जिसके बाद इस मामले पर आज सुनवाई हुई.

इसलिए कोर्ट पहुंचा मामला
राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया है और इसी के आधार पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी कर, चयन प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन 27 प्रतिशत आरक्षण की वजह से इन पदों पर आरक्षण का प्रतिशत 50 फीसदी से ज्यादा हो गया था, इसलिए इसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

Intro:अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के मुद्दे पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई एक बार फिर राज्य सरकार को पक्ष रखने का मौका दिया चयन प्रक्रिया जारी रहेगी अंतिम परिणाम हाईकोर्ट के आदेश के बादBody:जबलपुर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए विभिन्न पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के मुद्दे पर आज सुनवाई की गौरतलब है की राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण दिया है और इसी के आधार पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी करके चयन प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन 27% आरक्षण की वजह से इन पदों पर आरक्षण का प्रतिशत 50% से ज्यादा हो गया था इसलिए इसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई बीते दिनों हुई सुनवाई में हाईकोर्ट में 27% आरक्षण की बजाए 14% आरक्षण देने का आदेश दिया था और लेकिन इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने दूसरे दिन कोर्ट में अपील लगाई और फिर से सुनवाई करने की इजाजत मांगी आज इस मुद्दे पर सुनवाई हुई तब राज्य सरकार की ओर से और पिछड़ा वर्ग की ओर से वकीलों ने तर्क रखा कि इस मुद्दे पर अभी फैसला ना दिया जाए क्योंकि इसी आशय की कई और याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं राज्य सरकार का एक और तर्क है की है आरक्षण अधिनियम के जरिए दिया जा रहा है इसलिए इसे कोर्ट रद्द नहीं कर सकती फिलहाल हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से 5 तारीख को अपना तर्क रखने का मौका दिया है और यह आदेश दिया है कि प्रक्रिया को ना रोका जाए केवल अंतिम परिणाम कोर्ट की अंतिम सुनवाई के बाद ही जारी किए जाएं इस मुद्दे पर राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल आने वाले थे लेकिन वे आज जबलपुर नहीं पहुंचेConclusion:बाइट सिद्धार्थ गुप्ता एडवोकेट याचिकाकर्ता बाइट रामेश्वर सिंह एडवोकेट अन्य पिछड़ा वर्ग
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